सीमांत क्षेत्र खटीमा में आतंक का पर्याय बन चुके बाघ को वन विभाग की पांच टीमें, 25 कैमरे और ड्रोन कैमरे,कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा।
खटीमा के चकरपुर क्षेत्र में दहशत का पर्याय बन चुके बाघ को वन विभाग और वाइल्ड लाइफ की टीम ने पकड़ लिया। वन विभाग की टीम ने मंगलवार देर रात चकरपुर के पास जंगल में ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा। बाघ के पकड़े जाने से क्षेत्र के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
खटीमा(उधम सिंह नगर)- खटीमा वन रेंज के चकरपुर जंगल से लगे आबादी इलाके के लोगों के लिए आतंक का पर्याय बन चुके टाइगर को आखिरकार बुधवार की शाम के समय वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर पकड़ लिया।चकरपुर में वनखंडी मंदिर के पीछे जंगल में बीते बुधवार को साइकिल सवार 70 वर्षीय वप्रेमचंद को बाघ ने शिकार बना लिया था। बाघ के लगातार हो रहे हमलों के विरोध में ग्रामीणों में वन विभाग के विरुद्ध रोष व्याप्त था। बाघ की तलाश में वन विभाग की टीम जुटी हुई थी। ड्रोन से बाघ की लोकेशन का पता लगाया जा रहा था। वन विभाग की टीम लगातार टाइगर की मूवमेंट की मॉनीटरिंग कर रही थी। आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम को टाइगर को पकड़ने में सफलता मिली है। जिससे स्थानीय लोगों ने भी राहत की सांस ली है।
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पांच टीम, 25 कैमरे और ड्रोन से थी नजर
खटीमा में हिंसक बाघ को ट्रेकुलाइज कर वन विभाग ने पकड़ा लिया। अब तक बाघ दो लोगों को मार चुका था। साथ ही आबादी में घुसकर लोगों में दहशत का पर्याय बन चुका था। बाघ को पकड़ने के लिए तीन पिंजरे लगाए गए थे। जो काम नहीं आए तब उच्चाधिकारियों ने ट्रेंकुलाइज करने का फैसला किया। वन कर्मियों ने बाघ की लोकेशन और गतिविधि पर नजर रखने के लिए पांच टीमें, तीन रेंज के एक्सपर्ट वन कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई। लगातार 25 से अधिक कैमरों और ड्रोन से बाघ पर नजर रखी गई थी।
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एसडीओ संचिता वर्मा ने बताया मंगलवार देर रात वन विभाग की टीम ने चकरपुर के जंगल में ट्रेंकुलाइज कर बाघ को पकड़ लिया। बताते चलें की वन विभाग ने तीन पिंजरे लगाए थे, लेकिन बाघ पिंजरे में नहीं फंसा। मंगलवार को वन विभाग के एक्सपर्ट पशु चिकित्सक और वाइल्ड लाइफ टीम ने बाघ को ट्रेंकुलाइड कर लिया। इस दौरान बड़ी संख्या में वन कर्मी मौजूद रहे। एसडीओ वन संचिता वर्मा ने बताया की जंगल में टीम काफी अंदर है, जिसकी वजह से पूरी जानकारी नहीं दी जा सकती है। बाघ को रेस्क्यू कर रानीबाग सेंटर ले जाया जा सकता है।
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एक्सपर्ट पशु चिकित्सक डॉक्टर आयुष उनियाल, डॉक्टर पांगती, रेंज अधिकारी महेश जोशी, वन दरोगा नित्यानंद भट्ट, धन सिंह अधिकारी और टीम ने बख्तरबंद ट्रैक्टर से बाघ की लोकेशन के आसपास डेरा डाल दिया था। टीम ने बाघ को पकड़ने के लिए दिन रात एक कर दिए। बड़ी संख्या में भीड़ चकरपुर वन चौकी पहुंच गई।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa