पीआरडी जवानों को रोजगार का सवाल पूछना पड़ा भारी, विभागीय मंत्री रेखा आर्या से सवाल किया तो ड्यूटी से हटा घर बैठाये गए दोनों जवान,अब रोजी रोटी पर संकट।

पीआरडी जवानों को रोजगार का सवाल पूछना पड़ा भारी, विभागीय मंत्री रेखा आर्या से सवाल किया तो ड्यूटी से हटा घर बैठाये गए दोनों जवान,अब रोजी रोटी पर संकट।

 

रुद्रपुर। पनियाली की सड़कों के बाद अब राज्य की सियासत पीआरडी जवानों के रोजगार के मुद्दे पर गरमाई हुई है। विभागीय मंत्री रेखा आर्या से 300 दिन रोजगार देने के वादे पर सवाल पूछना दो पीआरडी जवानों को भारी पड़ गया। सवाल पूछने के अगले ही दिन दोनों जवानों को ड्यूटी से हटा घर बैठा दिया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जहां युवा संवाद कार्यक्रमों के जरिए युवाओं को राज्य निर्माण में भागीदार बनाने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मंत्री से सवाल करने पर दो पीआरडी जवानों का भविष्य अधर में लटक गया है।

जानकारी के अनुसार मामला 5 अक्टूबर का है। महिला एवं बाल विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता मामले, और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या उस दिन रुद्रपुर के फूलसुंगा और ट्रांजिट कैंप क्षेत्र में बन रहे 125 करोड़ रुपये की लागत के कामकाजी महिला छात्रावास का निरीक्षण करने पहुंची थीं।

इस दौरान वहां ड्यूटी पर तैनात शहदौरा (किच्छा) निवासी बाबू खान और गदरपुर निवासी वीरेंद्र ने मंत्री से सवाल पूछा —
“मैडम, आपने पीआरडी जवानों को 300 दिन रोजगार देने का वादा किया था, ये रोजगार कब से मिलेगा?”

मंत्री ने सवाल का कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन उनके जाने के तुरंत बाद जिला युवा कल्याण विभाग ने आदेश जारी कर दोनों जवानों को ड्यूटी से हटा दिया।

अगले दिन जब दोनों ड्यूटी पर पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि विभाग से आदेश आया है — “आपकी सेवाएं समाप्त की जाती हैं।”
बाबू खान ने बताया कि सवाल पूछने की सज़ा उन्हें ड्यूटी से हटाकर दी गई है। दीपावली से ठीक पहले यह फैसला आने से दोनों जवानों की दीपावली फीकी हो गई है, और वे मानसिक रूप से परेशान हैं।

बताया गया कि दोनों जवान मंत्री की गाड़ी के स्कॉट ड्यूटी पर थे और ट्रांजिट कैंप में तैनात थे। विभाग ने यह कार्रवाई प्रोटोकॉल उल्लंघन बताते हुए की है।

> “दोनों जवान वर्दी में रहते हुए मंत्री से सवाल कर रहे थे, जो नियमों के खिलाफ है। इसलिए विभागीय कार्रवाई की गई है।”
— बी.एस. रावत, जिला युवा कल्याण अधिकारी

पीआरडी जवानों को फिलहाल प्रतिदिन ₹620 मानदेय मिलता है। उन्हें सालभर में कभी दो महीने तो कभी छह महीने तक ही ड्यूटी दी जाती है। जबकि साल 2022 में मंत्री रेखा आर्या ने 300 दिन रोजगार देने की घोषणा की थी, जो अब तक धरातल पर नहीं उतरी।

अब सवाल यह उठ रहा है कि —
👉 क्या सवाल पूछना अब अनुशासनहीनता माना जाएगा?
👉 या फिर रोजगार की मांग करना वर्दी में ‘अपराध’ है?राज्य के हज़ारों पीआरडी जवानों में इस कार्रवाई को लेकर गहरी नाराज़गी देखी जा रही है।

uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

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