दून में गरजा धामी सरकार का बुलडोजर, छावनी में तब्दील रही काठबंगला बस्ती,आंखों के सामने जमींदोज हुए आशियाने ढहते देख बच्चे-बूढ़ों की निकली चीखें, आक्रोशित लोगों ने सड़क की जाम…भारी पुलिस बल रहा मौजूद।
उत्तराखंड में देहरादून के रिस्पना नदी के किनारे वर्ष 2016 के बाद किए गए अवैध निर्माण पर एमडीडीए की कार्रवाई काठबंगला बस्ती से शुरू हो गई है। विरोध के बीच भारी पुलिस बल की मौजूदगी में एमडीडीए की टीम ने पहले दिन 26 अतिक्रमण ध्वस्त किए। रिवरफ्रंट डेवलपमेंट की भूमि पर रिस्पना किनारे कुल 250 अतिक्रमण पर कार्रवाई की जानी है।
देहरादून ( उत्तराखंड) देहरादून में एमडीडीए ने रिस्पना नदी किनारे काठबंगला बस्ती में अवैध कब्जों पर कार्रवाई कर जेसीबी से 26 मकान ध्वस्त कर दिए। पास की बस्ती में हो रही तोड़फोड़ सोनम को गहरा सदमा दे गई। तबीयत बिगड़ी और कुछ ही समय में 25 वर्षीय सोनम की मौत हो गई। बस्ती में महिला की मौत के बाद आज लोगों ने सड़क पर जाम लगाया। पुलिस ने 3-4 लोगो को हिरासत में लिया है। पाई-पाई जोड़कर नदी किनारे सरकारी जमीन पर आशियाने बना तो दिए, लेकिन जब कार्रवाई के दौरान घर गिरने लगे तो ऐसा लगा मानो उनके घर नहीं, बल्कि खुली आंखों के सामने उनके सपने टूट रहे हों।
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इस दौरान बस्ती छावनी में तब्दील रही। भारी पुलिस बल के चलते विभिन्न संगठनों और लोगों का विरोध कार्रवाई को नहीं रोक पाया। करीब पांच घंटे तक चली कार्रवाई के दौरान रोते-बिलखते और गुस्से का इजहार करते लोग कभी एमडीडीए तो कभी सरकार पर सवाल उठाते रहे। अधिकारी जांच के आधार पर तैयार की गई सूची का हवाला देते रहे तो लोग कार्रवाई में भेदभाव का आरोप लगाते रहे।
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पास की बस्ती में हो रही तोड़फोड़ सोनम को गहरा सदमा दे गई। तबीयत बिगड़ी और कुछ ही समय में 25 वर्षीय सोनम की मौत हो गई। सोनम की मौत से उसके पति आकाश पर मानो मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा। सोनम अपने पीछे पांच साल की बेटी और चार माह का बेटा छोड़ गई।
वीर गबर सिंह बस्ती निवासी आकाश ने बताया कि पास की काठबंगला बस्ती में मकान तोड़े जा रहे थे। साथ ही उनकी वीर गबर सिंह बस्ती में पर्चे बांटकर निशान लगाए जा रहे थे। भारी संख्या में पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। यह देखकर सोनम घबराई हुई थी।
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शाम करीब तीन बजे सोनम ने खाना खाया। इसी दौरान उनकी बस्ती में भी निशान लगाए जाने लगे। इस पर सोनम दूसरी बस्ती में मकानों को टूटते देख रोने लगी। आकाश ने बताया कि सोनम ने घर पर आकर रोते हुए उससे कहा कि अब हम कहां रहेंगे। तो मैंने उसे दिलासा भी दिया कि हम कहीं नहीं जाएंगे, यहीं रहेंगे, लेकिन वह गुमसुम हो गई और अचानक पीछे की तरफ लुढ़क गई। इसके बाद पास ही के एक डॉक्टर को बुलाया।
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आकाश ने बताया कि डॉक्टर ने सदमे के कारण हार्ट अटैक आने के कारण मौत होने की बात बताई। सोनम की मौत से आकाश की मानो दुनिया उजड़ गई है। उसका कहना है कि मेहनत मजदूरी कर परिवार को किसी तरह पाल रहे थे। अब बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी भी उस पर आ गई है।
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नगर निगम ने तोड़े 64, एमडीडीए 250 निर्माण करेगा ध्वस्त
एनजीटी के निर्देश पर रिस्पना के किनारे वर्ष 2016 के बाद किए गए निर्माण के सर्वे में कुल 524 अतिक्रमण चिह्नित किए गए थे। 89 अतिक्रमण नगर निगम की भूमि पर, जबकि 12 नगर पालिका मसूरी और 11 राजस्व भूमि पर पाए गए। दूसरी तरफ नगर निगम के नियंत्रण में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए जिस भूमि को एमडीडीए के नियंत्रण में दिया गया था, उस पर 412 से अधिक अतिक्रमण होने की बात सामने आई है।एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बताया कि अधिकारियों को अवैध भवनों को ही ध्वस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। कार्रवाई पूरी होने तक अभियान अगले दो-तीन दिन जारी रहेगा।
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नोटिस दिए बिना घर उजाड़ने का आरोप
काठबंगला बस्ती की एक महिला और स्वजन ने जेसीबी के आगे खड़े होकर खूब हंगामा किया। महिला ने आरोप लगाया कि उन्हें घर खाली करने का कोई नोटिस नहीं दिया गया। सोमवार को अचानक टीम पहुंची और उनका घर तोड़ दिया गया। महिला ने सरकार के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि गरीबों को बेघर किया जा रहा है। अब वह अपने बच्चों को लेकर कहां जाएं। बरसात के मौसम में उनके सिर से छत छीन ली गई। इस दौरान महिला और उसके बच्चे सड़क पर बैठकर रोने लगे। इसी प्रकार कई अन्य लोग भी बेघर करने का आरोप लगाते हुए हंगामा करते रहे।
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पुराने निर्माण पर बनाया अवैध मकान
इस दौरान ऐसे मामले भी पाए गए कि कुछ व्यक्तियों ने वर्ष 2016 से पहले के निर्माण के ऊपर बाद में मकान बना दिए। खाले में पूर्व में किए गए निर्माण तो कार्रवाई की जद से बाहर हैं, लेकिन उनके ऊपर बाद में निर्माण किए गए हैं। जिन्हें एमडीडीए ने जेसीबी से ध्वस्त किया।
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घर उजड़ता देख बिलखने लगे बच्चे
एमडीडीए की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान अपने घर उजड़ते देख महिलाएं और बच्चे बिलखने लगे। टीम की चेतावनी पर रोते-रोते लोग अपना सामान बाहर निकालने लगे। महिलाओं ने कहा कि गर्मी के बीच उनके बच्चे भूखे-प्यासे इधर-उधर भटकते रहे।
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बस्तीवासियों के लिए बन रहे फ्लैट बने खंडहर
काठबंगला बस्ती के निवासियों के पुनर्वास के लिए करोड़ों की लागत से बन रहे फ्लैट खंडहर बन गए हैं। बस्ती से कुछ दूरी पर ही जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन के तहत कई साल पूर्ण बहुमंजिला इमारत का निर्माण शुरू हुआ था। बजट पास होने के बाद कुछ समय निर्माण किया गया, लेकिन फिर काम ठप हो गया और बजट जारी नहीं हो सका। विधानसभा में भी इस मामले को उठाया गया, लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी और यह फ्लैट अब खंडहर में तब्दील हो गए हैं।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa