Chamoli Avalanche: हिमस्खलन में फंसे 50 मजदूर निकाले, चार की मौत, 5 अभी भी लापता, रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर तलाश जारी।

Chamoli Avalanche: हिमस्खलन में फंसे 50 मजदूर निकाले, चार की मौत, 5 अभी भी लापता, रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर तलाश जारी।

 

चमोली में बर्फ में दबे चार मजदूरों की मौत, दो ऋषिकेश एम्स रेफर; 5 अभी भी लापता; रेस्क्यू ऑपरेशन तेज

Chamoli Avalanche उत्तराखंड के उत्तरकाशी चमोली रुद्रप्रयाग पिथौरागढ़ और बागेश्वर हिमस्खलन को लेकर चेतावनी जारी की गई है। इसमें सबसे ज्‍यादा खतरा चमोली जिले को है। आपको बता दें क‍ि शुक्रवार को उत्‍तराखंड के माणा में ग्‍लेशियर टूटने से भारी हिमस्‍खलन हो गया था। जिससे बीआरओ के कैंप को क्षति पहुंची है। ह‍िमस्‍खलन से कई मार्गों को बंद कर द‍िया गया है।

शुक्रवार को उत्‍तराखंड के माणा में ग्‍लेशियर टूटने से भारी हिमस्‍खलन हो गया था। जिससे बीआरओ के कैंप को क्षति पहुंची है। इस दौरान 55 मजदूर बर्फ में दब गए थे, जिनमें से 50 को न‍िकाला जा चुका है। ज‍िनमें से चार की मौत हो गई। 46 सुरक्षित हैं। वहीं पांच लापता लोगों की तलाश जारी है।

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इसके अलावा गंभीर दो मजदूरों को ऋषिकेश एम्स रेफर किया जा रहा है। पीएम मोदी ने सीएम धामी से बात करके राहत और बचाव अभियान की जानकारी ली। सुरक्षित बाहर निकाले गए श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। वहीं सीएम धामी ने चार मजदूरों की मौत पर दुख जताया है।

सीएम धामी ने कहा कि पांच कंटेनरों को ट्रेस कर श्रमिकों को सुरक्षित निकालने में राहत और बचाव दलों को सफलता मिली है। अत्यधिक बर्फ होने के कारण तीन कंटेनर ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। आर्मी, आईटीबीपी द्वारा इन कंटेनरों का पता लगाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।

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उत्तराखंड में माणा के पास भारी हिमस्खलन की चपेट में आए 17 अन्य श्रमिकों का शनिवार सुबह रेस्क्यू कर लिया गया है। उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। अब तक कुल 50 श्रमिकों का रेस्क्यू किया जा चुका है। इनमें से चार ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआर और वायु सेना के बचाव दल पांच अन्य श्रमिकों की तलाश में युद्ध स्तर पर अभियान छेड़े हुए हैं। सेना के मुताबिक तीन कंटेनरों का पता नहीं चल रहा है, वे भारी बर्फ के नीचे दबे हैं। उनकी खोज के लिए दिल्ली से जीपीआर रडार मंगाया गया है।

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बचाव अभियान की मॉनीटरिंग कर रहे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सुबह हवाई सर्वेक्षण किया और ज्योतिर्मठ में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। इसके बाद सीधे यूएसडीएमए के आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे मुख्यमंत्री ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बचाव अभियान को लेकर चर्चा की। वह मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर अपडेट लिया और हरसंभव मदद का भरोसा दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए चिंतित हैं और अपडेट ले रहे हैं। सीएम के मुताबिक, अब तक 50 श्रमिकों को बचा लिया गया है। पांच श्रमिकों की खोजबीन के लिए युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान संचालित किया जा रहा है।

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पांच कंटेनर ट्रेस, तीन बर्फ में दबे
सीएम ने कहा कि पांच कंटेनरों को ट्रेस कर श्रमिकों को सुरक्षित निकालने में राहत और बचाव दलों को सफलता मिली है। अत्यधिक बर्फ होने के कारण तीन कंटेनर ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। आर्मी, आईटीबीपी द्वारा इन कंटेनरों का पता लगाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। कंटेनरों ने तलाश के लिए आर्मी के स्निफर डाग्स की तैनाती की गई है। सेना की तीन टीमों द्वारा सघन पेट्रोलिंग की जा रही है। दिल्ली से सेना का ग्राउंड पेनीट्रेशन रडार (जीपीआर रडार) मंगाया गया है, जो बर्फ के अंदर कंटेनरों को ट्रेस करने में मदद करेगा।

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