राजकीय शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षकों की मांगों को लेकर “सरकार जागरण रैली’ में प्रदेश भर के शिक्षकों ने राजधानी देहरादून में भरी हूंकार।
देहरादून। राजकीय शिक्षक संघ प्रांतीय व मंडल कार्यकारिणी के आव्हान पर शिक्षकों की मांगों के सम्बंध में “सरकार जागरण रैली’ की राजकीय शिक्षक संघ देहरादून द्वारा प्रतीय एवं मण्डलीय पदाधिकारियों और प्रदेश भर से आये शिक्षकों ने 33 मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जागरण रैली निकाली। अक्रोशित शिक्षकों ने कहा कि लंबित मांगों के निस्तारण के लिए उत्तराखंड सरकार को कई बार ज्ञापन भी सौंपा जा चुका है।
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लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। कहा कि शिक्षकों के लंबित मांगों के निस्तारण नहीं होने की वजह से शिक्षक संवर्ग में आक्रोश है। इन्ही मागों को लेकर आज संघ ने प्रेड मैदान से रवाना हुए, जहां घंटाघर होते हुए राजपुर रोड से दिलाराम चौक तक निकले, वहां से लौटकर रैली परेड मैदान पहुंची जहां उन्होंने आगे की रणनीति पर चर्चा की। इस मौके पर हजारों की संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।
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अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि शिक्षकों को वर्षों से छला जा रहा है हर सरकार मांगों पर कार्यवाही का वादा तो करती है लेकिन अमल कभी नहीं करती। इस बार भी 4 अगस्त को शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बन गई थी।
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प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा ये रैली न केवल शिक्षक संघ के हित के लिये है, बल्कि छात्र के अधिकार, शिक्षा से जुड़े हर वर्ग, हर आम नागरिक एवं हर किसी घटक संघ से जुड़ी है, आखिर सरकारी शिक्षा को क्यों उपेक्षित किया जा रहा है।राज्य एवं देश भर से कड़ी परीक्षा में खरा उतरने वाले शिक्षकों की भर्ती करने के बावजूद छात्र संख्या घटने का कारण शिक्षक कभी नहीं हो सकता है।
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जिसकी जिम्मेदारी वेवजह शिक्षकों के ऊपर डाल दी जाती है।शिक्षा किसी भी देश प्रदेश की रीढ़ है ।यदि सरकारी शिक्षा की व्यवस्थाएं ठीक हों। तो राजकीय शिक्षकसंघ हर सम्भव साथ होकर सारे प्राइवेट विद्यालय बन्दी के मार्ग खोल देगा। मगर सरकारी उपेक्षा के शिकार शिक्षक अब शक्ति प्रदर्शन एवं आगे आंदोलन को मजबूर हैं।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa