CBI ने पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत से दो घंटे की पूछताछ, रावत ने सीबीआई को सौंपे कॉर्बेट पाखरो सफारी के गोपनीय दस्तावेज, तत्कालीन CM और ब्यूरोक्रेट्स की भूमिका का खुलासा करने का दावा।

CBI ने पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत से दो घंटे की पूछताछ ,रावत ने सीबीआई को सौंपे कॉर्बेट पाखरो सफारी के गोपनीय दस्तावेज, तत्कालीन CM और ब्यूरोक्रेट्स की भूमिका का खुलासा करने का दावा।

 

देहरादून (उत्तराखंड) पाखरो रेंज घोटाले के संबंध में सीबीआई ने पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत से करीब दो घंटे तक पूछताछ की। पिछले दिनों हुई पूछताछ के दौरान हरक सिंह रावत ने भी सीबीआई को कुछ गोपनीय दस्तावेज सौंपे हैं।

कार्बेट पाखरो सफारी मामले में सीबीआई की जांच जारी है। इस मामले में हरक सिंह रावत ने CBI को कई गोपनीय दस्तावेज सौंपे हैं। इन दस्तावेजों के जरिये मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री और ब्यूरोक्रेट्स की भूमिका का खुलासा करने का दावा किया गया है।

रावत का कहना है कि उनका इस मामले में कोई लेना-देना नहीं है। उनसे पूछताछ की सीबीआई के स्थानीय सूत्रों ने भी पुष्टि की है।बता दें कि पाखरो रेंज में टाइगर सफारी बनाने में तमाम अनियमितताएं सामने आई थीं। इसे लेकर विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी।

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पिछले साल अगस्त में विजिलेंस ने हरक सिंह रावत और उनके परिवार से जुड़े कुछ व्यापारिक प्रतिष्ठानों और एक शिक्षण संस्थान में भी छापा मारा था। इसके बाद जांच को सीबीआई को सौंप दिया गया था। सीबीआई ने विजिलेंस की जांच में आए तथ्यों के बाद जांच शुरू की।

देहरादून से लेकर कोटद्वार तक कई संस्थानों और कार्यालयों में सीबीआई ने छापा मारा। इसके बाद सीबीआई ने गत 14 अगस्त को पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत को भी इंदिरा नगर स्थित कार्यालय बुलाकर पूछताछ की थी।

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देहरादून:सूत्रों के मुताबिक, इस पूरे मामले में उनसे विस्तृत जानकारी ली गई है। कॉर्बेट के पाखरो टाइगर सफारी प्रकरण मामले में CBI जांच अगले चरण में पहुंच गई है. एक तरफ शासन को सीबीआई ने पहला पत्र लिखकर सचिवालय में दस्तक दी है तो दूसरी तरफ तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत से भी सीबीआई ने पूछताछ की है. खास बात यह है कि हरक सिंह रावत ने तत्कालीन मुख्यमंत्री और ब्यूरोक्रेटस से जुड़े ऐसे दस्तावेज सीबीआई को सौंपने का दावा किया है, जिससे उनकी संलिप्तता का भी मामले में खुलासा होगा।

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उत्तराखंड के वन महकमे को हिलाकर रख देने वाले पाखरो टाइगर सफारी मामले में अब नया मोड़ आ गया है। सीबीआई लंबे समय से इस मामले की जांच में जुटी हुई है। अब तक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निर्माण क्षेत्र तक जांच करने वाली CBI अब सचिवालय और तत्कालीन राजनेताओं तक भी दस्तक देने लगी है। खास बात यह है कि मामले में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत से भी सीबीआई ने पूछताछ की है। जिसमें हरक सिंह रावत ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज CBI के अफसरों को सौंपे हैं।

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दस्तावेजों से तत्कालीन CM और अफसरों की संलिप्तता का दावा: बात करते हुए तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया सीबीआई ने उन्हें 14 अगस्त को बुलाया था। इस दौरान उन्होंने सीबीआई द्वारा पूछे गए कई सवालों का जवाब दिया. हरक सिंह रावत ने कहा उन्होंने अब तक इस बात को कहीं जाहिर नहीं होने दिया। वो बताना चाहते हैं। कि सीबीआई से पूछताछ के दौरान उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री और अफसरों की संलिप्तता से जुड़े गोपनीय दस्तावेज CBI को सौंपे हैं।

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पाखरो टाइगर सफारी मामले में तत्कालीन डीएफओ किशन चंद की तैनाती से जुड़े सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में हरक सिंह रावत कहते हैं कि किशन चंद की तैनाती से लेकर दूसरी निर्माण कार्य से जुड़ी अनुमतियों के साथ ही कुछ ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी उन्होंने सीबीआई को दिए हैं। जो इस मामले की जांच के लिए बेहद जरूरी हैं।

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प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट होने की दोहराई बात: हरक सिंह रावत ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पाखरो टाइगर सफारी ड्रीम प्रोजेक्ट होने की बात कही. उन्होंने कहा इस सफारी का निर्माण होना चाहिए। इससे क्षेत्रीय लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही गढ़वाल मंडल के इस क्षेत्र का विकास भी होगा। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने जो घोषणा इसको लेकर की थी। उसका नोटिफिकेशन करना प्रधानमंत्री कार्यालय का काम है। लेकिन वह यह जानते हैं कि उस दौरान कॉर्बेट दौरे के बीच इसे प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया गया था।

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सीबीआई ने हाल ही में शासन को भी लिखा पत्र: पाखरो प्रकरण में सीबीआई ने काफी हद तक जांच पूरी कर ली है। कॉर्बेट के पाखरो क्षेत्र में जाकर सीबीआई ने कई साक्ष्य जुटाए हैं। इसके अलावा कई बार सीबीआई के अफसर वन मुख्यालय भी पहुंचे। वहां से भी दस्तावेजों को जुटाया गया है। अब सीबीआई की जांच आगे बढ़ने के बाद उन्होंने संदिग्ध पाए गए अफसरों पर आगे की कार्रवाई करने के लिए शासन को इससे जुड़ा पत्र भी भेजा है।

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uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

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