उत्तराखंड सूचना आयुक्त ने सुनाया एक अहम फैसला, वांछित अहर्ता, शैक्षिक योग्यता और अनुभव थर्ड पार्टी सूचनाएं नहीं : योगेश भट्ट।

उत्तराखंड सूचना आयुक्त ने सुनाया एक अहम फैसला, वांछित अहर्ता, शैक्षिक योग्यता और अनुभव थर्ड पार्टी सूचनाएं नहीं : योगेश भट्ट।

उत्तराखंड सूचना आयुक्त ने सुनाया एक अहम फैसला

शैक्षिक अभिलेखों को आरटीआइ में दिए जाने को लेकर उत्तराखंड सूचना आयोग ने अहम आदेश जारी किया है। एक अपील की सुनवाई के क्रम में जारी आदेश में राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने स्पष्ट किया है कि जिस भी विभाग या प्रतिष्ठान पर आरटीआई एक्ट लागू होता है, वह नियुक्ति संबंधी अभिलेखों को आरटीआइ में उपलब्ध कराने से इनकार नहीं कर सकता है। इस तरह के अभिलेख थर्ड पार्टी या व्यक्तिगत सूचना नहीं है और इन्हें उपलब्ध न कराना सूचना का अधिकार अधिनियम की मूल भावना के विरुद्ध है।

देहरादून। राजकीय सेवा में किसी भी पद के चयन के लिए वांछित अर्हता, शैक्षिक योग्यता एवं अनुभव आदि प्रमाण पत्र चयन के उपरांत परा व्यक्ति (थर्ड पार्टी) अथवा व्यक्तिगत सूचना नहीं है। सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थी द्वारा चयन हेतु वांछित योग्यता एवं अर्हता संबंधी प्रमाण लोक प्राधिकार द्वारा थर्ड पार्टी सूचना बताकर देने से इंकार नहीं किया जा सकता। जिन योग्यता प्रमाण पत्रों के आधार पर राजकीय सेवा में किसी व्यक्ति का सेवा हेतु चयन हुआ है वह प्रमाण पत्र संबंधित संस्थान अथवा नियोक्ता की अभिलेखीय संपत्ति है।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/20099

राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने एक निर्णय में स्पष्ट किया है कि जिन अर्हता एवं योग्यता प्रमाण पत्रों के आधार पर सूचना अधिकार के अंतर्गत आने वाले लोक प्राधिकार में चयन किया जाता है उन्हें सार्वजनिक न किया जाना अथवा सूचना अधिकार के अंतर्गत देने से मना किया जाना सूचना अधिकार अधिनियम की मूल भावना पारदर्शिता के विपरीत है। किसी भी लोक प्राधिकार के अंतर्गत कार्मिकों की नियुक्ति में पारदर्शिता व्यापक लोकहित का विषय है। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने दून विश्वविद्यालय के लोक सूचना अधिकारी को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित हुए अभ्यर्थी के सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वांछित अर्हता एवं योग्यता संबंधी प्रमाण पत्रों की प्रति उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

 

रामनगर, नैनीताल निवासी जगतपाल द्वारा दून विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर पद के चयन हेतु साक्षात्कार में उपस्थित अभ्यर्थियों की सूची एवं साक्षात्कार के प्राप्तांकों सहित चयनित अभ्यर्थी के नियुक्ति संबंधी अर्हता एवं शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जानकारी मांगी थी। लोक सूचना अधिकारी द्वारा चयनित अभ्यर्थी की सूचना को निजी बताते हुए सूचना देने से इंकार किया गया था। अपीलार्थी द्वारा इस संबंध में राज्य सूचना आयोग में अपील करते हुए चयनित अभ्यर्थियों से संबंधित सूचना उपलब्ध कराने की मांग की गयी।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/19881

आयोग ने सुनवाई करते हुए चर्चा के उपरांत स्पष्ट किया गया कि किसी पद विशेष पर चयन हेतु निर्धारित योग्यता एवं अर्हता संबंधी प्रमाण पत्र चयनित होने वाले अभ्यर्थी की निजी सूचना नहीं बल्कि अभिलेख के रूप में नियोक्ता संस्थान की संपत्ति है। जिन अर्हता एवं योग्यता प्रमाण पत्रों के आधार पर सूचना अधिकार के अंतर्गत आने वाले लोक प्राधिकार में चयन किया जाता है उन्हें सार्वजनिक न किया जाना अथवा सूचना अधिकार के अंतर्गत देने से मना किया जाना सूचना अधिकार अधिनियम की मूल भावना- ‘पारदर्शिता’ के विपरीत है।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/19971

यह स्पष्ट किया जाता है कि शैक्षिक योग्यता संबंधी प्रमाण पत्र तभी तक निजी सूचना है जब तक कि उनके आधार पर कोई सार्वजनिक लाभ न लिया गया हो। उपस्थित लोक सूचना अधिकारी द्वारा आश्वस्त किया गया कि असिस्टेन्ट प्रोफेसर की अर्हता से संबंधित जो प्रमाण पत्र हैं उनकी प्रति एक सप्ताह के अंदर अपीलार्थी को उपलब्ध करा दी जाएगी।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/20036

लोक सूचना अधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि दिये गये आश्वासन के अनुरूप असिस्टेन्ट प्रोफेसर की अर्हता से संबंधित प्रमाण पत्रों की प्रति एक सप्ताह के अंदर अपीलार्थी को उपलब्ध कराते हुए कृत अनुपालन से आयोग को भी अवगत कराना सुनिश्चित करें।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/20167

 

uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

[democracy id="1"]

अपात्र लोगों के आधार और वोटर आईडी बनाए या दिए बिजली-पानी कनेक्शन, बर्खास्त होंगे कर्मचारी,चारधाम यात्रा के बेहतर प्रबंधन, वनाग्नि को रोकने और पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए- मुख्यमंत्री धामी