”ऑपरेशन कालनेमि”… में पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिक समेत 25 ढोंगी बाबा वेशधारी, देहरादून में चला अभियान, मुख्यमंत्री धामी ने गुरुवार को लॉन्च किया था अभियान।
मुख्यमंत्री ने साधु वेश में घूमने वाले फर्जी बाबाओं के खिलाफ ऑपरेशन कालनेमि चलाने के आदेश दिए थे। इसे लेकर सभी थाना पुलिस को निर्देशित किया गया था। इसी क्रम में वह खुद भी नेहरू कॉलोनी और अन्य क्षेत्रों में थाना पुलिस के साथ सत्यापन और चेकिंग अभियान में घूमे थे।
देहरादून: गुरुवार 10 जुलाई 2025 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘ऑपरेशन कालनेमि’ यानी पहचान छिपाकर साधु के वेश में घूम रहे लोगों के खिलाफ अभियान लॉन्च किया था। इसके दूसरे ही दिन देहरादून पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल कर ली। देहरादून पुलिस ने कालनेमि बनकर उत्तराखंड में घूम रहे दूसरे राज्यों के कई ढोंगियों को गिरफ्तार किया है।
‘ऑपरेशन कालनेमि’ में पकड़े गए 25 छद्म वेशधारी: ऑपरेशन कालनेमि के तहत दून पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. बाबा के भेष में घूम रहे बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया गया है। दून पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पुलिस ने साधु-संतों के भेष में घूम रहे अन्य राज्यों के 20 से अधिक ढोंगी बाबाओं सहित कुल 25 ढोंगी बाबाओं को ऑपरेशन कालनेमि के तहत गिरफ्तार किया है।मौके पर बैठे ढोंगी बाबाओं, जिन्हें ज्योतिष शास्त्र का ज्ञान नहीं था। उनके खिलाफ एसएसपी ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे। प्रदेश में सबसे पहले दून पुलिस ने ऑपरेशन कालनेमि के तहत कार्रवाई की है।
सीएम धामी ने गुरुवार को शुरू किया था ‘ऑपरेशन कालनेमि’: देवभूमि में धर्म की आड़ में लोगों की भावनाओं और आस्थाओं से खिलवाड़ करते हुए उनके साथ धोखाधड़ी करने वाले भेषधारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री के निर्देशों पर ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा ऐसे सभी व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
ये काम करते हैं छद्म वेशधारी लोग: ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्रों में ऐसे व्यक्तियों, जो साधु-संतों का भेष धारण कर लोगों को विशेषकर महिलाओं और युवाओं को भ्रमित करते हैं। उनकी पहचान करने का आदेश दिया गया है। ये भेषधारी छद्म लोग स्थानीय लोगों को उनकी व्यक्तिगत अथवा घरेलू समस्याओं का निदान करने का प्रलोभन देते हैं। इस दौरान उन्हें वशीभूत करते हुए उनके साथ ठगी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। ऐसे कालनेमियों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
देहरादून एसएसपी ने खुद संभाली ‘ऑपरेशन कालनेमि’ की कमान: आज एसएसपी अजय सिंह ने खुद नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में जाकर साधु-संतों का भेष धारण कर सड़क किनारे बैठे व्यक्तियों से व्यक्तिगत रूप से पूछताछ की गई. इनमें से ज्यादातर लोग अपने प्रोफेशन के सम्बंध में कोई सन्तोषजनक उत्तर नहीं दे पाए. न ही ये लोग ज्योतिष शास्त्र की शिक्षा से सम्बन्धित कोई दस्तावेज प्रस्तुत कर पाए। इस पर एसएसपी ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए. इस पर ऐसे सभी व्यक्तियों को पुलिस ने मौके से हिरासत में लेते हुए उन्हें 170 बीएनएसएस के तहत गिरफ्तार किया।
एलआईयू और आईबी बांग्लादेशी नागरिक से कर रहीं पूछताछ: एसएसपी अजय सिंह ने बताया है कि-
अभियान के दौरान अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए साधु-संतों के भेष में घूम रहे 25 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया है. इनमें से सहसपुर क्षेत्र में बाबा के भेष में घूम रहा 01 बांग्लादेशी नागरिक भी पुलिस की गिरफ्त में आया है. उसके खिलाफ थाना सहसपुर में विदेशी अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज किया गया. साथ ही एलआईयू और आईबी की टीमों ने बांग्लादेशी नागरिक से पूछताछ कर रही हैं. गिरफ्तार ढोंगी बाबाओं में 20 से अधिक व्यक्ति अन्य राज्यों के रहने वाले हैं।
-अजय सिंह, एसएसपी-
एसएसपी ने कहा जारी रहेगा अभियान: एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुरू ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत ढोंगी बाबाओं के खिलाफ दून पुलिस की कार्रवाई जारी रहेगी।
ये हुए गिरफ्तार
-अजय चौहान निवासी ग्राम कल्याणपुर, बरबीगा सेखपुरा, सहारनपुर
-अनिल गिरी निवासी मुबारिकपुर, अम्ब, ऊना हिमाचल प्रदेश
-मंगल सिंह निवासी शिवाजी मार्ग, कांवली रोड, देहरादून
-रोझा सिंह निवासी कांवली रोड
-कोमल कुमार निवासी सासनी, हाथरस, उत्तर प्रदेश
-अश्वनी कुमार निवासी सासनी, हाथरस, उत्तर प्रदेश
-राजानाथ निवासी मोथरोवाला, सपेरा बस्ती, नेहरू कॉलोनी देहरादून
-रामकृष्ण निवासी कंसपुर शिवपुरी, जगाधरी यमुनानगर, हरियाणा
-शौकी नाथ निवासी खेड़ा बस्ती शिवपुर, जगाधरी, यमुनानगर, हरियाणा
-मदन सिंह निवासी मटियानी, मडूवा, चंपावत
-राहुल जोशी निवासी काली देवी मंदिर, हल्दौर, बिजनौर उत्तर प्रदेश
-मोहम्मद सलीम निवसी पिरान कलियर, हरिद्वार
-शिनभु निवासी अलवर, राजस्थान
-सुगन योगी निवासी अलवर राजस्थान
-मोहन जोशी निवासी दौसा, राजस्थान
-नवल सिंह निवासी अलवर राजस्थान
-भगवान सह निवासी दौसा राजस्थान
-हरिओम योगी निवासी दौसा राजस्थान
-रामकुमार निवासी बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश
-गिरधारीलाल निवासी दौसा राजस्थान
-अर्जुन दास निवासी होरियो तुला, असम
-काकू निवासी टपरी बस्ती, हरिद्वार
-सुरेश लाल निवासी बलिया उत्तर प्रदेश
ऑपरेशन कालनेमि शुरू करते समय सीएम धामी ने ये कहा था: गुरुवार को जब सीएम धामी ने ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू किया था तो उस समय उन्होंने कहा था कि जिस प्रकार असुर कालनेमि ने साधु का भेष धरकर लोगों को भ्रमित किया था, उसी तरह आज भी कई ‘कालनेमि’ समाज में एक्टिव हैं. ये कालनेमि धार्मिक वेश धारण करके अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. हमारी सरकार जनभावनाओं, सनातन संस्कृति की गरिमा और सामाजिक सौहार्द की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है. हमारे द्वारा ऐसे वेश बदलकर घूम रहे ऐसे पाखंडियों के खिलाफ कठोर से कठरो कार्रवाई की जाएगी.
कौन था कालनेमि? कालनेमि हिंदू पौराणिक कथाओं का एक पात्र है. रामायण से जुड़ी कथाओं के अनुसार कालनेमि लंकापति रावण का मामा था। ये बहुत ही मायावी था. उसे हर रूप बदलने में महारत हासिल थी। राम रावण युद्ध में जब लक्ष्मण, मेघनाद के बाण से मूर्छित हो गए थे, तो हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने गए थे।रावण ने हनुमान जी को रोकने के लिए कालनेमि को भेजा था। कालनेमि ने अपनी मायावी शक्तियों के जरिए हनुमान जी को रोकने की कोशिश की. शंकर स्वयं केसरीनंदन यानी हनुमान जी, कालनेमि को पहचान गए। इसके बाद हनुमान जी ने कालनेमि का वध कर दिया था।