बदरीनाथ- लखपत सिंह बुटोला और मंगलौर -काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने दर्ज की जीत,भाजपा का विजयरथ रुका,  मंगलौर सीट पर अभेद दुर्ग को नहीं भेद पाई भाजपा, काजी ने पलट दी बाजी।

बदरीनाथ- लखपत सिंह बुटोला और मंगलौर -काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने दर्ज की जीत,भाजपा का विजयरथ रुका,  मंगलौर सीट पर अभेद दुर्ग को नहीं भेद पाई भाजपा, काजी ने पलट दी बाजी।

 

उत्तराखंड उपचुनाव में भाजपा को बड़ा झटका लगा है।कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में मिली हार का हिसाब किया बराबर। बदरीनाथ और मंगलौर दोनों ही सीट से भाजपा को हाथ धोना पड़ा है। बदरीनाथ सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी लखपत सिंह बुटोला और मंगलौर सीट पर काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने जीत दर्ज की है।

 

देहरादून (उत्तराखंड ) प्रदेश में दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा पहली बार मंगलौर विधानसभा सीट पर जीत की उम्मीद से उतरी थी। हरिद्वार जिले की यह मुस्लिम बहुल सीट भाजपा लिए हमेशा से अभेद दुर्ग रही है। यहां अब तक हुए सभी चुनावों में पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ और इस बाद भी अभेद दुर्ग को फतह करने के इरादे और नई रणनीति के साथ मैदान में उतरी भाजपा को फिर हार का सामना करना पड़ा।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/20906

चुनाव लड़ाने के लिए राज्य से बाहर से लाए गए करतार सिंह भड़ाना को प्रत्याशी बनाना भी उसकी रणनीति का ही हिस्सा माना जा रहा था। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में प्रदर्शन पर नजर दौड़ाएं तो इस सीट पर भाजपा को अब तक सबसे अधिक 24101 वोट 2019 के लोकसभा चुनाव में मिले। 2024 के लोस चुनाव में पार्टी के वोट घटकर 21000 रह गए।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/20689

2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 16964 वोट ही हासिल किए थे और 2022 में उसे 18763 वोट मिले थे। यानी पांच साल में वह 1799 वोट ही बढ़ा सकी। एक भी चुनाव में वह कांग्रेस और बसपा के आसपास भी नजर नहीं आई।

मंगलौर सीट पर मुस्लिम और अनुसूचित जाति के वोट निर्णायक माने जाते हैं। विधानसभा क्षेत्र में 50 फीसदी वोट मुस्लिम हैं, जबकि 18 फीसदी अनुसूचित जाति वर्ग के वोट हैं। 32 फीसदी वोट में ओबीसी, गुर्जर, सैनी और अन्य वर्गों के वोट आते हैं।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/20950

मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक होने की वजह से इसी समुदाय के नेता जीतते रहे हैं। 2017 में कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन और 2022 में बसपा के सरबत करीम अंसारी ने चुनाव जीता था।

सरबत करीम अंसारी के निधन से खाली हुई इस सीट पर बसपा ने उनके बेटे उबैर्दुरहमान को मैदान में उतारा था। जबकि कांग्रेस से काजी समर में थे।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/20727

बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस ने अपनों पर विश्वास जताया था। पार्टी ने दोनों सीटों पर उन चेहरों को मैदान में उतारा, जो कांग्रेस से लंबे समय से जुड़े हैं। दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने जिन चेहरों पर दांव लगाया, वो दोनों ही उसकी सांगठनिक नर्सरी से नहीं थे।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/20893

भाजपा की उम्मीदों से बिल्कुल उलट आए नतीजे
बदरीनाथ सीट पर भाजपा प्रत्याशी को हराने वाले 49 वर्षीय लखपत सिंह बुटोला पिछले दो दशक से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं। कांग्रेस प्रदेश मीडिया प्रभारी, प्रदेश प्रवक्ता के पद पर रहे और 2011 में थाला,पोखरी से जिला पंचायत सदस्य रहे। 2015 में कुछ समय के लिए चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष की कमान भी संभाली।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/21005

वहीं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अपने दलों को छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले चेहरों को भाजपा ने टिकट दिया। यही कारण रहा कि कांग्रेस उन्हें आयतित प्रत्याशी बता भाजपा पर तंज कस कसती रही। इसके अलावा मंगलौर विस सीट बसपा का गढ़ रही है। राज्य गठन के बाद हुए पांच विधानसभा चुनाव में इस सीट पर चार बार बसपा ने जीत हासिल की, जबकि एक बार कांग्रेस को जीत मिली।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

https:/archives/20879

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

[democracy id="1"]

हरिद्वार- मुख्यमंत्री धामी ने ऋषिकुल आर्युवेदिक कॉलेज ऑडिटोरियम में भारतीय मजदूर संघ उत्तराखंड द्वारा आयोजित युवा कार्यकर्ता सम्मेलन एवं संघ के स्वर्णिम सत्तर वर्षों का समापन समारोह कार्यक्रम मे किया प्रतिभाग।