नही रहे वरिष्ठ पत्रकार मधुकांत प्रेमी , 92 साल की उम्र में ली अंतिम सांस, पत्रकारिता जगत में छायी शोक की लहर ,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया दुःख।
हरिद्वार ( उत्तराखंड ) उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार मधुकांत प्रेमी अब हमारे बीच नहीं रहे। मंगलवार की सुबह उन्होंने हरिद्वार में अंतिम सांस ली उनके निधन से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है। मधुकांत प्रेमी का 2 बजे कनखल शमशान घाट हरिद्वार में अंतिम संस्कार किया गया। चिता को उनके बेटे अवनीश प्रेमी ने मुखाग्नि दी
इस दुःख की घड़ी में पत्रकारिता जगत के साथ ही सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित तमाम राजनीतिक हस्तियों ने प्रेमी के निधन पर गहरा शोक प्रकट कर उन्हें नमन किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी मधुकांत प्रेमी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा, “मधुकांत प्रेमी जी का निधन पत्रकारिता जगत और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनका जीवन सत्य, ईमानदारी और समाज की सेवा में समर्पित था।”
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति और उनके शोक-संतप्त परिवार को धैर्य और साहस प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि प्रेमी जी की पत्रकारिता का उद्देश्य हमेशा समाज के हक की लड़ाई और उसके कल्याण को बढ़ावा देना था, जो हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेगा।
आपातकाल में पांच बार जेल गए थे मधुकांत प्रेमी
25 जून 1975 को आपातकाल लागू होने के बाद से ही मीडिया पर सेंसरशिप लागू हो गई थी. आपातकाल की आड़ में तत्कालीन सरकार के बीस सूत्री और पांच सूत्री कार्यक्रमों के क्रियान्वयन विशेषकर नसबंदी को लेकर आम जनता के साथ ज्यादती का दौर शुरू हुआ था. पत्रकारिता के धर्म का पालन करते हुए उन्होंने इसके सच से जनता को रूबरू कराने की कोशिश की तो सरकार उनसे नाराज हो गई. जिसके बाद उन्हें पांच बार सरकार की ओर से जेल भेजकर उत्पीड़न किया गया।
Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa