फर्जी आईएएस की चौंकाने वाली कहानी,मौसी की बेटी ने फर्जी IAS को बनाया किराएदार, 22 लाख की नकदी और जेवर लेकर हुआ फरार-क्या है पूरा मामला, पढ़िये खबर।
देहरादून ( उत्तराखंड ) देहरादून में ठगी और धोखे का अनोखा मामला सामने आया है। एक शख्स पर खुद को आईएएस अफसर बताकर किराए पर रहकर लाखों रुपए की ठगी और गहनों की चोरी का आरोप लगा है। इस शख्स को खुद पीड़ित की रिश्तेदार किराएदार बनाकर लाई थी।
देहरादून में कोतवाली पटेल नगर क्षेत्र के अंर्तगत एक युवक फर्जी आईएएस बनकर किराए पर रहा और दंपति के लाखों रुपए लेकर कर चंपत हो गया। इतना ही नहीं रुपए के साथ घर में रखे लाखों रुपए के गहने भी चोरी करके फरार हो गया. पीड़ित की तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ कोतवाली पटेल नगर में मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी एक फर्जी आईएएस अधिकारी की चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। यह फर्जी अधिकारी दून के एक परिवार का भरोसा जीतकर न सिर्फ उनके घर पर रहा, बल्कि समय समय पर लाखों रुपए भी ऐंठ लिए। जब उसका भेद खुलने की नौबत आई तो घर से लाखों रुपए के गहने लेकर चंपत हो गया। इतना ही नहीं, वह जिस व्यक्ति के घर पर रहा, उसी की पत्नी की आपत्तिजनक तस्वीरें भी खींच ली। फर्जी आईएएस अधिकारी को लेकर लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (एलबीएसएनएए) मसूरी ने स्थिति स्पष्ट की है।
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फर्जी आईएएस अधिकारी हिमांशु जुयाल निवासी न्यायखंड गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) के विरुद्ध पटेलनगर पुलिस ने कारबारी ग्रांट (देहरादून) निवासी संतोष शर्मा की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस में दर्ज संतोष शर्मा की शिकायत के मुताबिक हिमांशु जुयाल से उनकी मुलाकात उनकी मौसी सुधा की पुत्री साक्षी अंथवाल ने 20 अगस्त 2023 को करवाई थी। साक्षी ने बताया कि हिमांशु एक आईएएस अधिकारी है। वह इन दिनों स्टडी लीव पर है और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विषय पर पीएचडी कर रहे हैं।
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परिचय के दौरान हिमांशु ने उन्हें अपना आईएएस का आईकार्ड दिखाया और बताया कि वह पूर्व में उनका चयन आईएफएस (भारतीय वन सेवा) के लिए किया गया था। तब हिमांशु ने वन विभाग की वर्दी में अपनी कुछ तस्वीरें भी दिखाई। साक्षी ने निवेदन किया कि वह हिमांशु को कुछ दिन के लिए अपने घर पर रहने दें। ताकि वह पढ़ाई कर सकें। साथ ही बताया कि हिमांशु और वह एक दूसरे से प्रेम करते हैं और जल्द शादी करने वाले हैं।
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साक्षी और हिमांशु की बात पर भरोसा कर संतोष शर्मा ने उसे अपने पर पर रहने दिया। इस दौरान उसने उनकी बात अपनी मां लता देवी और पिता विजय भूषण से भी करवाई। उनकी ओर से बताया गया कि उनका बेटा वर्तमान में एफसीआई में तैनात है और जल्द ही बलरामपुर में एडीएम का चार्ज लेने वाला है। हिमांशु भी उन्हें भरोसे में लेकर भविष्य में बड़े काम का साबित होने का झांसा देता रहा। इसी दौरान उसने संतोष शर्मा का फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया का एक फर्जी लाइसेंस जारी करवा दिया। साथ ही उनकी पत्नी को भारतीय मानक ब्यूरो का एक फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिया।
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संतोष शर्मा के घर पर रहने के दौरान फर्जी आईएएस अधिकारी हिमांशु ने उनसे गाजियाबाद में घर के निर्माण के नाम पर 6.65 लाख रुपए, उनकी पत्नी से 3.26 लाख रुपए खाते में और 05 लाख रुपए नकद प्राप्त कर लिए। लंबे समय तक भी जब रकम नहीं लौटाई गई तो उन्हें उसके अधिकारी होने पर शक हुआ। हिमांशु को जब लगा कि उसका भेद खुलने वाला है तो वह घर से उनकी पत्नी के 07 लाख रुपए के गहने, 1.26 लाख रुपए का मोबाइल और अन्य सामान लेकर फरार हो गया। इतना ही नहीं हिमांशु ने सवा लाख रुपए का फोन भी पीड़ित के नाम से खरीदा, जिसकी वह किस्त अदा कर रहे हैं. आरोप है कि अब वो पैसे वापसी के नाम पर टालमटोल कर रहा है।
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पुलिस के मुताबिक संतोष शर्मा ने जब हिमांशु जुयाल को कॉल कर अपने पैसे और गहने वापस मांगे तो उसने उनकी पत्नी की कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें दिखाकर परिवार को बर्बाद करने की धमकी दे डाली। साथ ही कहा कि वह उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। यदि अधिक दबाव बनाया गया तो वह उनकी हत्या भी करवा देगा। आरोप है कि हिमांशु के साथ इस फर्जीवाड़े में उनकी मौसी की बेटी साक्षी समेत रंजीत, अमन आशीष और किशन गुप्ता नाम के व्यक्तियों के मिले होने का भी आरोप है। फिलहाल पुलिस ने हिमांशु जुयाल के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कोतवाली पटेल नगर प्रभारी कमल सिंह ने बताया है कि पीड़ित संतोष शर्मा की तहरीर के आधार पर आरोपी हिमांशु जुयाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।पुलिस मामले की जांच कर रही है।साथ ही पुलिस द्वारा आरोपी की तलाश की जा रही है।
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एलबीएस अकादमी ने बताया हिमांशु कोई आईएएस अधिकारी नहीं
इस दौरान पीड़ित संतोष शर्मा ने एलबीएस अकादमी मसूरी को ईमेल कर हिमांशु के बारे में जानकारी मांगी और उसके आईकार्ड की फोटो भेजी। जिसके जवाब में अकादमी प्रशासन ने लिखा कि ऐसे किसी व्यक्ति को आईकार्ड जारी नहीं किया गया है। वह संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa