दिवंगत यूकेडी नेता त्रिवेंद्र पंवार के घर पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी श्रद्धांजलि, परिजनों को बंधाया ढांढस, हर संभव मदद का दिया भरोसा।
नटराज चौक के पास भीषण दुर्घटना में यूकेडी नेता व राज्य आंदोलनकारी त्रिवेंद्र पंवार समेत तीन लोगों की मौत हो गई। सीएम धामी यूकेडी नेता के घर पहुंचे और हादसे पर गहरा दुख जताया।
ऋषिकेश :सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले यूकेडी नेता त्रिवेंद्र पंवार के घर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे। मुख्यमंत्री धामी ने दिवंगत त्रिवेंद्र पंवार के चित्र पर पुष्प अर्पित कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। साथ ही दो मिनट का मौन रख दिवंगत आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना भी की. मौके पर त्रिवेंद्र पंवार के परिजनों से मुलाकात करते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें सांत्वना दी। सरकार की ओर से परिवार को हर संभव मदद का भरोसा भी दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौके पर कहा कि त्रिवेंद्र पंवार के निधन से पूरे राज्य को अपूर्ण क्षति हुई है।इस दु:ख की घड़ी में भगवान त्रिवेंद्र पंवार के परिवार को हिम्मत प्रदान करें। यही भगवान से प्रार्थना है। इस दु:खद सड़क हादसे की जांच के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं। दोबारा इस प्रकार की सड़क दुर्घटना ना हो, इस पर विराम लगाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया है। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश में जल्दी ही ट्रांसपोर्ट नगर की व्यवस्था भी की जाएगी फिलहाल इस योजना पर काम चल रहा है।ऋषिकेश में मल्टीस्टोरी पार्किंग का निर्माण कार्य भी जल्दी शुरू होगा।
बता दें कि बीते दिन इंद्रमणि बडोनी चौक के निकट एक शादी समारोह में शामिल होने गए यूकेडी के नेता त्रिवेंद्र पंवार सहित तीन लोगों की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई थी। इस घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। घटना के दौरान एक बेकाबू ट्रक ने आधा दर्जन से अधिक वाहनों को टक्कर मार क्षतिग्रस्त किया।इस घटना को लेकर प्रशासन जांच के लिए एक्शन में भी दिखाई दे रहा है। इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी त्रिवेंद्र पंवार के घर शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंचे थे।
यूकेडी के कार्यकारी केंद्रीय अध्यक्ष एपी जुयाल ने कहा कि त्रिवेंद्र पंवार हमेशा उत्तराखंड की समस्याओं पर मुखर रहे। उत्तराखंड राज्य निर्माण में उनकी अग्रणी भूमिका रही। वर्तमान में भी वह राज्य में भ्रष्टाचार, भूमाफिया, शराब माफिया से लड़ रहे थे। पंवार भू कानून और मूल निवास के लिए भी संघर्ष कर रहे थे।
Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa