मुख्यमंत्री धामी की नई पहल, सहानुभूति और सहयोग की दिशा में बड़ा कदम, लॉन्च किया ‘मिशन संवाद ऐप” पुलिस कर्मियों की मानसिक सेहत को मिलेगी प्राथमिकता।
खटीमा 05 जुलाई,2025- पुलिस के बेहतर मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मिशन संवाद ऐप का शुभारंम किया। उन्होंने इस अवसर पर कुमाऊं पुलिस की “मिशन संवाद” पहल को पूरे प्रदेश में लागू किये जाने के साथ ही नगर निगम रुद्रपुर में गाँधी पार्क व उत्तरायणी पार्क के सौंदयीकरण की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मैं, इस विशिष्ट कार्यक्रम “मिशन संवाद” के आयोजन के लिए आईजी कुमाऊं श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल जी सहित पूरे पुलिस विभाग को हृदय से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ। उन्होंने कहा कि आईजी कुमाऊं श्रीमती अग्रवाल की ये पहल वास्तव में दूरदर्शिता और संवेदनशीलता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि आप सभी पुलिस अधिकारी और जवान आज “संवाद, सहानुभूति और सहयोग” जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा करने के लिए एकजुट हुए हैं। उन्होंने कहा कि “संवाद” इसलिए ताकि हम अपने पुलिसकर्मियों की बात को गहराई से समझ सकें, “सहानुभूति” इसलिए ताकि हम अपने जवानों की भावनाओं को महत्व दें और सम्मान करें एवं “सहयोग” इसलिए ताकि हम आपके मानसिक स्वास्थ्य और व्यक्तिगत जीवन को सुदृढ़ बना सकें।
श्री धामी ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि ये “मिशन संवाद” उत्तराखंड के सुरक्षित भविष्य के साथ-साथ हमारे पुलिसकर्मियों को तनावमुक्त रहने हेतु नए विचारों का आदान-प्रदान करने का एक सशक्त माध्यम बनेगा। उन्होंने कहा कि “तनाव से नहीं, संवाद से जीत होगी” ये मात्र एक नारा नहीं, बल्कि ये हमारा संकल्प है, हमारी दिशा है और जमीनी अनुभवों से उपजा एक संदेश है। उन्होंने कहा कि आज का ये कार्यक्रम केवल एक औपचारिक संवाद नहीं, बल्कि ये एक आत्मीय मिलन है, जहाँ हम एक-दूसरे की भावनाओं, चुनौतियों और संघर्षों को समझने का ईमानदारी से प्रयास करेंगे। पुलिस सेवा की प्रकृति ऐसी है जिसमें निरंतर सतर्कता, अनुशासन और उच्च स्तर के तनाव-प्रबंधन की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि दायित्वों के निर्वहन में कई बार मानसिक और भावनात्मक थकान उत्पन्न होती है, जिसे हम सभी ने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अनुभव किया है। आज पुलिसकर्मियों की औसत ड्यूटी 14 से 16 घंटे प्रतिदिन होती है। श्री धामी ने कहा कि विभिन्न शोध भी बताते हैं कि लगभग 73 प्रतिशत पुलिसकर्मियों ने स्वीकार किया है कि वे निरंतर मानसिक दबाव का अनुभव करते हैं। इसके अलावा, अवसाद, अनिद्रा और चिंता जैसे मानसिक स्वास्थ्य लक्षण, सामान्य जनसंख्या की तुलना में पुलिसकर्मियों में 3 से 4 गुना अधिक देखे जाते हैं।
माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि ये मात्र आँकड़े नहीं हैं, बल्कि ये हमें सोचने पर विवश करते हैं कि जब निरंतर तनाव हो और राहत के साधन सीमित हों, तो समाधान की दिशा में ठोस और संवेदनशील प्रयास करने बहुत आवश्यक हैं। इसी सोच के साथ, आज “मिशन संवाद” के साथ ही हम “संवाद ऐप” की लॉन्चिंग भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह ऐप हमारे पुलिसकर्मियों को अपने मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने में सहायता प्रदान करेगा एवं सबसे महत्वपूर्ण बात है कि इस ऐप में डेटा की गोपनीयता और संवेदनशीलता का विशेष ध्यान रखा गया है। आप जो भी बात साझा करेंगे, वो पूरी तरह गोपनीय रहेगी इसलिए ये एक सुरक्षित मंच होगा जहाँ आप खुलकर अपनी बात रख सकेंगे। उन्होंने कहा कि मैं, जानता हूँ कि आपसे बहुत सारी अपेक्षाएँ की जाती हैं, हर स्थिति में संयम, हर परिस्थिति में त्वरित कार्रवाई, हर अपराधी पर सख्ती और हर नागरिक से विनम्रता, ये संतुलन बनाना आसान नहीं होता। इस कारण आपको कई बार आलोचना, मानसिक दबाव और शारीरिक थकावट का भी सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसे क्षण भी आते हैं जब आप चाहते हैं कि कोई आपकी भी सुने, कोई आपके मन की बात भी समझे। “मिशन संवाद” का यही उद्देश्य है, आपके भीतर की बात को सुनना, समझना और बदलाव की नींव रखना। इसलिए, मैं, यहाँ केवल मुख्य सेवक के रूप में नहीं आया हूँ, बल्कि एक जिम्मेदार साथी की तरह आपके सामने खड़ा हूँ। मैं, आपको और आपके परिजनों को कभी अकेला महसूस नहीं होने दूँगा, ये मेरा संकल्प है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य की पुलिस व्यवस्था को और अधिक सक्षम और संसाधनयुक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। हमने पुलिसकर्मियों के लिए अत्याधुनिक उपकरणों की व्यवस्था की है और उनकी सुरक्षा के लिए भी कई कदम उठाए हैं। साथ ही, अपने पुलिस के जवानों के परिवारों के कल्याण के लिए भी कई योजनाएँ प्रारंभकी गई हैं, ताकि हमारे पुलिसकर्मी अपने कर्तव्यों का पालन बिना किसी चिंता के कर सकें। उन्होंने कहा कि आज राज्य में पुलिसकर्मियों के आवासीय स्तर को सुधारने के लिए 150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 380 आवासों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 42 करोड़ रुपये की लागत से 5 पुलिस थानों, 2 पुलिस चौकियों, 2 फायर स्टेशनों और 3 पुलिस लाइनों के प्रशासनिक भवनों का निर्माण कार्य भी कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, हमने 2024-25 वित्तीय वर्ष में 58 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान भी किया है, जिसका उपयोग विभिन्न भवनों के निर्माण के लिए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस एक फर्स्ट रिस्पॉन्डर के रूप में 24 घंटे काम करती है इसलिए पुलिस के रिस्पांस टाइम को बेहतर बनाने में वाहनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए, हमारी सरकार ने राज्य गठन के बाद पहली बार 1105 पुलिस वाहनों की खरीद को मंजूरी दी है, जिसके अंतर्गत 29 करोड़ रुपये की लागत से 223 वाहनों का क्रय भी किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हमने पीएसी और आईआरबी के जवानों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए ट्रकों के स्थान पर 73 बसों का क्रय किया है। हमारी सरकार द्वारा पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए पुलिस सैलरी पैकेज में 75 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का दुर्घटना बीमा प्रदान किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत अब तक 15 करोड़ रुपए से अधिक की राशि दिवंगत पुलिसकर्मियों के परिजनों को प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, अब पुलिसकर्मियों के वेतन, भत्ते, चिकित्सा प्रतिपूर्ति और अवकाश से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है, जिससे उन्हें इन सुविधाओं का लाभ समय पर और सुगमता से मिल सके।
सीएम धामी ने कहा कि आपदा राहत कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने एसडीआरएफ की एक नई कंपनी की स्वीकृति प्रदान की है, जिसके तहत 162 नए पदों का सृजन किया गया है। साथ ही, हमने जवानों और अधिकारियों की कमी को दूर करने के लिए 6 थानों और 21 पुलिस चौकियों के सुचारू संचालन हेतु 327 पदों की स्वीकृति भी प्रदान की है। इसके साथ ही, पीपीएस के ढांचे में 11 नए पदों का भी सृजन किया गया है। इससे न केवल उत्तराखंड पुलिस परिवार का विस्तार होगा, बल्कि पुलिसकर्मियों को पदोन्नति के बेहतर अवसर भी प्राप्त हो सकेंगे। साथ ही राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में, हमने उप निरीक्षक के 222 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की है, साथ ही 2000 सिपाहियों की भर्ती भी प्रक्रियाधीन है। इसके अतिरिक्त, हमने राज्य में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए “नई खेल नीति” के तहत कुशल खिलाड़ियों के लिए पुलिस विभाग में विशेष कोटे के माध्यम से भर्तियों का प्रावधान भी किया है। उन्होंने आज के इस अवसर पर पुलिस उच्चाधिकारियों से विशेष अपील की, कि पुलिसकर्मियों के लिए नियमित अंतराल पर मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन के कार्यक्रम आयोजित करते रहने चाहिए। कई बार पुलिसकर्मियों को अत्यंत कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है, इसलिए उन्हें सही संसाधन और आवश्यक भावनात्मक समर्थन प्रदान करना हम सभी का परम कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस सराहनीय पहल के भविष्य में सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे। सकारात्मक परिचर्चा के माध्यम से ही राज्य में सकारात्मक परिवर्तनों और परिणामों को स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ये पहल न केवल उत्तराखंड के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करेगी कि किस प्रकार एक सरकार अपने अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं, अपने पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए काम कर सकती है। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं, समय-समय पर आप सभी से संवाद करके आपकी समस्याओं को सुनूंगा और उनके समाधान का प्रयास भी करूंगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुमाऊं पुलिस की “मिशन संवाद” पहल को पूरे प्रदेश में लागू किये जाने की घोषणा की। साथ ही महापौर नगर निगम रुद्रपुर विकास शर्मा के अनुरोध पर रुद्रपुर के गाँधी पार्क व उत्तरायणी पार्क के सौंदयीकरण की घोषणा भी की।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने कैम्प कार्यालय लोहिया हेड में जनसंस्याएं भी सुनी।
इस अवसर पर अध्यक्ष नगर पालिका खटीमा रमेश चंद्र जोशी (रामूभाई),,महापौर विकास शर्मा, दर्जामंत्री अनिल कपूर डब्बू, उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोग फरजाना बेगम, मंडलाआयुक्त दीपक रावत, आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, मनीष कुमार, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, देवेंद्र पीँचा, ए गणपति, वर्चुअल माध्यम से डीजीपी दीपम सेठ सहित सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक जुड़े थे।