प्रदेश की 12 जिला पंचायतों अध्यक्ष की 10 सीटों पर भाजपा ने लहराया परचम, कांग्रेस एक पर सिमटी, जीत में किंगमेकर बने निर्दलीय, एक में हाईकोर्ट की रोक के चलते दोबारा होगा चुनाव।
ZILA PANCHAYAT ADHYAKSH ELECTION
प्रदेश की 11 जिला पंचायतों को आज जिला पंचायत अध्यक्ष और 89 ब्लॉक को ब्लॉक प्रमुख मिले। एक में हाईकोर्ट की रोक के चलते घोषित नहीं होगा।
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में BJP का दबदबा,नैनीताल जिला छोड़ 10 पर दर्ज की धमाकेदार जीत, कांग्रेस के हाथ आई सिर्फ एक सीट
देहरादून: उत्तराखंड में आज 14 अगस्त को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आखिरी चरण की प्रक्रिया संपन्न हुई. इस बीच जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख, ज्येष्ठ प्रमुख और कनिष्ठ प्रमुख के पदों को लिए मतदान हुए और मतगणना के बाद विजेता भी घोषित किए गए। 5 जिलों में निर्विरोध प्रत्याशी निर्वाचित होने के बाद गुरुवार को हरिद्वार छोड़ 7 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए चुनाव हुए। जिसमें 5 जिलों में भाजपा अधिकृत प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की. एक सीट पर कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी विजयी घोषित हुआ. जबकि एक सीट पर हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद चुनाव टाल दिया गया।
उत्तराखंड में गुरुवार को संपन्न हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा का दबदबा रहा. भाजपा ने 12 जिलों में से 10 जिले जिसमें टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी चंपावत, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, उधमसिंह नगर सीट भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों के पाले में आई. हालांकि इसमें 5 जिलों में भाजपा के प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए. जबकि कांग्रेस सिर्फ एक सीट देहरादून को जीतने में कामयाब रही। वहीं नैनीताल जिले में चुनाव के दौरान हुए हंगामे के कारण मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंचा. जहां हाईकोर्ट ने 18 अगस्त को दोबारा चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने के निर्देश दिए।
नैनीताल में चुनाव टला: नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के सुबह मतदान शुरू हुआ. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उनके वोटरों (जिला पंचायत सदस्यों) का अपहरण कर लिया है. कांग्रेस ने बताया कि उनके पास बहुमत के अनुसार 15 से अधिक सदस्यों का समर्थन है. लेकिन कुछ लोग, जो कि भाजपा के हैं, वे उनके वोटरों को अपहरण कर ले गए. इसके बाद कांग्रेस मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंची. जहां हाईकोर्ट ने 18 अगस्त को नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के लिए दोबारा मतदान कराने के निर्देश दिए।
कांग्रेस के खाते में देहरादून सीट: कांग्रेस ने फिलहाल एक मात्र देहरादून जिला पंचायत अध्यक्ष सीट पर कब्जा किया है. देहरादून से कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी सुखविंदर कौर ने जीत दर्ज की. सुखविंदर को 17 वोट मिले. वहीं उपाध्यक्ष पद पर अभिषेक सिंह विजयी घोषित हुए. अभिषेक को 18 वोट मिले. अभिषेक सिंह चकराता से कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह के बेटे हैं।
भाजपा के खाते में 10 सीटें: भाजपा ने जिला पंचायतों के 10 सीटों पर अपने अधिकृत प्रत्याशियों को विजयी कराया. इसमें चमोली में दौलत सिंह बिष्ट, पौड़ी गढ़वाल में रचना बुटोला, अल्मोड़ा में हेमा गैड़ा, रुद्रप्रयाग में पूनम कठैत और बागेश्वर में शोभा आर्य ने जीत दर्ज की. इन जिलों में गुरुवार को चुनाव संपन्न हुए. इसके अलावा टिहरी गढ़वाल में इशिता सजवाण, उत्तरकाशी में रमेश चौहान, चंपावत आनंत सिंह अधिकारी, उधम सिंह नगर में अजय मौर्या और पिथौरागढ़ में जितेंद्र प्रसाद भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध जीत हासिल कर चुके हैं।
भाजपा ने मनाया जश्न: वहीं इन चुनावों के परिणाम के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया. भाजपा संगठन और सीएम धामी ने अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट से जीते हुए प्रत्याशियों को जीत की बधाई दी. दूसरी तरफ कांग्रेस ने पंचायत चुनावों के नतीजों पर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत चुनाव में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला. लेकिन भाजपा ने आरक्षण और अन्य हथकंडों के सहारे कुछ क्षेत्रों पर कब्जा किया।
किस जिले में कौन अध्यक्ष
टिहरी इशिता सजवाण भाजपा
चंपावत आनंद सिंह अधिकारी भाजपा
पिथौरागढ़ जितेंद्र प्रसाद भाजपा
उत्तरकाशी रमेश चौहान भाजपा
चमोली दौलत सिंह बिष्ट भाजपा
अल्मोड़ा हेमा गैड़ा भाजपा
रुद्रप्रयाग पूनम कठैत भाजपा
पौड़ी रचना बुटोला भाजपा
बागेश्वर शोभा आर्या भाजपा
यूएस नगर अजय मौर्य भाजपा
देहरादून सुखविंदर कौर कांग्रेस
(नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के नतीजे आना शेष हैं, जबकि हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव नहीं हुए हैं।)
जीत में किंगमेकर बने निर्दलीय
इस बार जिला पंचायत सदस्य की 358 सीटों में से 145 पर निर्दलीयों ने कब्जा जमाया था। 121 सीटों पर भाजपा समर्थित और 92 सीटों पर कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी जीते थे। देहरादून से लेकर पर्वतीय जिलों में जिपं अध्यक्ष पद की जीत में ये निर्दलीय किंगमेकर की भूमिका में नजर आए। देहरादून में कांग्रेस के पास 13 सदस्य थे, बाकी चार निर्दलीयों ने समर्थन दिया। इसी प्रकार, भाजपा को भी कई जिलों में इन निर्दलीयों ने वोट किया है।