Traffictail

World Best Business Opportunity in Network Marketing
laminate brands in India
IT Companies in Madurai

सीमान्त खटीमा में कच्ची शराब ????का कारोबार चरम पर गांव गांव में हो रही होम डिलीवरी, आबकारी विभाग मौन ????????तो आखिर✍️ जिम्मेदार कौन ?

सीमान्त खटीमा में कच्ची शराब ????का कारोबार चरम पर गांव गांव में हो रही होम डिलीवरी, आबकारी विभाग मौन ????????तो आखिर✍️ जिम्मेदार कौन ?

खटीमा में कच्ची शराब बनाने का अवैध कारोबार कुटीर उद्योग का रूप लेता जा रहा है। यह शराब वैध दुकानों पर मिलने वाली ब्रांडेड शराब की अपेक्षा काफी सस्ती होती है। जिससे लोग इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं। आबकारी विभाग की शिथिलता से अवैध शराब के कारोबारियों का धंधा खूब फल- फूल रहा है।

खटीमा-(उधम सिंह नगर ) उधम सिंह नगर जनपद के सीमान्त क्षेत्र खटीमा के ग्रामीण क्षेत्रों कच्ची शराब का कारोबार अपने चरम पर फलफूल रहा है जहाँ त्यौहारी सीजन के चलते ग्रामीण इलाकों से इसकी काफी मांग बढ़ गयी है तो वही अवैध शराब के कारोबार करने वाले प्रत्येक गांव में होम डिलीवरी करने को तत्पर रहते हैं।

खटीमा का शायद ही ऐसा कोई इलाका होगा, जहां पर कच्ची शराब का धंधा न किया जा रहा हो। इसमें पुरुष ही नहीं, बल्कि महिलाएं और बच्चे भी जुटे रहते हैं। हर दिन सैकड़ों लीटर कच्ची शराब बनाई जाती है। बाद में सस्ती दर पर बेचने के लिए इसे पाउच में पैक किया जाता है। गांवों में इन अवैध देसी शराब के कारोबारियों के बारे में क्षेत्रीय आबकारी निरीक्षक को सब पता रहता है। लेकिन, विभागीय उच्चाधिकारियों की शिथिलता के कारण अवैध शराब का धंधा खूब फल-फूल रहा है। साथ ही इससे दिन- प्रतिदिन सामाजिक एवं आर्थिक अपराध में बढ़ोत्तरी भी दर्ज की गई।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

खटीमा- बैंक परिसर में किसान का थैला काटकर शातिर महिला ने उड़ाए पचास हजार, सीसीटीवी कैमरे हुई कैद।????????देखिये वीडियो

 

खटीमा के अधिकांश गांव में अवैध शराब का कारोबार खूब फलफूल रहा है।मुडेली, चारुबेटा, खेतलसडा, चकरपुर, नौगुवांपटीया , गौहर पटिया ,रघुलियां, वनगवा ,टेड़ाघाट, झनकट, नोसर सहित दर्जनों गांव में बिक रही कच्ची शराब।

बीते दिनों में  सुरई रेंज के वनकर्मियों ने अपने रूटीन गस्त के दौरान जंगलों में खुलेआम कच्ची शराब की दर्जनों  सुलगती हुई भट्टियों को नष्ट किया था बावजूद इसके आबकारी विभाग के कानों में जूं नही रेंगी। अवैध शराब का कारोबार करने वाले तस्कर खुलेआम जंगलों में बना रहे शराब।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

प्रतिष्ठित दृष्टिबाधित संस्था महासचिव पर दिव्यांग बालिग छात्राओं के यौन शोषण के आरोप, नैब संचालक आरोपी धानिक को पुलिस ने किया गिरफ्तार।

ऐसे बनती हैं जानलेवा शराब
अवैध शराब के धंधे से जुड़े लोग कच्ची शराब बनाने के लिए पीने वालों की सेहत दांव पर लगाने से भी नहीं हिचकते हैं। कम कीमत पर ज्यादा नशा देने के लिए नाम मात्र के महुआ के साथ एक लीटर स्प्रिट से साढ़े तीन लीटर कच्ची शराब बनाने के लिए शराब में यूरिया, आक्सीटोसिन इंजेक्शन व गुड़ का शीरा मिलाया जाता है। इससे तैयार देसी शराब को पॉलीथिन के पाउच में पैक कर सस्ती दर पर गांवों में बेचा जाता है। जानकार यह भी बताते हैं कि कई धंधेबाज सुरूर बढ़ाने के लिए इसमें नींद की गोलियां भी मिलाते है।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

राष्ट्रीय फलक पर राजीव नवोदय की छात्रा अर्शदीप ने किया खटीमा का नाम रौशन, विज्ञान शिक्षक निर्मल न्योलिया के मार्गदर्शन में विकसित किया  प्रोटोटाइप ‘इंप्रूव्ड ड्रम फॉर स्टोरिंग ग्रेन एट’।

जीवन के लिए हैं घातक
मिलावटी देसी शराब पीने से लीवर और गुर्दे के साथ- साथ आंखों की रोशनी और तंत्रिका तंत्र पर भी असर पड़ता है। इसका असर पीने वाले के शरीर पर इतना तेजी से होता है कि उन्हें समझ में नहीं आता और वह मिलावटी शराब के शिकार हो जाते है।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

आतंक का पर्याय बन चुके खूंखार तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग अब ले रहा है। हनी ट्रैप पद्धति का सहारा

रोकथाम के लिए महज खानापूर्ति
कच्ची शराब की रोकथाम के लिए आबकारी विभाग द्वारा समय- समय पर अभियान चलाया जाता है। लेकिन यह सिर्फ खानापूर्ति ही साबित होता है। आबकारी टीम  जानी-पहचानी जगहों पर औपचारिक छापामार कार्रवाई कर छोटे-मोटे धंधेबाजों को दस पंद्रह लीटर देसी शराब व लहन के साथ पकड़कर अपनी पीठ थपथपा लेती है।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

प्रोफेसर साहब शराब पी कर पहुचे डिग्री कॉलेज,मेडिकल जांच में शराब की पुष्टि होने के बाद प्राचार्य की लिखित शिकायत पर निदेशक ने की कड़ी कार्यवाही।

जबकि पुलिस द्वारा पिछले एक माह में कई ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यवाही करते हुए एक दर्जन से अधिक लोगो को गिरफ्तार कर चुकी है। वही जिम्मेदार आबकारी विभाग का मौन होना के आदेशों को जन्म दे रहा है।समय रहते कच्ची शराब के इस व्यापार पर लगाम नही लगायी गयी।तो इसके दुष्परिणाम से जनहानि भी संभावना भी प्रबल हो सकती है।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

दिल्ली सरकार ने एक नवंबर से उत्तराखंड की 400 बसों को दिल्ली में नो एंट्री..त्यौहारी सीजन में उत्तराखंड परिवहन के सामने आया बड़ा संकट।

वहीं सूत्रों की माने तो यदाकदा आबकारी विभाग द्वारा छापेमारी के नाम पर खानापूर्ति की जाती है।विभाग के स्थानीय कर्मचारियों द्वारा प्रत्येक शराब माफियाओं से महीना वसूला जाता है।जिसके चलते वो देधड़क होकर अपने इस अवैध व्यापार को अंजाम देते है।

यह ख़बर भी पढ़िये।????????????????

होर्डिंग, पोस्टर लगाने में अपनी ही पार्टी के पूर्व विधायक राजेश शुक्ला को लेकर बीजेपी पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश।????????@ सुनिए। ???????? क्यों दे डाली चेतावनी “

 

uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

[democracy id="1"]