वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) द्वारा आयोजित मीडियाकर्मियों संग संपन्न हुई एक दिवसीय कार्यशाला, वन्य जीव संरक्षण की दशा और दिशा को लेकर किया गया गहन मंथन।
विश्व वन्यजीव कोष (WWF) ने पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेस कार्यशाला का आयोजन किया। जहां आज विश्व वन्यजीव कोष (WWF) ने एक प्रेस कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य स्थानीय समुदाय, मीडियाकर्मियों और पर्यावरण प्रेमियों को वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण के प्रति जागरूक करना था।
रामनगर ( नैनीताल) वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की ओर से मीडियाकर्मियों संग संपन्न एक दिवसीय कार्यशाला में वन्य जीव संरक्षण की दशा और दिशा को लेकर गहन मंथन किया गया। कार्यशाला में रामनगर ओर खटीमा के पत्रकारों ने भागीदारी की।
शुभारंभ करते हुए रामनगर वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी दिगंत नाथ ने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल वन्यजीवों की रक्षा करना नहीं है। बल्कि स्थानीय लोगों को यह समझाना भी है कि पर्यावरण और जंगलों की रक्षा उनके जीवन और आजीविका के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। मीडिया इस दिशा में वन विभाग और आमजन में एक मजबूत सेतु का काम कर सकता है। इस दौरान जैव विविधता की अहमियत, वन्यजीव-मानव संघर्ष को कम करने के उपाय, समुदाय आधारित संरक्षण मॉडल, और स्थानीय भागीदारी जैसे विषयों पर गहन चर्चा की गई। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के विशेषज्ञों ने बताया कि संरक्षण कार्य सिर्फ वन विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें समाज के हर वर्ग की भागीदारी जरूरी है। इस कड़ी को मजबूत करने में मीडिया की भूमिका निर्णायक हो सकती है।
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के समन्वय डॉ. मिराज अनवर ने कहा कि हमारा मानना है कि संरक्षण कार्यों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका बेहद अहम है।
रामनगर व खटीमा के ये पत्रकार रहे मौजूद।
रामनगर से वरिष्ठ पत्रकार विनोद पपनै, जीवन कुमार, चंचल गोला, कैलाश सुयाल, किशन कश्यप, गोविंद पाटनी, उस्मान सिद्दिकी, राजीव अग्रवाल, बंटी अरोरा, सलीम मालिक, चंद्रसेन कश्यप, नितेश जोशी श्यामलाल मौजूद रहे। खटीमा से खड़क सिंह गैड़ा,ओम प्रकाश मौर्या, जितेंद्र पारुथी, स्वतंत्र प्रकाश आजाद, हीरा चंद, हरीश मेहरा, धीरेंद्र गौड़, सुरेंद्र गुप्ता, ओम प्रकाश मौर्य, असद जावेद करन सतवाल व टनकपुर से शुभम गौड़ ने कार्यशाला में प्रतिभाग किया।