देहरादून- प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर हुआ एक्शन, कई निजी विद्यालयों को नोटिस जारी, किताबें, ड्रेस पर स्पष्ट एडवाइजरी जारी करने के निर्देश, प्रिंसिपल पर भी हुई कार्रवाई –
देहरादून: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को लेकर देहरादून जिला प्रशासन सख्त होता जा रहा है। स्कूलों में अनियमितता की शिकायत पर डीएम के निर्देशों शहर के दो स्कूलों को नोटिस और एक स्कूल के प्रिंसिपल को तलब किया गया है। साथ ही बच्चों की किताबें, ड्रेस और फीस को लेकर स्कूल को स्पष्ट एडवाइजरी जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन के मुताबकि किसी भी दुकान से बच्चों की किताबें और ड्रेस अभिभावक खरीद सकते हैं।
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जिले में निजी स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ाने, किसी एक चिन्हित दुकान से कॉपी-किताब और ड्रेस खरीदने का दबाव बनाने की शिकायतों को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख इख्तियार किया है। जिला प्रशासन की कोर टीम स्कूल में इन सभी मामलों की छानबीन में जुटी है। जिलाधिकारी के निर्देशों पर स्कूल संचालकों द्वारा नियमों का पालन और शिकायतों का समाधान न करने पर ऐसे स्कूलों की मान्यता निरस्त की जा सकती है।
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वहीं, शिकायत मिलने पर मुख्य विकास अधिकारी ने शहर जाने माने चार स्कूलों के संचालक को समीक्षा के लिए बुलाया। जबकि दो स्कूलों द्वारा बैठक में प्रतिभाग न करने पर नोटिस जारी किया गया।वहीं एक स्कूल से सक्षम अधिकारी नहीं भेजे जाने पर 15 अप्रैल को स्कूल प्रिंसिपल को तलब किया गया है।
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मुख्य शिक्षा अधिकारी ने शहर के एक स्कूल की प्रिंसिपल की शिकायत मिलने पर विद्यालय प्रबंधन समिति से स्कूल प्रधानाचार्य के स्थान किसी अन्य व्यक्ति को प्रधानाचार्य पद पर तैनात करने के लिए कार्रवाई करने को कहा है।
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मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने बताया है कि मुख्य विकास अधिकारी ने निजी स्कूल संचालकों को सख्त हिदायत देते हुए निर्देशित किया। कि स्कूल फीस के लिए आरटीई एक्ट और प्रोविजन के अनुसार तीन सालों में अधिकतम 10 प्रतिशत तक ही फीस बढ़ाई जा सकती है।स्कूल संचालक किसी भी दशा में अभिभावक और बच्चों को किसी एक निश्चित दुकान से किताबें और ड्रेस खरीदने के लिए बाध्य न करें।
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फीस, ड्रेस और किताबों को लेकर अभिभावकों को स्पष्ट एडवाइजरी जारी करें कि अभिभावक अपने बच्चों के लिए किसी भी दुकान से किताबें और ड्रेस खरीद सकते हैं।साथ ही ऐसे सभी स्कूल जहां पर इस प्रकार की शिकायतें मिल रही है। उनमें शिक्षण मानकों की गहनता से जांच की जाए। अभिभावकों से वार्ता करें और उनकी शिकायतों का समाधान कराया जाए। जिला प्रशासन ने इससे पहले कई स्कूलों से मिली अलग-अलग शिकायतों का निस्तारण किया है।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa