मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में हैरतअंगेज स्टंटमैन जनपद अल्मोड़ा के चमन वर्मा ने भेंट की।
अपने हैरतअंगेज स्टंट और कलाबाजी से इंटरनेट पर छाए पहाड़ के युवा चमन वर्मा को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने उनके प्रयासों की प्रशंसा की और उनके ट्रेनिंग आदि के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
उन्होंने कहा कि पहाड़ के युवाओं में बहुत प्रतिभाएं हैं, बस उन्हें तराशने और सही प्लेटफॉर्म देने की जरूरत है।मुख्यमंत्री ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें युवाओं का प्रेरणाश्रोत भी बताया।
कौन है चमन वर्मा।
अल्मोड़ा जनपद के चौखुटिया मासी क्षेत्र का युवा इन दिनों सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। उसके हैरतंगेज स्टंड देख कर हर कोई हतप्रभ है। वह इन दिनों रियल स्टंट कर सोशल मीडिया पर बनने वाली ‘रील’ का असली हीरो साबित हो रहा है। सोशल मीडिया के साथ साथ अब वह मीडिया पर भी छाने लगा है। अब तक उस पर कई रिपोर्ट आ चुकी हैं। लोग उसके हुनर को तरासने के लिए सरकारी मदद की मांग उठाने लगे हैं।
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चौखुटिया मासी क्षेत्र के ग्राम कनौणी निवासी मध्यवर्गीय चमन लाल वर्मा पुत्र बृजलाल वर्मा उम्र 21 साल का सपना भारतीय सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का था, लेकिन इसे किस्मत का खेल कहें या कुछ और कड़ी मेहनत के बाद भी चमन को लक्ष्य में सफलता नहीं मिल सकी। हर बार फिजिकल में पास होने के बाद वह मेडिकल में बाहर होते रहे। इसके बाद भी चमन में हौसला नहीं खोया। इसके बाद भी वो लगातार मेहनत करते रहे।
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वहीं आठ माह की मेहनत के बाद चमन के स्टंट इन दिनों सोशल मीडिया में खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं। उनके स्टंट देख हर कोई दंग है। सोशल मीडिया में लोग उनके स्टंट की वीडियो को जमकर शेयर कर रहे हैं। लोग उन्हें ट्रेनर और उचित सुविधाएं देने की मांग करने लगे हैं। बिना संसाधन के ही चमन हर रोज सोमनाथेश्वर मैदान में अभ्यास करते हैं। यहां उनके स्टेंट देखने के लिए क्षेत्र के युवाओं की भीड़ लगी रहती है। उन्होंने बताया कि बिना संसाधनों के चलते कभी स्टंट करने में परेशानी भी होती है, लेकिन दृढ इच्छा शक्ति, शारीरिक संतुलन, एकाग्रता से सब संभव हो जाता है।
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चमन वर्मा के पिता बृजलाल वर्मा ने बताया कि बेटे की इच्छा सेना में जाने की थी, लेकिन कभी लिखित तो कभी मेडिकल में असफल होने के बाद उसने स्टंट करने शुरू किए। मध्यम वर्गीय परिवार से होने के चलते सही मार्गदर्शन व कोचिंग के लिए धनराशि उपलब्ध नहीं हो पाती है। अब बच्चे की इच्छा को देखते हुए अपने खर्चों पर अंकुश लगाकर कोचिंग दिलाने का प्रयास कर रहे हैं।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa