खटीमा पीडब्लूडी के तत्कालीन सहायक अभियंता को 55 हजार रूपए की रिश्वत मामले में 5 साल कठोर कारावास 25 हजार जुर्माने की सुनाई सजा।
हल्द्वानी— शुक्रवार को अपर सेशन न्यायाधीश हल्द्वानी की अदालत में 55 हजार की रिश्वत लेने के आरोप में खटीमा के तत्कालीन सहायक अभियंता चंद्र सिंह रौतेला को दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 /13( 1)D व 13( 2) में 5 वर्ष कठोर कारावास व 25 हजार रुपए जुर्माना तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा( 7) में 3 वर्ष कठोर कारावास व 25 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है।अपर सेशन न्यायाधीश हल्द्वानी ने वर्ष 2016 में रिश्वत के मामले में लोक निर्माण विभाग खटीमा के सहायक अभियंता चंद्र सिंह रौतेला को सजा सुनाई है।
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अभियोजन के मुताबिक 22 जनवरी 2016 को शिकायतकर्ता मो0 रियाज पुत्र अखलाक अहमद, निवासी ग्राम सरकड़ा तहसील सितारगंज जिला ऊधमसिंहनगर द्वारा सतर्कता अधिष्ठान में शिकायती पत्र इस आशय का दिया गया कि उसके द्वारा वर्ष 2014-15 के अन्तर्गत नानकमत्ता डिग्री कालेज से लेकर मेन रोड तक निर्माण कार्य कराया गया था, जिसके शेष राशि का भुगतान करने के एवज में चन्द्र सिंह रौतेला द्वारा 55,000 रुपए रिश्वत की मांग की गई। शिकायतकर्ता के शिकायती पत्र पर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए सतर्कता सेक्टर हल्द्वानी की ट्रैप टीम द्वारा अभियुक्त चन्द्र सिंह रौतेला को 55,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर अभियुक्त के विरुद्ध नियमानुसार धारा 7/13 (1) डी सपठित धारा 13(2) भ्र0नि0अधि0 ) 1988 का अभियोग पंजीकृत कर आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया गया ।
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सुनवाई के दौरान सतर्कता अधिष्ठान के अभियोजन अधिकारी श्रीमती दीपारानी द्वारा की गई पैरवी के परिणामस्वरूप आज अपर सेशन न्यायाधीश, हल्द्वानी नीलम रात्रा द्वारा अभियुक्त चन्द्र सिंह रौतेला को दोषी पाते हुये भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 में तीन वर्ष का कठोर कारावास व 25000हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड अदा न करने पर छः माह के अतिरिक्त साधारण कारावास से दण्डित किया गया। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7/13 (1) डी सपठित धारा 13 (2) में, पाँच वर्ष का कठोर कारावास व 25000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड अदा न करने पर छह माह के अतिरिक्त साधारण कारावास से दण्डित किया गया।
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वहीं एसपी विजिलेंस मुख्यालय देहरादून धीरेंद्र गुंज्याल ने लोगों से अपील करते हुए कहा यदि किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी के द्वारा काम के एवज में आपसे रिश्वत मांगी जा रही है तो उसकी शिकायत तत्काल विजिलेंस के टोल फ्री नंबर 1064 में करें जिस पर विजिलेंस के द्वारा तत्काल कार्रवाई करी जाएगी
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa