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नौकरी के लिए बैंकॉक गए खटीमा-बनबसा के लड़कों को म्यांमार में बनाया बंधक, म्यांमार में फंसे पांच लोगों को भारत वापस लाने की परिजनों ने की मांग।

नौकरी के लिए बैंकॉक गए खटीमा-बनबसा के लड़कों को म्यांमार में बनाया बंधक, म्यांमार में फंसे पांच लोगों को भारत वापस लाने की परिजनों ने की मांग।

बैंकाक में रह रहे खटीमा के एक व्यक्ति के माध्यम से नौकरी को गए थे युवक, म्यांमार में खटीमा-बनबसा के लड़कों को बंधक बनाया, 70 हजार रुपये महीने की नौकरी लगवाने का दिया था झांसा, म्यांमार से एक युवक ने व्हाट्सएप के जरिए परिजनों को बताई आपबीती, परिजनों ने सीएम, सांसद और प्रशासन से बचाने की गुहार लगाई

खटीमा ( उधम सिंह नगर ) / बनबसा (चम्पावत) -नौकरी के लिए म्यांमार गए खटीमा और वनबसा के 6 युवकों को वहां पर बंधक बना लिया गया है। पीड़ित युवकों विदेश से किसी की मदद से व्हाट्सएप से अपने परिवार को सूचना दी और आपबीती बताई।उसके बाद परिजनों से मुख्यमंत्री, सांसद और प्रशासन ने विदेश में फंसे युवकों को बचाने की गुहार लगाई है।पीएमओ की ओर से इस मामले में विदेश सचिव से भी कह दिया गया है।

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सीमांत क्षेत्र खटीमा विकास खंड के कुटरा निवासी राहुल बोरा ने भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक डॉ. नवीन भट्ट के साथ उपजिलाधिकारी रविंद्र सिंह बिष्ट के माध्यम से निवर्तमान सांसद अजय भट्ट को भेज ज्ञापन में कहा कि उसका भाई रोहित बोरा व गौरव बिष्ट, दीपक बोरा, ललित सोन, कमलेश सोन,विकास सोन रोजगार के सिलसिले में विदेश जाना चाहते थे। उनके परिचित बैंकाक में कार्यरत खटीमा निवासी एक युवक ने टूरिस्ट वीजा बनाने की बात कही। कहा कि बैंकाक में 70 हजार रुपये महीने की नौकरी लगवा देगा। इस पर उन्होंने कागजी कार्रवाई पूरी कर 28 अप्रैल को दिल्ली और वहां से 25 मई को बैंकाक चले गए।

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म्यांमार में बंधक के परिजन राहुल ने बताया कि 30 मई को भाई रोहित ने बताया कि बैंकाक की जगह म्यांमार में पहुंचने पर सभी 6 युवकों को अनजान स्थान पर ले गए। वहां से पानी के जहाज से जबरदस्ती म्यांमार पहुंचा दिया। रोहित के मुताबिक उन्हें बंधक बनाकर 17 घंटे अवैध रूप से काम कराया जा रहा है। विरोध करने पर पीटा जाता है। उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं। वहां पर कई और भारतीय भी हैं।

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राहुल का दावा है कि जिसकी मदद से उसका भाई रोहित और अन्य साथी म्यांमार गए थे। वह आवास विकास खटीमा का निवासी राहुल उपाध्याय है। अब वह व्यक्ति सभी गए हैं। वहां पर कई और भारतीय भी हैं। राहुल का दावा है कि जिसकी मदद से उसका भाई रोहित और अन्य साथी म्यांमार गए थे वह आवास विकास खटीमा का निवासी राहुल उपाध्याय है। अब वह व्यक्ति सभी की वापसी के लिए 86-86 हजार रुपए और वापसी का टिकट मांग रहा है।

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वहीं इस मामले में थाना बनबसा प्रभारी एसओ ललित पांडेय ने बताया कि गड़ीगोठ के युवक ललित के विदेश में फंसे होने की सूचना है। उसकी तफ्तीश की जा रही है।

मामला संज्ञान में आया है। इसकी जानकारी के लिए बनबसा पुलिस को कह दिया गया है। हम युवक से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं। क्या पूरा मामला है, परिवार से बात करने के बाद पता चल पाएगा।

-अजय गणपति, एसपी, चंपावत।

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uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

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