उत्तराखंड के नौ जिलोंं में भारी बारिश का अलर्ट, भूस्खलन से 109 सड़कें बंद,ऊफान पर नदियां,उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन पर रोक,पल-पल की अपडेट के लिए पढ़िये खबर।
देहरादून ( उत्तराखंड)। पिछले पांच दिनों से उत्तराखंड के अधिकतर इलाकों में झमाझम बारिश हो रही है। जिससे पहाड़ी इलाकों के साथ ही मैदानी इलाकों में मौसम सुहावना हो गया है। लेकिन दुश्वारियां भी बढ़ी हैं। वहीं मौसम विभाग ने सात और आठ जुलाई को भी भारी बारिश की आशंका जताई है।भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए सभी जिलाधिकारियों को हर स्तर पर अतिरिक्त तत्परता एवं सुरक्षा बनाए रखते हुए आवागमन में नियंत्रण रखने को कहा गया है।
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उत्तराखंड के नौ जिलों में आज रविवार को भारी से अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट किया है। केंद्र ने उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन पर रोक लगाते हुए एडवाइजरी जारी की है।अगर आप भी मानसून में उत्तराखंड आने की सोच रहे हैं तो पहले मौसम की जानकारी ले लें। उसके बाद ही अपनी यात्रा प्लान करें।
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राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक और मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार,
आठ जुलाई तक वर्षा का दौर इसी प्रकार बना रह सकता है। रविवार को चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया गया है। हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी में भी कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है। इसे लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली भी चमक सकती है। लिहाजा सभी जिलाधिकारियों को हर स्तर पर अतिरिक्त तत्परता एवं सुरक्षा बनाए रखते हुए आवागमन में नियंत्रण रखने को कहा गया है।
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आपदा प्रबंधन आईआरएस प्रणाली के नामित समस्त अधिकारी और नोडल अधिकारियों को हाई अलर्ट मोड में रखा जाएगा। एनएच, पीडब्ल्यूडी, पीएमजीएसवाई, एडीबी, बीआरओ और सीपीडब्ल्यूडी को मोटर मार्ग बंद होने पर तत्काल खोलने के निर्देश दिए गए हैं। सभी पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में ही बने रहने को कहा गया है। सभी थाने, चौकी को वायरलैस के साथ हाईअलर्ट पर किया गया है। अधिकारियों, कर्मचारियों को सख्त निर्देश हैं कि वे अपने मोबाइल स्विच ऑफ न करें। असामान्य मौसम, भारी बारिश की चेतावनी के बीच उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन पर रोक लगाई गई है।
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बदरीनाथ हाईवे समेत प्रदेश में 109 मार्ग बंद
प्रदेश में शनिवार को भूस्खलन आदि के चलते बदरीनाथ हाईवे समेमत 142 मार्ग बंद हुए। लोगों को मार्ग खुलने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। जबकि 56 मार्ग शुक्रवार से बंद थे। लोनिवि ने इसमें से 89 मार्ग को खोल दिया। इसके बाद भी 109 सड़क बंद हैं। इसमेें एक राष्ट्रीय राजमार्ग और सात राजमार्ग शामिल हैं। इसके अलावा 11 मुख्य जिला मार्ग, दो अन्य जिला मार्ग और 88 ग्रामीण मार्ग शामिल हैं।
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पिथौरागढ़ की काली नदी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर।
भारी बारिश के कारण पिथौरागढ़ के धारचूला में काली नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 0.90 मीटर ऊपर चला गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने अलर्ट जारी करते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक, केंद्रीय जल आयोग की वेबसाइट से जारी दैनिक जल स्तर एवं पूर्वानुमान के तहत शनिवार को शाम काली नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 0.90 मीटर ऊपर चला गया है। ऐसे में हर स्तर पर सावधानी बरती जाए। केंद्रीय जल आयोग से जल स्तर की मॉनिटरिंग की जाए। लोगों को इसके प्रति आगाह किया जाए। ताकि कोई जनहानि न हो।
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उफान पर हैं गंगा, अलकनंदा और मंदाकिनी
भारी बारिश से रुद्रप्रयाग जनपद में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी खतरे के निशान पर बह रही है। प्रशासन ने अगस्त्यमुनि व रुद्रप्रयाग में अलर्ट जारी कर दिया है। चमोली में भी अलकनंदा पिंडर, धौली गंगा, नंदाकिनी नदी उफान पर बह रही है। ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा भी खतरे के निशान पर है।
लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। चारधाम यात्रा बार-बार बंद हो रहे हैं। वहीं उत्तरकाशी और नैनीताल जिले में पुल भी बह गए। नैनीताल में शनिवार को रामनगर-रानीखेत हाईवे पर पनियाली नाला पर बना पुल भारी वर्षा के कारण ध्वस्त हो गया। जिससे कई इलाकों का संपर्क टूट गया है।
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कुमाऊं में वर्षा का क्रम जारी है। करीब 60 से अधिक सड़कें मलबा आने से बाधित हैं। चीन सीमा तक पहुंचने वाली दो सड़कें पांच दिन से बाधित हैं। नैनीताल में झील का जलस्तर चार फीट हो गया है। 12 फ़ीट होने पर झील ओवरफ्लो होने लगती है। सीमांत में काली,गोरी व सरयू उफान पर हैं और चेतावनी लेवल के आसपास बह रहीं हैं।
टिहरी में रात से बंद बदरीनाथ राजमार्ग तोता घाटी में वाहनों के लिए खोल दिया गया है।
भूस्खलन से जौनसार बावर में 18 मोटर मार्ग बंद हो गए हैं। जिसके चलते बाहरी मंडी में जाने वाली कृषि उपज से भरे वाहन जगह-जगह फंसे हैं। 18 मोटर मार्ग बंद होने से करीब 100 से अधिक गांव का संपर्क शहर से कट गया है। मार्ग बंद होने का असर विकास नगर के मुख्य बाजार के कारोबार पर भी पड़ता है।
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ऋषिकेश में चेतावनी रेखा के निकट जाने के बाद गंगा के जलस्तर में अब कमी आई है। शनिवार को सुबह से ही ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा था, जो देर रात 10:00 बजे चेतावनी रेखा 339.50 के करीब 339.16 मीटर तक पहुंच गया था। चेतावनी रेखा से महज 34 सेमी नीचे तक आने के बाद गंगा की जल स्तर में कमी होने लगी। रविवार सुबह 9:00 बजे गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा से 75 सेमी नीचे 338.75 मीटर पर आ गया था। फिलहाल पिछले 20 घंटे से ऋषिकेश तथा आसपास क्षेत्र में वर्षा नहीं हो रही है।
चमोली में जोशीमठ पांडुकेश्वर के बीच टयापुल के पास बाधित हाईवे से मलबा हटाने का काम शुरू।
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उत्तरकाशी जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्र में बादल छाए हुए हैं। वर्षा की संभावना बनी हुई है । गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सुचारू है। जनपद में दो संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं। गत शनिवार की दोपहर से लेकर अभी तक जनपद में वर्षा नहीं हुई है।
टिहरी में ऋषिकेश – बदरीनाथ राजमार्ग तोताघाटी में मलबा आने से बंद है। मार्ग खोलने का प्रयास किया जा रहा है। जिले में 30 लिंक रोड भी बंद हैं। अभी बारिश थमी है। जिले में बीएसएनएल की सेवाएं भी बाधित हैं।
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पौड़ी में अभी वर्षा रुकी है, बादल छाए हैं। जिले में 19 मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं। जिसमें दो राज्य मार्ग, तीन जिला मार्ग और बाकी ग्रामीण मार्ग शामिल हैं।
रुड़की में शहर और आसपास के क्षेत्रों में हल्के बादल छाए हुए हैं, बारिश की संभावना है।
हल्द्वानी में रविवार को भी बारिश का दौर जारी है।
रुद्रप्रयाग में बारिश रुकी हुई है। गौरीकुंड हाईवे व बदरीनाथ हाईवे पर यातायात सुचारू है। जनपद में 16 मोटर मार्ग अवरूद्ध चल रहे हैं।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa