मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय,शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षक की भर्ती के लिए बीएड की योग्यता को खत्म करने को मंजूरी।
देहरादून (उत्तराखंड) – स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत अटल आयुष्मान योजना में डायलेसिस सेंटर को 100 प्रतिशत चिकित्सा प्रतिपूर्ति को मंजूरी प्रदान की गई है।
-उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति को प्रख्यापित करने को मंजूरी। यह नीति 31 दिसंबर 2030 तक लागू रहेगी। उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए यूआईडीबी के माध्यम से होगा क्रियान्वयन।
-पर्यटन विभाग के अंतर्गत राजकीय होटल मैनेजमेंट संस्थान देहरादून एवं अल्मोड़ा के लिए नियमावली को प्रख्यायित करने को मंजूरी।
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-शहरी विकास विभाग के अंतर्गत गढ़ी नेगी क्षेत्र काशीपुर को नगर पंचायत का दर्जा देने को मंजूरी
-उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत पीएचडी करने वाले 100 मेधावी छात्रों को प्रतिमाह रू0 5000 छात्रवृत्ति प्रदान किये जाने को मंजूरी।
-शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षक की भर्ती के लिए बीएड की योग्यता को खत्म करने को मंजूरी।
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-पर्यटन विभाग के अंतर्गत पिथौरागढ़ के आदि कैलाश, गूंजी आदि क्षेत्रों में पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत 5 दिवसीय हेली दर्शन योजना 6 माह के लिए संचालित करने को मंजूरी।
-कैंसर चिकित्सालय हर्रावाला 300 बेड व मातृ शिशु चिकित्सा संस्थान 200 बेड के संचालन को पीपीपी के माध्यम से संचालित करने को मंजूरी।
-ऊर्जा विभाग के अंतर्गत लखवाड़ बहुद्देश्यीय परियोजना के लिए पुनर्स्थापन नीति को मंजूरी प्रदान की गई। इसके अंतर्गत मजदूरी दर संशोधित की गई।
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-कौशल विकास विभाग के अंतर्गत रू0 630 करोड़ के वर्क फोर्स प्रोजेक्ट को किया गया स्वीकृत।
– राज्य में उड़ान योजना के अन्तर्गत समूह ग एवं ख के कार्मिकों/अधिकारियों को राज्य के अंदर हवाई सेवा सुविधा प्रदान किये जाने का निर्णय। सम्बन्धित अधिकारी एवं कार्मिक इस योजना के तहत शासकीय यात्रा के साथ एलटीसी में भी इस सुविधा का उपयोग कर सकेंगे।
-पुरोला कालाढूंगी को नगर पालिका बनाये जाने के लिये निर्णय लेने हेतु कैबिनेट द्वारा मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।
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प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा में बेसिक के शिक्षकों के पदों पर भर्ती पिछले तीन साल से भी अधिक समय से लटकी है। शिक्षा विभाग ने वर्ष 2020 व 2021 में सहायक अध्यापक के दो हजार से अधिक पदों के लिए आवेदन मांगे थे।
इस बीच विभाग में कुछ अन्य पद भी खाली हो गए, लेकिन पहले एनआईओएस से डीएलएड और फिर बीएड की वजह से शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया लटकी रही। पहला मामला 15 जनवरी 2021 का है। जब शासन ने शिक्षकों की इस भर्ती में एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को भी शामिल करने का आदेश कर दिया था। इस पर बड़ी संख्या में एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन किया।
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इन अभ्यर्थियों के आवेदन करने के बाद शासन ने 10 फरवरी 2021 को एक अन्य आदेश जारी कर 15 जनवरी 2021 के आदेश को रद्द कर दिया। वहीं, एक अन्य मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट ने फिर हाईकोर्ट ने 14 फरवरी 2023 को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बीएड अभ्यर्थियों को बाहर करने का आदेश कर दिया, जिससे शिक्षकों की भर्ती कानूनी दांव पेच में उलझी रही।
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प्राथमिक शिक्षक पद के लिए बीएड योग्यता को हटाया
राजकीय प्राथमिक शिक्षा सेवा नियमावली को लेकर कैबिनेट में आए प्रस्ताव में कहा गया कि राजस्थान के परिप्रेक्ष्य में सर्वोच्च न्यायालय की ओर से पारित 11 अगस्त 2023 के आदेश में एनसीटीई की 28 जून 2018 की अधिसूचना को रद्द कर दिया गया है। प्रस्ताव में कहा गया कि एनसीटीई ने सभी राज्यों को प्रकरण में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस पर सहायक अध्यापक प्राथमिक पद के लिए तय अर्हताओं में से बीएड योग्यता को हटाते हुए प्राथमिक शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa