बड़ी ख़बर :-सशक्त भू कानून में धामी सरकार का बाहुबली विधायक की पत्नी को बड़ा झटका।नैनीताल जिले में कैंचीं तहसील में नाम दर्ज 27.5 नाली भूमि हुई सरकार में निहित।
उत्तराखंड के कठोर भूमि कानून ने बड़ाई यू.पी.के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की मुश्किलें। नैनीताल जिले में कैंचीं तहसील के प्रशासक ने राजा भैय्या की पत्नी के नाम दर्ज 27.5 नाली भूमि को सरकार में निहित कर दिया है।
प्रदेश में सशक्त भू-कानून को लेकर चल रहे आंदोलनों के बाद शासन-प्रशासन भी सक्रिय है। सीएम धामी भी सशक्त भू- कानून लाने की बात कह चुके हैं।
धामी सरकार ने उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह के नाम से नैनीताल के सिल्टोना गांव में खरीदी गई जमीन को राज्य सरकार में निहित कर दिया गया है। सख्त भू-कानून को लेकर उत्तराखंड में हो रही कवायद के बीच सरकार ने बाहुबली विधायक को तगड़ा झटका दिया है। देहरादून, नैनीताल, ऊधम सिंह नगर व हरिद्वार जिलों में भूमि खरीद से संबंधित मामलों की जांच भी चल रही है। नैनीताल जिले की विभिन्न तहसीलों में बड़े पैमाने पर खरीदी गई जमीनें प्रशासन के रडार पर है।
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प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया उप्र की राजनीति में एक चर्चित नाम है। उत्तर प्रदेश के साथ ही कई प्रदेशों में राजा भैया की संपत्ति है। दरअसल वर्ष 2007 में विधायक की पत्नी भानवी सिंह ने बेतालघाट ब्लाक के सिल्टोना गांव में 0.555 हेक्टेयर कृषि भूमि का सौदा किया। जमीन पर तभी तारबाड़ भी कर दी गई।लेकिन भूमि पर 16 साल बाद भी खेती संबंधी कोई कार्य नहीं होने पर राजस्व विभाग ने जांच के बाद भूमि सरकार के खाते में दर्ज कर ली है।
इस मामले में भानवी सिंह की ओर से कमिश्नर कोर्ट व राजस्व बोर्ड में भी अपील की गई थी, लेकिन वहां वह हार गई।
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जानकारी के अनुसार, नियमानुसार दो वर्ष तक जिस प्रायोजन के लिए जमीन खरीदी जाती है, उसमें उसी उद्देश्य से कार्य होना चाहिए। ऐसे मामलों की नियमित जांच भी होती है। अगर ऐसा नहीं होता तो जमीन सरकार में निहित कर दी जायेगी।
शुक्रवार को राजस्व विभाग के अधिकारियों ने भूमि पर कब्जा प्राप्त कर लिया है। जानकारी के अनुसार यूपी के विधायक राजा भैय्या ने वर्ष 2007 में बेतालघाट के सिल्टोना में अपनी पत्नी भावनी सिंह के नाम पर 27.5 नाली भूमि स्थानीय निवासी आनंद बल्लभ से खरीदी थी।
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लेकिन लंबे समय तक 0.555 हेक्टेयर भूमि में किसी प्रकार की खेतीबाड़ी संबंधी कोई भी कार्य नहीं होने के चलते शुक्रवार को पटवारी रवि पांडेय ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के साथ जमीन का मौका मुआयना किया गया। इसके बाद जेडएएलआर एक्ट 1950 की धारा 154 (4) (3) (ख) का उल्लंघन होने पर जमीन में किसी प्रकार का लंबे समय से कृषि कार्य नही होने के चलते जमीन धारा 167 के आधीन राज्य सरकार को 25 जून 2024 निहित की गई हैं।
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पटवारी ने शुक्रवार को जप्रतिनिधियों की उपस्थिति में जमीन में कब्जा प्राप्त कर लिया। कैंची धाम के एसडीएम वीसी पंत ने बताया की तहसील के क्षेत्र में खरीदी गई जमीनों की जांच की जा रही हैं। खामियां मिलने उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कहा कि यूपी के विधायक की पत्नी के नाम की भूमि को राज्य सरकार को निहित कर दी गई है।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa