नैनीताल-चमोली में भारी मशीनों हो रही खड़िया खनन पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) डीएफओ तथा जिलाधिकारी चमोली को नोटिस जारी।
नैनीताल हाइकोर्ट ने चमोली जिले के तड़ागताल वन भूमि क्षेत्र में वन विभाग नियमावली 1984 के विरुद्ध भारी मशीनों से अवैध रूप से खड़िया खनन के मामले लेकर दायर जनहित याचिका पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) डीएफओ तथा जिलाधिकारी चमोली को नोटिस जारी कर 14 अप्रैल 2024 तक जवाब पेश करने को कहा है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि अभी तक पूर्व के आदेश पर क्या कार्रवाई हुई।
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नैनीताल। हाई कोर्ट ने चमोली निवासी प्रकाश सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।चमोली जिले के तड़ागताल वन भूमि क्षेत्र में वन विभाग नियमावली 1984 के विरुद्ध भारी मशीनों से अवैध रूप से खड़िया खनन के मामले लेकर दायर जनहित याचिका पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी), डीएफओ तथा जिलाधिकारी चमोली को नोटिस जारी कर 14 अप्रैल 2024 तक जवाब पेश करने को कहा है।
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कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि अभी तक पूर्व के आदेश पर क्या कार्रवाई हुई। कोर्ट ने तब तक भारी मशीनों से खड़िया खनन पर रोक लगा दी है। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में चमोली निवासी प्रकाश सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
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चमोली निवासी प्रकाश सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा बेनाप नहीं करवाया जा सकता खनन, सुनवाई में कहा है कि चमोली के तड़ागताल झील से लगे वन क्षेत्र में बेनाप भूमि को राज्य सरकार की ओर से बिना केंद्र सरकार की अनुमति के खनन के लिए दे दिया गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार बेनाप भूमि को किसी को खनन के लिए नहीं दिया जा सकता।
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वही इस मामले में याचिकाकर्ता का कहना है कि अवैध खनन से झील सहित पर्यावरण को खतरा पैदा हो गया है। याचिका में बेनाप भूमि में दिए गए खनन पट्टे दिए जाने पर रोक लगाने की मांग की गई है।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa