उत्तराखण्ड राज्य संपति विभाग ने दिया है। इन्हें सरकारी आवास खाली करने का नोटिस।मचा हड़कंप।
पहले नौकरी छिनी अब सरकारी आवास की बारी, उत्तराखंड विधानसभा के 40 कर्मचारियों को नोटिस राज्य संपत्ति विभाग के मुख्य व्यवस्थाधिकारी की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि आवासों को तत्काल खाली किया जाए अन्यथा आपके विरूद्व सार्वजनिक भूगृहादि अधिनियम -1972 की संगत धाराओं में कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।
देहरादून. पिछले साल उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय से 228 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं. इन सभी कर्मचारियों पर आरोप था कि उनकी नियुक्ति नियमविरूद्व तरीके से हुई है. इनमें से अधिकांश कर्मचारी नियुक्ति की मांग को लेकर आज भी विधानसभा भवन के आगे धरने पर बैठे हुए हैं. नौकरी से निकाले गए इन कर्मचारियों में से चालीस कर्मचारी आज भी सरकारी आवास में रह रहे हैं. इन कर्मचारियों पर अब नई मुसीबत टूट पड़ी है।
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उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. एक नोटिस ने इस मामले को फिर से ताजा कर दिया है. राज्य संपति विभाग की तरफ से कर्मचारियों को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस जारी हुआ है।
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उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया है. यह नोटिस उन बर्खास्त कर्मियों को दिया गया है, जो अभी तक सरकारी भवनों में रह रहे हैं, जबकि काफी पहले ही विधानसभा की तरफ से उनकी सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया जा चुका है. इस संदर्भ में राज्य संपत्ति विभाग की तरफ से कर्मचारियों को नोटिस जारी किया जा चुका है।
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उत्तराखंड विधानसभा में नियम विरुद्ध हुई भर्ती का प्रकरण एक बार फिर ताजा हो गया. दरअसल, विधानसभा में नियमों के खिलाफ नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों को बर्खास्त तो कर दिया गया, लेकिन इनमें से कई कर्मचारी ऐसे हैं जो आज भी इसी नियुक्ति के तहत मिले सरकारी भवनों में निवास कर रहे हैं. इसको लेकर अब राज्य संपति विभाग की तरफ से ऐसे कर्मचारियों को नोटिस जारी कर दिया गया है।
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अंतिम नोटिस की अवधि तीन अक्टूबर को समाप्त होने के बाद अब इन कर्मचारियों को 13 अक्टूबर को अंतिम रूप से अपना पक्ष रखने को कहा गया है. उसके बाद इन कर्मचारियों के खिलाफ आवास बेदखली की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी. उधर इसकी जद में आ रहे हटाए गए कर्मचारियों का कहना है कि नौकरी से हटाए जाने को लेकर उनका कोर्ट में केस चल रहा है. जब तक केस फाइनल नहीं हो जाता, वो आवास खाली नहीं करेंगे. इन्हीं में से एक विधानसभा के बाहर आज भी धरने पर बैठे कुलदीप सिंह का कहना है कि राज्य संपत्ति विभाग को उनका पक्ष भी देखना चाहिए. यदि हम कोर्ट में केस हारते हैं, तो आवास स्वयं ही खाली कर देंगे।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa