मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सुरक्षा में हुई बड़ी चूक, गंभीर लापरवाही कॉन्स्टेबल चालक निलंबित, 7 दिन में जांच रिपोर्ट तलब।

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सुरक्षा व्यवस्था में एक बार फिर गंभीर लापरवाही सामने आई है। गुरुवार को सचिवालय से रवाना होते समय मुख्यमंत्री के काफिले में शामिल पायलट कार और इंटरसेप्टर वाहन अचानक खराब हो गए। इस मामले को गंभीर मानते हुए पायलट कार के आरक्षी चालक को निलंबित कर दिया गया है, जबकि पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट 7 दिन के भीतर तलब की गई है।

घटना उस समय हुई जब मुख्यमंत्री सचिवालय में राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा बैठक के बाद गढ़ी कैंट स्थित हिमालय सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निकले। सचिवालय परिसर में ही सीएम फ्लीट में शामिल पायलट कार अचानक बंद हो गई। कई प्रयासों के बावजूद वाहन स्टार्ट नहीं हो सका, जिसके चलते मुख्यमंत्री का काफिला पायलट कार को वहीं छोड़कर आगे बढ़ गया।

इसी दौरान सचिवालय गेट पर तैनात ट्रैफिक पुलिस की इंटरसेप्टर कार भी खराब हो गई, जिससे मुख्यमंत्री का काफिला कुछ देर के लिए गेट पर ही रुक गया। बाद में पुलिसकर्मियों और कर्मचारियों ने मिलकर इंटरसेप्टर वाहन को धक्का देकर स्टार्ट किया, तब जाकर सीएम का काफिला आगे रवाना हो सका। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया।

तत्काल कार्रवाई, चालक निलंबित
मामले में एसएसपी देहरादून ने पायलट कार के आरक्षी चालक दीपक सैनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही पूरे मामले की जांच सीओ ट्रैफिक जगदीश पंत को सौंपी गई है। उधर, वीआईपी फ्लीट में शामिल सभी वाहनों की मेंटेनेंस लॉग बुक की जांच की गई, जिसमें रिकॉर्ड के अनुसार मेंटेनेंस सही पाई गई। इसके बावजूद वाहन खराब होने को लेकर अब विस्तृत जांच की जा रही है।

7 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश
अभिसूचना एवं सुरक्षा अपर पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा में हुई इस चूक को गंभीर बताते हुए मुख्य सुरक्षा अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधीक्षक (सुरक्षा) को 7 दिन के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

पहले भी सामने आ चुकी हैं लापरवाहियां
यह पहला मामला नहीं है जब मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक सामने आई हो। इससे पहले जुलाई माह में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व दौरे के दौरान मुख्यमंत्री की सफारी में इस्तेमाल की गई जिप्सी की फिटनेस पांच साल पहले ही समाप्त हो चुकी थी। उस मामले में भी जांच के बाद कार्रवाई की गई थी। इसके अलावा, सचिवालय गेट पर एक निजी वाहन खड़े होने के कारण सीएम का काफिला करीब आधे घंटे तक रुका रहा था, जो सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।

सुरक्षा पर उठे सवाल
राज्य सरकार द्वारा पुलिस विभाग के आधुनिकीकरण और संसाधनों पर हर साल भारी बजट खर्च किए जाने के बावजूद मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगे वाहनों का इस तरह खराब होना कई सवाल खड़े कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि वीआईपी सुरक्षा में किसी भी स्तर पर लापरवाही गंभीर खतरा बन सकती है।

फिलहाल प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए जांच शुरू कर दी है। अब सबकी नजरें 7 दिन में आने वाली जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि आखिर इस बड़ी सुरक्षा चूक के पीछे जिम्मेदार कौन है।

uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

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