डोंगल के साथ ही मोबाइल फोन खुलने से मिली उम्मीद की किरण, एसओजी नैनीताल के अनिल गिरी,एसओजी उधम सिंह नगर भूपेंद्र आर्य की महत्वपूर्ण भूमिका से खोला ब्लाइंड केस।
खटीमा।बाबा भारामल में हुए दोहरे हत्याकांड के खुलासे में 23 दिनों से जूझ रही तीन जिलों की पुलिस को शनिवार को सफलता मिली। खुलासे में सबसे अधिक मददगार श्रीहरिगिरि महाराज का वाईफाई डोंगल साबित हुआ। भारामल क्षेत्र में नेटवर्क की दिक्कत होने के कारण वह डोंगल को अपने पास रखते थे। हत्याकांड के बाद बदमाश लूटे हुए सामान के साथ डोंगल को भी समेटकर ले गए। बदमाश कितने भी शातिर क्यों ना हों सुराग कोई ना कोई छोड़ ही जाते है।कहावत एकदम चरितार्थ हुई है।जिस स्थान पर डोंगल से नेटवर्क मिला उसी स्थान पर हत्यारे कालीचरण का रिलायंस का फोन भी कुछ सेकेंड के लिए चालू हुआ।उसके बाद फोन बंद हो गया। हत्यारे डोंगल को बेकार समझकर जंगल में ही फेंक गए।
सर्विलांस टीम के अहम भूमिका निभाने वाले अनिल गिरी ,व भानू प्रताप ओली द्वारा सर्विलांस माध्यम से इसकी जांच के दौरान अचानक जंगल में डोंगल से नेटवर्क मिला। जिसके बाद कोतवाल कुंडा दिनेश फर्त्याल, एस ओ नानकमत्ता देवेन्द्र गौरव , एस ओजी के दरोगा मनोज धौनी, पुलभट्टा एस ओ कमलेश भट्ट, भानु प्रताप ओली ,नाशिर खान,तपेन्दर जोशी द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी की गयी।
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गौरतलब है कि चार जनवरी को भारामल मंदिर में श्रीहरिगिरि महाराज और सेवादार रूप सिंह बिष्ट की हत्या के बाद खुलासे में जुटी पुलिस को यह पूरी तरह ब्लाइंड केस लग रहा था। ऊधमसिंह नगर के अलावा नैनीताल और चंपावत की पुलिस टीमों ने 1200 लोगाें से पूछताछ के साथ ही 1500 सीसीटीवी के फुटेज जांचे। इसके अलावा एक हजार से अधिक आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों का सत्यापन भी किया। इसके साथ ही एसआईटी समेत 15 टीमों ने मध्य यूपी में कई स्थानों पर दबिश दी लेकिन खुलासे में अधिक मदद नहीं मिली।
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. मंजूनाथ टीसी ने कहा कि अपने पूरे कॅरिअर में उन्होंने इतने बड़े ब्लाइंड का केस का कभी खुलासा नहीं किया। इसके लिए उन्होंने सर्विलांस टीम के सिपाही अनिल गिरि और भानुप्रताप ओली की सराहना की, जिन्होंने डोंगल की मदद से आरोपियों तक पहुंचने में मदद की। सर्विलांस टीम को घटना के दिन कुछ संदिग्धों के मोबाइल नंबरों की संदिग्ध गतिविधि दिखाई दी। इसके बाद उक्त नंबरों का सत्यापन किया गया।
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खटीमा।महंत श्रीहरिगिरि महाराज और सेवादार की हत्या के अगले दिन तीनों आरोपी रामपाल (62), कालीचरण (52) और पवन कुमार (34) खटीमा में ही थे। चूंकि कालीचरण पूर्व में भारामल मंदिर का सेवादार रह चुका था। इसलिए उसे पीलीभीत और खटीमा के सभी रास्ते मालूम होने के कारण वह आसानी भाग गए। पुलिस के मुताबिक, हिस्ट्रीशीटर पवन पर लूट, चोरी व एनडीपीएस के पीलीभीत में करीब छह केस दर्ज हैं। वर्तमान में वह कालीचरण के साथ मजदूरी करने लगा था। इस कारण दोनों की जान0पहचान हो गई थी।
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खटीमा। जघन्य दोहरे हत्याकांड का खुलासा होने का पता चलने पर विभिन्न संगठनों के लोगों के साथ ही आसपास के लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचे। इसको देखते हुए पुलिस ने तीनों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में रखा। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने कहा कि भारामल मंदिर में क्षेत्र की जनता की असीम आस्था है। महंत श्री हरिगिरि महाराज के हत्यारों के पकड़े जाने पर क्षेत्र की जनता खुश है। एसएसपी ने कहा कि अगले सप्ताह भारामल मंदिर परिसर में लंगर का आयोजन किया जाएगा।
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डीजीपी, डीआईजी और एसएसपी ने की इनाम देने की घोषणा
खटीमा। खुलासे में शामिल पुलिस टीमों को डीआईजी की ओर से पांच हजार और एसएसपी की ओर से ढाई हजार रुपये देने की घोषणा की गई। इसके अलावा डीजीपी ने टीम को पुरस्कार देने की घोषणा की है।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa