Dev Raturi: वेटर की नौकरी से होटल इंडस्ट्री के सरताज ,चीनी सिनेमा के दिग्गज स्टार,भारत से चीन गए दारिका प्रसाद से बने देव रतूडी की कहानी।
Dev Raturi उत्तराखंड के एक छोटे गांव से निकले देव ने कड़ी मेहनत के बूते चाइना में बड़ा मुकाम हासिल किया। विदेश में न सिर्फ अपने राज्य बल्कि देश का नाम रोशन किया है। टिहरी के लाल देव रतूड़ी ने देश के साथ ही चीन में भी अपने हुनर का डंका बजाया है। ये नाम और चेहरा चीन की फिल्मों में देखने को मिल जाएगा।देव आज चाइना की फिल्म इंडस्ट्री में भी जाना-पहचाना चेहरा बन चुके हैं। कभी मुंबई में रहकर होटल की नौकरी करने वाले देव आज चीन में आठ भारतीय रेस्तरां के मालिक बने हैं।
उत्तराखंड के युवा आज देश विदेश में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं टिहरी के देव रतूड़ी। वह चीन में होटल व्यवसायी ही नहीं चीनी फिल्म स्टार भी हैं। अब तक वहां कई होटल की चेन खड़ी कर चुके देव करीब 35 फिल्मों में काम कर चुके हैं। दोनों कलाओं में माहिर देव की चर्चा अक्सर सोशल मीडिया पर चलती रहती है। विदेशी धरती पर नई ऊंचाईयां छू रहे इस कलाकार को अपनी माटी से भी बेहद प्यार है। जिससे वह समय-समय पर अपने गांव केमरियासौड़ आते रहते हैं। बीते जुलाई माह में ही वह अपनी धार्मिक यात्रा पर गांव पहुंचे थे।
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द्वारिका प्रसाद से बने देव रतूडी ????????
भिलंगना ब्लॉक के केमरियासौड़ से निकले द्वारिका प्रसाद रतूड़ी से देव रतूड़ी बने देव की कहानी काफी दिलचस्प और प्रेरणादायक है। एक छोटे गांव से निकले देव ने कड़ी मेहनत के बूते चाइना में बड़ा मुकाम हासिल किया। होटल में वेटर की नौकरी करने से लेकर मैनेजर बनने और अब तक करीब आठ भारतीय रेस्तरां के मालिक बने देव आज चाइना की फिल्म इंडस्ट्री में भी जाना-पहचाना चेहरा बन चुके हैं। पिछले 18 सालों से चीन में रह रहे देव रतूड़ी बीते जुलाई माह में ही अपने गांव आए थे। तब उनसे दूरभाष पर हुई बात में उन्होंने बताया था, कि वह धार्मिक यात्रा पर स्वदेश आए थे। कोयंबटूर, वाराणसी, वृंदावन और देवभूमि का भ्रमण करने के बाद वह अपने गांव गए थे। समय की कमी के कारण वह कुछ दिन ही अपने गांव में रुके थे। अपने प्रयास और संघर्ष से मुकाम हासिल करने वाले देव के प्रशंसक यहां भी कम नहीं हैं।
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1998 में रोजगार की तलाश में छोड़ा था घर ,20 साल की उम्र में शुरू की थी नौकरी ????????
इन दिनों देव उत्तराखंड में अपने पैतृक गांव केमरया सौड़ आए हुए हैं। टिहरी जिले के भिलंगना ब्लाक की पट्टी केमर के ग्राम केमरया सौड़ में जन्मे 47-वर्षीय देव रतूड़ी की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज चमियाला (लाटा) में हुई। दसवीं की पढ़ाई करने के बाद वर्ष 1998 में देव रोजगार की तलाश में दिल्ली चले गए। मन में एक्टर बनने की चाह थी, इसलिए सबसे पहले उन्होंने वहां मार्शल आर्ट सीखी। कुछ समय दिल्ली में रहने के बाद फिर उन्होंने मुंबई की राह पकड़ ली।वहां कुछ समय एक बिल्डर के पास नौकरी करने के बाद वह दिल्ली से मुंबई चले गए।
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8 साल मुंबई में रहे फिर किया चीन का रुख।????????
देव बताते हैं कि लगभग आठ वर्ष उन्होंने मुंबई में रहकर होटल की नौकरी करने के साथ कुछ टीवी सीरियल और नाटकों में भी काम किया। देव बीते 18 वर्ष से पत्नी अंजलि व दो बच्चों के साथ चीन में रह रहे हैं। अभी तक वह 35 से अधिक चाइनीज फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा बिखेर चुके हैं। देव यहां से चीन गए तो थे एक वेटर की नौकरी करने के लिए, लेकिन आज वो वहां कि दिग्गज स्टार्स में गिने जाते हैं। अब उनकी इच्छा भारत में भी फिल्मों में काम करने की है।
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गांव के युवाओं को दे रहे रोजगार।????????
शुरू से ही फिल्मों में काम करने का सपना देखते हुए उन्होंने सीरियल में काम करना शुरू किया। वर्ष 2005 में होटल के माध्यम से चीन जाने का मौका मिला तो उन्होंने उस मौके को अवसर में बदल दिया। उन्होंने होटल की चेन खोलकर क्षेत्र के 50 से अधिक युवाओं को भी रोजगार दिया। इसके साथ ही वह चिनी फिल्मों में काम पाने में सफल हो गए। अब तक वह करीब 35 फिल्मों में काम कर चुके हैं। जिससे वह चीन में काफी चर्चित चेहरा बन गए हैं।
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चीनी पाठ्यक्रम में शामिल होगी देव के जीवन की कहानी
देव के जीवन संघर्ष की कहानी चीनी स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। देव के पिता जगदीश प्रसाद रतूड़ी को अपने चार बच्चों में दूसरे नंबर के बेटे देव की सफलता पर खासा गर्व है। पिता अपने गांव केमरियासौड़ में रहते है। उनकी मां चंखी देवी दका लगभग 10 साल पूर्व निधन हो चुका है।
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इन फिल्मों में आ चुके हैं नजर।????????
देव चीनी सिनेमा के चर्चित चेहरों में से एक हैं। अभी तक उन्होंने कई चाइनीज ड्रामा और फिल्मों में अपने अभिनय का लोह मनवाया है। माय रूममेट इज डिटेक्टिव (My Roommate is a Detective) और द ट्रैप्ड (The Trapped) जैसे चर्चित ड्रामा और फिल्म में देव अभिनय कर चुके हैं।
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चीन में आठ रेस्टोरेंट के मालिक हैं देव।????????
रतूड़ी देव रतूड़ी ने वर्ष 2013 में चीन में पहला इंडियन रेस्टोरेंट खोला था। वर्तमान में वह आठ रेस्टोरेंट के मालिक हैं, जिनमें 50 से अधिक उत्तराखंडियों को रोजगार भी मिल रहा है। वर्तमान में देव की पहचान चीन के उद्योगपतियों में होती है, जो टिहरी जिले के साथ ही उत्तराखंड एवं देश के लिए गौरव की बात है।
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धूमधाम से मनाते हैं तीज-त्योहारों।????????
देव बताते हैं कि वह भारतीय और उत्तराखंडी तीज-त्योहारों को अपने सभी इंडियन रेस्टोरेंट में धूमधाम के साथ मनाते हैं। साथ ही भारतीय वेशभूषा को संजोये रखने के लिए वह अपने सभी रेस्टोरेंट में उसका प्रदर्शन करते हैं। चीनी लोग इसे खूब पसंद करते हैं।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa