जय बदरी विशाल:  मंदिर के कपाट आज  शीतकाल के लिए कपाट मुहूर्त के अनुसार, रात 9 बजकर 7 मिनट पर किए गए बंद,जयकारों से गूंजा धाम, 10 हजार श्रद्धालु बने पावन पल के साक्षी।

जय बदरी विशाल:  मंदिर के कपाट आज  शीतकाल के लिए कपाट मुहूर्त के अनुसार, रात 9 बजकर 7 मिनट पर किए गए बंद,जयकारों से गूंजा धाम, 10 हजार श्रद्धालु बने पावन पल के साक्षी।


Badrinath Dham Door Closed: इस साल 12 मई को बदरीनाथ की यात्रा शुरू हुई थी और 17 नवंबर को कपाट बंद कर दिए गए। 190 दिन चली यात्रा में इस साल 14 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे। आज मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।

बदरीनाथ मंदिर के कपाट आज रविवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। कपाट मुहूर्त के अनुसार, रात 9 बजकर 7 मिनट पर बंद किए गए।

कपाट बंद होने के मौके पर धाम में पहुंचे लगभग 10 हजार श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ के दर्शन किए। कपाट बंद होने के बाद बदरीनाथ धाम जय बदरीविशाल के उद्घोष से गूंज उठा। बदरीनाथ मंदिर को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है।

दिनभर बदरीनाथ मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुला रहा। सुबह साढ़े चार बजे बदरीनाथ की अभिषेक पूजा शुरू हुई। बदरीनाथ का तुलसी और हिमालयी फूलों से श्रृंगार किया गया। छह बजकर 45 मिनट पर बदरीनाथ की सायंकालीन पूजा शुरू हुई।

शाम सात बजकर 45 मिनट पर रावल (मुख्य पुजारी) अमरनाथ नंबूदरी ने स्त्री वेष धारण कर लक्ष्मी माता को बदरीनाथ मंदिर में प्रवेश कराया। बदरीश पंचायत (बदरीनाथ गर्भगृह) में सभी देवताओं की पूजा अर्चना व आरती के बाद उद्धव जी व कुबेर जी की प्रतिमा को गर्भगृह से बाहर लाया गया।

रात आठ बजकर 10 मिनट पर शयन आरती हुई। उसके बाद कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हुई। रात सवा आठ बजे माणा गांव की कन्याओं द्वारा तैयार घृत कंबल बदरीनाथ भगवान को ओढ़ाया गया और अखंड ज्योति जलाकर रात ठीक नौ बजकर सात मिनट पर भगवान बदरीनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।अब रावल, धर्माधिकारी, वेदपाठी और बदरीनाथ के हक-हकूकधारियों के साथ उद्धव व कुबेर की उत्सव डोली तथा आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी सोमवार को सुबह पांडुकेश्वर के योग बदरी मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

[democracy id="1"]

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले मुख्यमंत्री धामी, कहा- लैंसडौन और रानीखेत छावनी क्षेत्र नगर पालिका में हो शामिल, धारचूला और जोशीमठ के सैन्य हेलीपैड को क्षेत्रीय हवाई सेवाओं के उपयोग के लिए अनुमति देने का किया आग्रह।

देहरादून-पत्रकारों के लिए मुख्यमंत्री धामी की पहल ,पत्रकारों और परिजनों के लिए नि:शुल्क विशेष स्वास्थ्य कैम्प, विशेषज्ञ डॉक्टरों की रही मौजूदगी, मेडिकल कैम्प में 350 से अधिक की हुई जांच।