शर्मनाक- मित्र पुलिस के दो दरोगाओं ने महिला तीर्थ यात्री से की छेड़छाड़ ,_दोनों आरोपी दरोगाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर किया -सस्पेंड ..।

शर्मनाक- मित्र पुलिस के दो दरोगाओं ने महिला तीर्थ यात्री से की छेड़छाड़ ,_दोनों आरोपी दरोगाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर किया -सस्पेंड ..।

 

उत्तराखंड पुलिस को मित्र पुलिस कहा जाता है। लेकिन इस मित्र पुलिस के अधिकारी इन दिनों गलत हरकतों के कारण चर्चा में हैं। पहले पंतनगर थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर को महिला पर गलत काम का दबाव बनाने के लिए फोन करने का आरोप लगा और वो सस्पेंड हो गया। अब दो दरोगाओं पर भी ऐसी ही गंदी हरकत करने के कारण सस्पेंशन की गाज गिरी है। आखिर क्या है केदारनाथ में हुई ये घटना, जानिए इस खबर में।

देहरादून-उत्तराखंड : बड़ी खबर आ रही है। जानकारी के लिए बताते चलें बीते साल मई 2023 में मध्य प्रदेश की एक महिला यात्री केदारनाथ दर्शनों को आई। बताया जा रहा है कि महिला के रहने की व्यवस्था के लिए महिला के किसी परिचित ने चौकी इंचार्ज केदारनाथ को मदद करने के लिए फोन किया। चौकी इंचार्ज ने केदारनाथ में ही तैनात दरोगा को महिला के रहने की उचित व्यवस्था की जिम्मेदारी दी। खास बात यह है कि यह पूरा मामला करीब 1 साल पुराना है और अब जाकर प्रकरण में कार्रवाई की गई है।मामले में इन दोनों दरोगाओं के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है।

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दो दरोगाओं पर छेड़छाड़ का आरोप : दरोगा ने महिला को पुलिस कैंप में ऐसी जगह ठहराया जहां वह महिला से छेड़खानी कर सके। दरोगा द्वारा महिला के साथ छेड़खानी की गई। सूत्रों के मुताबकि महिला ने मामले की रुद्रप्रयाग पुलिस को शिकायत नहीं दी जबकि अपने घर लौटकर उत्तराखंड सीएम हेल्पलाइन और डीजीपी को शिकायत पहुंचाई।

बताते चलें कि उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने एक दिन पहले ही महिलाओं से दुर्व्यवहार पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का संदेश दिया था।दरअसल यह संदेश अचानक या बेवजह नहीं था।बताया गया है कि करीब 1 साल पुराने मामले में हुई कार्रवाई के बाद पुलिस महानिदेशक ने पुलिसकर्मियों को यह संदेश दिया है।दरअसल यह पूरा प्रकरण रुद्रप्रयाग जिले का है। यहां पिछले साल एक महिला द्वारा दो पुलिस दरोगाओं पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था।

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केदारनाथ आई महिला श्रद्धालुए से छेड़छाड़: खबर है कि यह महिला परिजनों के साथ केदारनाथ यात्रा पर आई थी। इस दौरान मौसम खराब होने के चलते इस महिला को रात के समय यहीं रुकना पड़ा था।कहीं भी ठहरने की व्यवस्था नहीं होने पर उसने पुलिस दरोगा से संपर्क किया।महिला ने केदारनाथ स्थित पुलिस चौकी प्रभारी मंजुल रावत से संपर्क किया। चौकी प्रभारी ने महिला के रात्रि प्रवास की व्यवस्था पुलिस कैंप में करने और उनके साथ एक महिला कांस्टेबल भेजने की बात कही। मगर देर रात तक कोई महिला कार्मिक को उसके साथ नहीं भेजा गया। दरोगा ने महिला को पुलिस कैंप में ऐसी जगह ठहराया जहां वह महिला से छेड़खानी कर सके। दरोगा द्वारा महिला के साथ छेड़खानी की गई। पीड़िता ने शिकायत में बताया कि नशे में धुत पुलिस दरोगा कुलदीप सिंह और चौकी प्रभारी मंजुल रावत ने कैंप में उससे छेड़खानी की कोशिश की। वह जैसे-तैसे कैंप से बाहर भागी।

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महिला की शिकायत पर दर्ज हुआ था मुकदमा: घटना को लेकर महिला ने अपना विरोध दर्ज कराया और यहां से अपने राज्य में वापस लौट गई। महिला द्वारा जिले से लेकर पुलिस मुख्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय तक भी ऑनलाइन शिकायत किए जाने की खबर है। खास बात यह है कि अब 1 साल बाद इस मामले में दो पुलिस दरोगाओं को निलंबित किए जाने की कार्रवाई की गई है। साथ ही प्रकरण में छेड़छाड़ की धाराओं में मुकदमा दर्ज किए जाने की भी जानकारी है।

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महिला की शिकायत पर 1 साल बाद कार्रवाई: बड़ी बात यह है कि 1 साल पहले हुई शिकायत पर अब जाकर कार्रवाई हुई है, जबकि इस पूरे मामले को बेहद गोपनीय रखा गया। अब प्रकरण खुलने के बाद पुलिस की छवि पर भी इससे बड़ा दाग लगा है। जिन पुलिसकर्मियों पर महिला से छेड़छाड़ का आरोप है।इसमें केदारनाथ चौकी इंचार्ज और दरोगा कुलदीप सिंह का नाम शामिल है। एक दिन पहले ही पुलिस मुख्यालय के स्तर पर महिला से दुर्व्यवहार को लेकर सख्त निर्देश भी जारी किए गए। चौंकाने वाली बात है कि इसमें भी पुलिस मुख्यालय स्तर पर इसकी जानकारी साझा नहीं की गई। इससे साफ है। कि मामले को गोपनीय रखने की कोशिश भी की गई। एलआईयू के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर ये जानकारी दी है।

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पुलिस अधीक्षक के निर्देशों पर रुद्रप्रयाग पुलिस द्वारा 28 जून 2024 को महिला से छेड़खानी के मामले में कोतवाली सोनप्रयाग में मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। जबकि चौकी इंचार्ज मंजुल रावत और तत्कालीन दरोगा कुलदीप सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि घटना की जितनी निंदा की जाए कम है।

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