वन निगम में कुक-खलासी भर्ती को लेकर फैली भ्रामक ख़बरों पर निगम का स्पष्टीकरण — कहा, कार्यवाही पूर्णतः नियमों के अनुरूप।
देहरादून। बीते दिनों कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में उत्तराखण्ड वन विकास निगम द्वारा कुक एवं खलासी रखने पर निगम को 2 करोड़ रुपये की वित्तीय हानि होने का दावा किया गया था। इस पर निगम ने स्पष्ट किया है कि यह आरोप भ्रामक और तथ्यों से परे है।
निगम प्रबंधन के अनुसार, कार्य की वास्तविक आवश्यकता को देखते हुए कुक और खलासी दैनिक/बाह्य सेवा के आधार पर सेवायोजित किए जाते हैं। यह प्रक्रिया उत्तर प्रदेश वन निगम सेवा नियमावली के अंतर्गत पूर्व से लागू व्यवस्था के अनुसार मई 2022 तक प्रभावी रही है, जिसमें संबंधित पदों की अनुमन्यता हेतु स्पष्ट नॉर्म्स निर्धारित हैं।
वर्तमान में भी यह व्यवस्था उत्तराखण्ड वन विकास निगम (संशोधित) अधिनियम, 2011 और प्रबन्ध मण्डल द्वारा प्रदत्त अधिकारों के अनुरूप जारी है। अधिनियम के अनुसार प्रबन्ध निदेशक को अस्थायी पद सृजन (Creation of Temporary Posts) का अधिकार प्राप्त है। इन्हीं अधिकारों के तहत, कार्य की आवश्यकता का परीक्षण कर प्रबन्ध मण्डल की अनुमति से कुक/खलासी रखने की स्वीकृतियाँ जारी की गई हैं।
निगम ने कहा कि यह पूरी कार्यवाही नियमों के दायरे में और पारदर्शी तरीके से की गई है।
फिर भी, मामले की आंतरिक जांच कराई जाएगी, और यदि किसी स्तर पर कोई नियमविरुद्ध कार्यवाही या वित्तीय अनियमितता पाई जाती है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
निगम ने अपील की है कि बिना तथ्यों की जांच किए भ्रामक सूचनाएँ प्रसारित न की जाएँ।

Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa