‘हिंदी पत्रकारिता दिवस” खटीमा में आयोजित हुई गोष्ठी, समाज के प्रति मीडिया की जिम्मेदारीयों पर हुई चर्चा, विचार गोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार हुए सम्मानित।

‘हिंदी पत्रकारिता दिवस” खटीमा में आयोजित हुई गोष्ठी, समाज के प्रति मीडिया की जिम्मेदारीयों पर हुई चर्चा, विचार गोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार हुए सम्मानित।

 

 

खटीमा, 30 मई 2025: हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर खटीमा में स्थानीय पत्रकारों ने एक भव्य समारोह का आयोजन किया, जिसमें पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान देने वाले वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित किया गया और उनके अनुभवों से प्रेरणा ली गई। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार शंभू दयाल बाजपेई उपस्थित रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. विपीन चंद्रा और खड़क सिंह गैंडा एवं हरीश मेहरा ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार राजेश छाबड़ा ने की।

 

हिंदी पत्रकारिता दिवस, जो 30 मई 1826 को पंडित जुगल किशोर शुक्ल द्वारा कलकत्ता से प्रकाशित पहले हिंदी समाचार पत्र ‘उदन्त मार्तण्ड’ की स्मृति में मनाया जाता है, इस बार खटीमा में विशेष उत्साह के साथ आयोजित किया गया। इस अवसर पर जनपद के विभिन्न हिस्सों से आए पत्रकारों ने एकजुट होकर पत्रकारिता के महत्व और चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया।

मुख्य अतिथि शंभू दयाल बाजपेई ने अपने संबोधन में पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए कहा, “पत्रकारिता केवल समाचारों को जनता तक पहुंचाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह समाज को जागरूक करने और सत्ता को जवाबदेह बनाने का एक शक्तिशाली हथियार है।” उन्होंने युवा पत्रकारों से निष्पक्षता और सत्य के प्रति समर्पण के साथ कार्य करने का आह्वान किया।

विशिष्ट अतिथि डॉ. विपीन चंद्रा ने हिंदी पत्रकारिता के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ‘उदन्त मार्तण्ड’ ने न केवल हिंदी पत्रकारिता की नींव रखी, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। खड़क सिंह गैंडा ने डिजिटल युग में पत्रकारिता की बदलती चुनौतियों पर जोर देते हुए कहा कि तकनीक के साथ तालमेल बनाना आज के पत्रकारों के लिए अनिवार्य है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राजेश छाबड़ा ने पत्रकारों से समाज की बेहतरी के लिए जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करने की अपील की। उन्होंने कहा, “पत्रकारिता का मूल उद्देश्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाना और जनता की आवाज को बुलंद करना है।” उनके संबोधन ने उपस्थित पत्रकारों में जोश का संचार किया।

कार्यक्रम में जनपद के कई युवा और अनुभवी पत्रकारों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने वरिष्ठ पत्रकारों के अनुभवों और मार्गदर्शन से प्रेरणा प्राप्त की। समारोह में पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कुछ पत्रकारों को सम्मानित भी किया गया। इसके अलावा, पत्रकारिता के सामने आने वाली चुनौतियों, जैसे फेक न्यूज और आर्थिक दबाव, पर भी चर्चा हुई, जिसमें सभी ने मिलकर समाधान खोजने पर जोर दिया।

यह आयोजन न केवल हिंदी पत्रकारिता के गौरवशाली इतिहास को याद करने का अवसर बना, बल्कि पत्रकारों को एक मंच प्रदान कर उन्हें एकजुट होने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को और मजबूती से निभाने के लिए प्रेरित किया। खटीमा के इस समारोह ने पत्रकारिता के प्रति सम्मान और समर्पण को और गहरा किया।

इस अवसर वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र मोहन गौड़ ,दीपक फुलेरा, हरिनारायण अग्रवाल, केदार सोनकर, नवीन जोशी, महेश चंद ,अनीस अहमद, असद जावेद, जितेंद्र पारूथी, नीरज कश्यप, करन सतवाल ,गोरख नाथ, मुस्तकीम मालिक, इस्तियाक अहमद, जोगेश ,सूरज कुमार, खुशाल सिंह गैंडा, गुड्डू खान, अजय गुप्ता, अशोक सरकार, दीपक यादव, सुंदर बहादुर, सलीम,राहुल गुप्ता, गणेश पुजारा, सुनील सैनी, टोनी वर्मा, ईश्वर सिंह, माया शंकर, अमीर अंसारी, आदि कार्यक्रम में मौजूद रहे

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