सीमांत खटीमा के सुरई वन क्षेत्र में 18 माह में बाघ के हमले से 9 लोगों की मौत 5 लोगों को घायल किया है ,यहां जंगल में जाने का मतलब मौत को दावत देना। पढ़िये ख़बर।
खटीमा। भारत-नेपाल व यूपी सीमा से लगे सुरई रेंज के जंगलों में पिछले 18 माह में बाघ ने हमला कर नौ लोगों को अपना निवाला बनाकर मौत के घाट उतार चुका है।
बाघ ने 13 मई 2022 को झाउपरसा निवासी रोहित को बाघ ने शारदा डाम के पास चूका बीट मे अपना शिकार बनाया।
25 जून 2022 को शारदा डैम के किनारे घास काटने गए झाउपरसा निवासी उमाशंकर को अपना निवाला बनाया।
21 सितम्बर 2022 को बग्गा चौवन निवासी दो पूर्व सैनिक उमेश सिंह व मदन सिंह पर कम्पार्टमेंट नंबर 40 के जंगल में चलती बाइक में झपट्टा मारकर गम्भीर रूप से घायल किया।
14 दिसम्बर को बाघ ने भरतपुर न्यूरिया पीलीभीत यूपी निवासी पारितोष को कक्ष संख्या 29 में हमला कर मार डाला।
28 जनवरी 2023 को ग्राम हल्दी घेरा निवासी 35 वर्षीय केवल सिंह को सुरई रेंज के कम्पार्ट संख्या 47 में हमला कर मौत के घाट उतारा।
13 मार्च को शौच करने गए झाउपरसा निवासी रंजीत कुमार को बाघ ने हमला कर अपना निवाला बनाकर मार डाला।
19 मार्च को यूपी सीमा से सटे गांव दाह-ढ़ाकी में खेत में गन्ना छील रहे दाह-ढाकी निवासी रमेश मंडल को बाघ ने मार दिया।
27 अगस्त को हुसैनपुर न्यूरिया निवासी हरनंदन पुत्र मूलचंद को बाघ ने सुरई रेंज के कक्ष संख्या 47 बी बीट पंचम में सींक बीनने के दौरान बाघ ने अपना शिकार बनाया।
25 अक्टूबर 2023 को बाघ ने सुरई रेंज के कक्ष संख्या 47ब में बग्घा चौवन निवासी भागुली देवी को अपना निवाला बनाकर मौत के घाट उतार दिया। बाघ के हमले से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa