Update पिथौरागढ़ हादसा में सात शवों की हुई शिनाख्त तीन सगी बहिनों समेत सात के मिले शव, एक की नहीं हो पाई शिनाख्त।मलबा हटाकर निकाले वाहन में फंसे सात क्षत विक्षत शव।
पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ जिले के धारचूला-लिपुलेख सड़क पर थक्ती झरने के पास बीते दिवस चट्टान खिसकने से एक कैंपर जीप दब गई थी। जिसमें करीब सात लोगों के मारे जाने की आशंका है। मलबे में दबी जीप में एक ही परिवार के तीन बच्चे भी शामिल हैं। इस हादसे के बारे में जिसने भी सुना उसकी आंखें नम हो गईं। इस हादसे में तीन बच्चों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी। कई घंटे तक खोज एवं बचाव अभियान चलाने के बाद पुलिस और अन्य बलों ने सभी सात लोगों के शव बरामद कर लिए हैं।मृतकों में एक नेपाली मजदूर भी है। धारचूला में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए।
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रविवार को दिन में डेढ़ बजे गुंजी से धारचूला की ओर आ रही बोलेरो जीप मालपा और पेलसिती झरने के बीच स्थित थक्ती झरने के समीप चट्टान के नीचे दब गई थी। आईटीबीपी, एसएसबी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस ने रेस्क्यू अभियान चलाया। हजारों टन मलबा देर शाम तक नहीं हटाया जा सका। अंधेरा होने के कारण रविवार को रेस्क्यू बंद कर दिया गया था। सोमवार सुबह आठ बजे से फिर से मलबा हटाने का काम शुरू किया। इस दौरान चट्टानों में बुरी तरह से दबे वाहन का मलबा मिला। वाहन के भीतर सात यात्रियों के क्षत विक्षत शव फंसे हुए थे। क्षतिग्रस्त वाहन में फंसे शवों को कटर और अन्य औजारों से की मदद से निकाला गया।
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बताया जा रहा है कि नपल्च्यू गांव के वीदन सिंह भी अपने बच्चों के साथ पूजा के लिए गांव गए थे। उन्होंने रविवार को तीन बच्चों को यात्री जीप से धारचूला के लिए भेज दिया था। तब उन्हें क्या पता था कि जिस जीप में वह अपने बच्चों को हंसी खुशी रवाना कर रहे हैं, उनके साथ कोई अनहोनी हो जाएगी। इस घटना से परिवार के लोग गहरे सदमे में हैं।
इस जीप में सवार सेवानिवृत शिक्षक तुला राम बुदियाल और उनकी पत्नी आशु देवी भी बैठी थीं।
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इस हादसे में मृतकों में कोपिला पुत्री विदन सिंह उम्र 13 वर्ष, निवासी नपलच्यू, कशिश पुत्री विदन सिंह उम्र 10 साल, निवासी नपलच्यू, नतिनि पुत्री विदन सिंह, उम्र पांच साल, निवासी नपलच्यू, यह तीनों सगी बहन हैं। इसके अलावा तुला राम पुत्र संजीत राम निवासी बूंदी, आशा देवी पत्नी तुला राम उम्र 55 साल निवासी बूंदी शामिल हैं। यह दोनों पति-पत्नी थे। इसके अलावा ड्राइवर किशन सिंह भाट, पुत्र तारा सिंह निवासी बलुवाकोट का भी शव बरामद किया गया।नेपाल के दलेख गांव निवासी भवन सिंह विकर (42 ) पुत्र राणा विकर के रूप में हुई। पुलिस सभी शवों को धारचूला लाई। यहां पर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए।
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पिथौरागढ़ सांसद अजय टम्टा ने बलुवाकोट पहुंच कर दिवंगत लोगो के परिजनों को मुलाकात कर कर इस दुखद घटना पर शोक संतप्त परिवारों को सांत्वना दी।साथ ही हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।फिलहाल इस दुखद घटना के बाद स्थानीय लोगो में शोक की लहर है।
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एक साथ तीन बच्चों के शव देखकर फफक पड़े लोग
धारचूला। हादसे में अपने तीन बच्चों को खोने वाले विदन सिंह और उनकी पत्नी लक्ष्मी देवी को प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से धारचूला के खोतिला पहुंचाया। चट्टानों के नीचे दबी कार से जब अन्य शवों के साथ तीन बच्चों के शव निकालकर धारचूला पहुंचाए गए तो लोगों की आंखें छलक पड़ी। बच्चों के माता-पिता सहित सभी परिजन फफक पड़े। इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो गया। उधर, हादसे में जान गंवाने वाले शिक्षक दंपति तुला राम बुदियाल और आशा देवी के परिजन भी सदमे में हैं। हादसे में मृतक चालक बलुवाकोट निवासी किशन सिंह भाट की पत्नी और बच्चों सहित अन्य परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। सांसद अजय टम्टा ने बलुवाकोट पहुंचकर मृतक के परिजनों को ढांढस बंधाया। सभी मृतकों के घरों में दिन भर सांत्वना देने वालों की भीड़ लगी रही।
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वीदन सिंह पर दूसरी बार टूटी आपदा
धारचूला। धारचूला-गुंजी मोटर मार्ग में हुए हादसे में अपने तीन बच्चों को खोने वाले वीदन सिंह पर दूसरी बार आपदा टूटी है। नपलच्यू गांव निवासी वीदन सिंह खेतीबाड़ी का काम करते हैं। इसके अलावा उनकी गांव में ही छोटी सी दुकान है। इससे पहले वर्ष 2009 में उनकी पहली पत्नी की कुटी यांग्ती नदी से रेत निकालने के दौरान हुए हादसे में मौत हो गई थी। पहली पत्नी से उनकी दो पुत्रियां स्नेहा 19 वर्ष और शीना 17 वर्ष हैं। पहली पत्नी के निधन के बाद उन्होंने दूसरा विवाह किया। दूसरी पत्नी से दो बेटियां कोकिला 13 वर्ष, कशिश 10 वर्ष, पुत्र नितिन पांच वर्ष हुए। वह हंसी खुशी अपने बच्चों के साथ जीवन यापन कर रहे थे, लेकिन काल ने उनके तीन बच्चों को लीलकर वीदन सिंह की हंसी खुशी छीन ली। इस हादसे से वीदन सिंह और उनकी पत्नी बदहवाश हैं।
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23 घंटे बाद सुचारु हो सका यातायात
धारचूला। एडीएम डॉ. शिव कुमार बरनवाल ने बताया कि सोमवार सुबह आठ बजे से रेस्क्यू कार्य दोपहर एक बजे तक चला। मलबे में दबे सात शव निकाल लिए हैं। सड़क को यातायात के लिए खोल दिया गया है। रेस्क्यू कार्य में सेना, आईटीबीपी, 11 वीं वाहिनी एसएसबी डीडीहाट, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ,पुलिस, राजस्व टीम, गर्ग एंड गर्ग कंपनी सहित स्थानीय लोगों ने सहयोग दिया। रेस्क्यू कार्य में 11वाहिनी एसएसबी के इंचार्ज इंस्पेक्टर भरत लाल और 13 जवान शामिल थे।
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सरकारी विभागों के अधिकारी भी फंसे
धारचूला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलाश में प्रस्तावित कार्यक्रम को देखते हुए इन दिनों व्यवस्थाओं को लेकर सरकारी विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों की आवाजाही भी बनी है। रविवार को हुए हादसे के कारण यातायात ठप हो गया। इसके कारण बड़ी संख्या में लोग फंस गए। सड़क खुलने की कोई उम्मीद न देखकर अधिकतर लोगों को लौटना पड़ा। इनमें पर्यटक भी शामिल थे।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa