बाबा तरसेम हत्याकांड के खुलासे में लगी 11 टीमें, तीन एसपी और पांच सीओ समेत 83 पुलिस अधिकारी कर्मचारियों शामिल,अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने झौंकि पूरी ताकत।
दो टीमों ने पंजाब और दो टीमें यूपी में डेरा डाला, दोनाें राज्यों की पुलिस से सहयोग मांगा।
नानकमत्ता ( उधम सिंह नगर ) नानकमत्ता में डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या में शामिल दो हत्यारोपियों की तलाश में पुलिस की 11 टीमें जुटी हुई हैं। हत्यारोपियों की तलाश में दो टीमों ने पंजाब और दो टीमें यूपी में डेरा डाला हुआ है। हत्यारोपियों को दबोचने के लिए दोनाें राज्यों की पुलिस से सहयोग मांगा गया है। साथ ही घटना से संबंधित जानकारियां साझा की जा रही हैं।बृहस्पतिवार सुबह बाइक सवार दो बदमाशों ने राइफल से दो गोलियां मारकर बाबा तरसेम सिंह की हत्या कर दी थी। हत्याकांड को अंजाम देने वाले बदमाश सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे। बिना पहचान छिपाए हत्या को अंजाम देने से साफ हो गया कि वह पहचान छिपाना नहीं चाहते थे।
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बाबा तरसेम हत्याकांड में डीजीपी ने तत्काल एसआईटी का गठन किया। मामले के खुलासे को लेकर पुलिस की 11 टीमें जुटी हैं। एसटीएफ की जांच कर रही है। सूत्रों के हत्या करने के बाद दोनों बदमाश चोर रास्तों से पीलीभीत होते हुए फरार हुए थे। पुलिस की टीम स्थानीय लिंक पर भी काम कर रही है। बदमाशों को बाइक और असलहा स्थानीय स्तर से उपलब्ध कराया गया या फिर किसी दूसरी जगह से, इस पर भी गहराई से जांच की जा रही है। इसके साथ ही सराय में तीन दिन तक रुकने की अनुमति के बावजूद नौ दिन तक रहना सवाल खड़े कर रहा है।
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हाईप्रोफाइल मामले के लिए उत्तराखंड पुलिस ने यूपी और पंजाब पुलिस से मदद ली है। पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि यूपी और पंजाब पुलिस से सहयोग लिया जा रहा है। तीनों राज्यों की पुलिस इस मामले में एक दूसरे को जानकारियां साझा कर रही हैं।
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बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड में शामिल दो मुख्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी है। चार राज्यों में पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं। हालांकि अभी तक पुलिस दोनों हत्यारोपियों तक नहीं पहुंच सकी है। इधर डीजीपी के निर्देश पर एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने 83 पुलिस अधिकारी और कर्मियों को एसआईटी में नियुक्त किया है। इनमें 31 पुलिस कर्मी दूसरे जिलों से लिए गए हैं।
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पुलिस की पूरी कोशिश दोनों हत्यारोपियों तक पहुंचने की है। पुलिस स्थानीय स्तर पर भी हत्यारोपियों के मददगारों को भी चिन्हित करने में जुटी हुई है। इधर एसआईटी में तीन एसपी, एक एएसपी, पांच सीओ, 12 इंस्पेक्टर, 25 एसआई, तीन एडिशनल एसआई, 10 हेड कांस्टेबल और 24 कांस्टेबल शामिल हैं। एसएसपी मंजुनाथ टीसी ने बताया कि मुख्यालय की ओर से गठित एसआईटी में चार सदस्य थे।
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अब एसआईटी में 83 और पुलिस कर्मियों को शामिल किया गया है। इस मामले को लेकर पूरा जिला रेड अलर्ट पर है। जनपद में अग्रिम आदेश तक सभी प्रकार की छुट्टियां व नाईट पास रद्द की गई है। सभी थाना कोतवाली में शत प्रतिशत पुलिस बल रहेगा उपलब्ध तथा सभी कमरबंदी की हालत में रहेंगे। शांति व्यवस्था को भंग करने वाले व्यक्तियों पर आवश्यक कार्यवाही कर शांति एवं कानून व्यवस्था संबंधी समस्या नहीं होने देंगे।
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एसएसपी ने सभी मातहतों से कहा है कि अपने अपने क्षेत्र में पड़ने वाले सभी धर्मो के धर्म गुरुओं से समन्वय स्थापित कर क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अपील करें। यदि किसी संस्था की संपत्ति को लेकर वर्तमान में कोई विवाद प्रकाश में आया है तो इस संबंध में तत्काल प्रभावी निरोधात्मक कार्यवाही करेंगे। किसी भी प्रकार घटना घटित होने पर संबंधित थानाध्यक्ष चौकी प्रभारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जो निलंबन तक की होगी।
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नानकमत्ता। धार्मिक डेरा कार सेवा के जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड मामले में पुलिस ने गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब के सेवादार को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। गुरुद्वारे के पात्री निवास (सराय) के इंचाजों से भी भाई मरदाना जी यात्री निवास में हत्यारोपियों के रुकने के बावत पूछताछ की गई। डेरा कार सेवा के जत्थेदार आबा तरसेम सिंह की 28 मार्च को हुई हत्या के बाद चर्चा तेज हो गई थी कि हत्यारे बिना स्थानीय मदद के इस हत्याकांड को अंजाम नहीं द सकते थे।
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ऐसे में पुलिस ने डेरा कार सेवा में रहकर गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब में सेवादारी कारने वाले युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। शुरू से ही संदेह जताया जा रहा है कि डेरे से ही शायद किसी ने हत्यारों को बाबा तरसेम सिंह के अकेले बैठे होने की सूचना दी होगी। यही वजह है कि सूचना आते हो हत्यारोपी कमरे में ही जूते, आईडी छोड़कर बाइक पर सवार होकर हत्याकांड को अंजाम देने डेरा परिसर पहुंचे। दोनों हत्यारे 19 मार्च से भाई मरदाना जी यात्री निवास के कमरा नंबर 23 में रुके थे।
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सराय में कोई भी यात्री तीन दिन से अधिक नहीं रख सकता है। ऐसे में हत्यारोपी 10 दिन तक कैसे रुके रहे। किसके आदेश पर सराय इंचार्जी ने रुकने की परमिशन दी। इसे लेकर भी पुलिस सराय इंचाओं से पूछताछ कर रही है।
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