मुख्यमंत्री धामी ने वन कर्मियों की मौत मामले में की कड़ी कार्यवाही,सीसीएफ कुमाऊं को मुख्यालय अटैच, कंजरवेटर नॉर्थ और डीएफओ अल्मोड़ा को किया सस्पेंड।
गुरुवार शाम को बिनसर अभयारण्य में लगी जंगल की आग बुझाने पहुंचे वन विभाग के एक वन बीट अधिकारी, दो फायर वाचर समेत चार लोगों की जलकर मौत हो गई थी। जबकि चार अभी भी गंभीर हैं।
अल्मोड़ा के बिनसर जंगल में लगी आज मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त फैसला लेते हुए सीसीएफ कुमाऊं को मुख्यालय अटैच, कंजरवेटर नॉर्थ और डीएफओ अलमोड़ा को सस्पेंड कर दिया है।
देहरादून ( उत्तराखंड) अल्मोड़ा में जंगल की आग की चपेट में आकर चार वनकर्मियों की माैत के मामले में सीएम धामी ने सख्त रुख अपनाया है। कुमाऊं के तीन अधिकारियों पर गाज गिरी है। चीफ कंजरवेटर नार्थ और डीएफओ अल्मोड़ा को निलंबित कर दिया है। वहीं, सीसीएफ कुमाऊं को अटैच किया है। सीएम धामी के निर्देश के बाद अब विभाग इनपर कार्रवाई करने जा रहा है।
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इस घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सबसे पहले जहां वायु सेवा से संपर्क कर बिनसर के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए संपर्क किया वहीं तत्काल घायलों के बेहतर इलाज के लिए हेली एंबुलेंस की व्यवस्था कर एम्स में बातचीत कर उनके इलाज का प्रबंध कराया और इसके बाद लापरवाह अफसर पर कार्रवाई की गयी है।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीधे तौर पर इन बड़े अफसर को जिम्मेदार माना है मुख्यमंत्री ने साफ साफ कहा है की हम समय समय पर ऐसे मामलो में बड़े अफसरों को मौके पर जाने कारवाई करने के निर्देश देते है लेकिन लापरवाही बरती गई है।
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सूबे में फायर सीजन की घटनाओं के दौरान सरकारी तंत्र और वन महकमा आखिरकार बौना ही साबित हुआ। प्रदेश के अकेले अल्मोड़ा जिले की बात करें तो यहां इस बार पिछले दस सालों का रिकार्ड टूट गया और इस फायर सीजन में नौ लोगों को असमय अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
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वनाग्नि की इन घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मोर्चा संभाला। कई अफसर निलंबित किए गए और कर्मचारियों की छुट्टियां भी कैंसिल कर दी गई। लेकिन इसके बाद भी न तो सरकारी मशीनरी ने कोई गंभीरता दिखाई और ना ही वन महकमे ने पूर्व की घटनाओं से कोई सबक लिया।
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ये है मामला
गुरुवार शाम को बिनसर अभयारण्य में लगी जंगल की आग बुझाने पहुंचे वन विभाग के एक वन बीट अधिकारी, दो फायर वाचर समेत चार लोगों की जलकर मौत हो गई थी। जबकि चार अभी भी गंभीर हैं। उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया। आग इतनी विकराल थी कि फायर वाचरों और पीआरडी के जवानों को इससे बचने का मौका तक नहीं मिला। वन विभाग के अधिकारियों को टीम के जंगल में फंसे होने की जानकारी मिली तो वन क्षेत्राधिकारी मनोज सनवाल और अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंचे। तब तक चार लोगों की मौत हो चुकी थी।
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इनकी हुई मौत
वनाग्नि में वन बीट अधिकारी बिनसर रेंज त्रिलोक सिंह मेहता (40) पुत्र नारायण सिंह, निवासी उडलगांव बाड़ेछीना, दैनिक श्रमिक दीवान राम (35) पुत्र पदी राम निवासी ग्राम सौड़ा कपड़खान, फायर वाचर करन आर्या (21) पुत्र बिशन राम निवासी कफड़खान और पीआरडी जवान पूरन सिंह (50) पुत्र दीवान सिंह निवासी ग्राम कलौन की मौके पर ही मौत हो गई।
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ये हुए घायल
फायर वाचर कृष्ण कुमार (21) पुत्र नारायण राम निवासी ग्राम भेटुली, पीआरडी जवान कुंदन सिंह नेगी (44) पुत्र प्रताप नेगी निवासी ग्राम खांखरी वाहन चालक भगवत सिंह भोज (38) पुत्र बची सिंह निवासी ग्राम भेटुली,दैनिक श्रमिक कैलाश भट्ट (54) पुत्र बद्रीदत्त भट्ट निवासी ग्राम धनेली, अल्मोड़ा गंभीर रूप से झुलस गए।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa