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परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ,मुख्यमंत्री धामी ने किया ऊर्जा संचय समागम कार्यक्रम को वचुअर्ली संबोधित।

परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ,मुख्यमंत्री धामी ने किया ऊर्जा संचय समागम कार्यक्रम को वचुअर्ली संबोधित।

परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आयोजित हुआ तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ

*बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री सहित अन्य संतगणों की उपस्थिति में हो रहा आयोजन*

ऊर्जा संचय समागम का आयोजन आध्यात्मिक ऊर्जा को जन-जन तक पहुंचाने में होगा मददगार-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार की सायं परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आयोजित तीन दिवसीय ऊर्जा संचय समागम कार्यक्रम को वचुअर्ली संबोधित किया। उन्होंने इस आयोजन में पधारे आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री स्वामी अरूण आनंद सहित अन्य संत महात्माओं का स्वागत करते हुए इस समागम को आध्यात्मिक ऊर्जा को जन-जन पहुंचाने वाला प्रयास तथा व्यक्ति की आध्यात्मिक शक्ति को प्रभु की शक्ति के साथ एकीकृत करने वाला प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि यह समागम मानव मात्र को अपने भौतिक जीवन में मन कर्म वचन से आत्मज्ञान की दीक्षा देने में भी मददगार होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे संत महात्माओं ने अपने ज्ञान से मानव मात्र को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया है। सद्भावना के मार्ग का अनुश्रवण कर राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का मान व सम्मान विश्व में बढ़ा है। भारत अपने पुरातन गौरव को प्राप्त कर विश्व गुरू बनने की राह में आगे बढ़ रहा है। आत्मनिर्भर भारत का संकल्प पूरा हो रहा है।

उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के आध्यात्मिक स्वरूप को बनाये रखने के लिए अनेक निर्णय लिए गए हैं। उत्तराखंड के नागरिक के हित में समान नागरिक संहिता विधेयक लागू किया गया। इससे सभी को समान अधिकार मिलेंगे। उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिये सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया। राज्य में लैंड जिहाद को रोकने के लिए 500 है0 भूमि अतिक्रमण से मुक्त करायी गई है। नकल विरोधी कानून लागू कर युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया गया है। प्रदेश में दंगारोधी कानून लागू किया गया है। अब दंगाइयों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही दंगे में होने वाली सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई भी दंगाइयों से ही की जाएगी। अब राज्य के अन्दर अथवा राज्य के बाहर कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था किसी समिति अथवा ट्रस्ट का गठन कर राज्य के चार धामों एवं प्रमुख मंदिरों के नाम पर समिति अथवा ट्रस्ट का गठन नहीं कर पायेगा। उत्तराखण्ड आध्यात्मिक संस्कृति का केंद्र बने तथा युवा अपनी प्राचीन सनातन संस्कृति से जुड़े इसके लिए राज्य के विश्वविद्यालयों में हिंदू संस्कृति के अध्यनन की व्यवस्था की गई है।

परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द मुनी, आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री तथा स्वामी अरूण आनंद ने मुख्यमंत्री द्वारा राज्य हित में लिए निर्णयों के प्रति उनकी सराहना की तथा उन्हें साधुवाद दिया।

uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

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