31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2023 का ब्लॉक स्तरीय लघु बाल शोध परियोजओं की प्रस्तुतीकरण कार्यशाला का हुआ आयोजन
खटीमा (उधम सिंह नगर )31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2023 का ब्लॉक स्तरीय लघु बाल शोध परियोजओं की प्रस्तुतीकरण कार्यशाला का आयोजन अल्केमिस्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल खेतलसंडा खाम में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता खंड शिक्षा अधिकारी तरुण कुमार पंत द्वारा की गयी। जिसमें मुख्य थीम ‘स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को समझना’ के अंतर्गत पाँच सब थीम- अपने पारिस्थितिकी तंत्र को जानें, स्वास्थ्य, पोषण और कल्याण को बढ़ावा देना, पारिस्थितिकी तंत्र और स्वास्थ्य के लिए सामाजिक और सांस्कृतिक प्रथाएँ, आत्मनिर्भरता के लिए पारिस्थितिकी तंत्र आधारित दृष्टिकोण (ईबीए), पारिस्थितिकी तंत्र और स्वास्थ्य के लिए तकनीकी नवाचार में निर्धारित विषय पर खटीमा ब्लॉक से 32 बाल शोध परियाजनाएँ प्रस्तुत की गई।
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इस परियोजनाओं का मूल्यांकन विज्ञान संचारक बंदना भारती, सत्यम चौरसिया, आलोक सिंह, सुमित पाण्डेय, विनय जोशी, हर्षित सामंत तथा सुमित पांडे द्वारा किया गया। 10 से 17 वर्ष के बच्चों से जुड़ी यह गतिविधि विज्ञान व प्रौद्ध्योगिकी विभाग भारत सरकार की एक अभिनव योजना है जिसे राज्य स्तर पर यूकास्ट के माध्यम से संचालित की जा रही है।
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इस गतिविधि में खटीमा ब्लॉक से अल्केमिस्ट स्कूल की काशफ़ी का विचार इको ब्रिज, नोसगे स्कूल (हैप्पी) की आयरा अल्वी का नवाचार स्टीविया से जुड़ी जागरूकता, सिटी कान्वेंट की ज्योति खोलिया का ओरगनिक सिगरेट, डाईनैस्टी की मानसी जोशी का ग्रे हैयर सोल्यूशंस, राजीव नवोदय की हिमांशी राणा का कोविड-19 का थारु समुदाय में प्रभाव, शिक्षा भारती स्कूल के अर्पित भट्ट द्वारा दूषित पानी का जैविक समाधान, नोसगे स्कूल (ट्विंकिल) की पायल गुरुनानी द्वारा विकसित ओरगनिक पॉट, डाईनैस्टी स्कूल के पीयूष चंद द्वारा डिज़ाइन सोलर डिश और नोसगे स्कूल (हैप्पी) की बाल शोधार्थी रिद्धी गुप्ता द्वारा चावल की मांड से निर्मित क्रीम का चयन जिला स्तर के लिए किया गया है।
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इस बार 31वीं बाल विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय स्वास्थ्य और कल्याण के लिए परितंत्र को समझना है। बच्चे परितंत्र के जिन घटकों के बारे में परियोजना निर्माण कर पाए हैं उस पर विस्तार से चर्चा की। बच्चों के शोध निष्कर्षों से पता चला है की पारितंत्र के विभिन्न घटकों के बीच समन्वय स्थापित कैसे करें? इस पर आगे और काम करने की आवश्यकता है। आज पर्यावरण प्रदूषण के कारण जल थल और नभ तीनों के बीच संतुलन मुश्किल हो रहा है। एक्स्पर्ट्स द्वारा बाल वैज्ञानिकों से अपने आसपास के समस्याओं और समाधान पर खुली नजर रखने को कहा। विद्यालय प्रधानाचार्य के सी जोशी ने चयनित बाल वैज्ञानिकों को बधाई दी। प्रबन्धक दिव्या रावत और जिला बाल विज्ञान समन्वयक नरेंद्र रौतेला द्वारा सभी प्रतिभागी बाल वैज्ञानिकों को मेडल और प्रमाण पत्र वितरित किए।
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इस अवसर पर निर्मल कुमार न्योलिया, समन्वयक ,राष्ट्रीय बाल विज्ञान काँग्रेस, मार्गदर्शक शिक्षक प्रदीप गंगवार, डॉ बलवंत ऐरी, जय किशन, एकता रस्तौगी, प्रिय पाण्डेय, आकाश सिंह, सर्वजीत गुप्ता, अमन अग्रवाल, प्रमोद कुमार उपस्थित रहे।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa