आरटीआई रिपोर्ट से चौका देने वाला आंकड़ा,23 साल में 37 हजार से ज्यादा लोग हुए हैं गुमशुदा, पुरुषों से कम है महिलाओं की संख्या,90 प्रतिशत को ढूंढा- ड़ी जी पी।
उत्तराखण्ड में लागतार लोगों के लापता होने के मामले बड़ते जा रहें हैं रोजाना किसी न किसी के गुमशुदा होने की खबर सामने आती रहती है, एक और बड़ा और चौका देने वाला आंकड़ा सामने आया है, बता दें की RTI की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है, प्रदेश में बीते 23 साल में करीब 37 हजार लोग लापता हो चुके हैं, इसमें सबसे ज्यादा संख्या पुरुषों की है, बता दें की उत्तराखंड के डीजीपी के निर्देश पर प्रदेश भर में गुमशुदा लोगों की तलाश किये जाने के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर प्रत्येक माह समीक्षा की जाती है, इन दिनों गुमशुदा बच्चों, महिलाओं और पुरुषों की तलाश और पुनर्वास के लिए प्रदेश में 01 सितंबर से 31 अक्टूबर तक 02 महीने का ऑपरेशन स्माइल अभियान चलाया जा रहा है।
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बताते चलें कि डीजीपी द्वारा ऑपरेशन स्माइल अभियान तथा प्रदेश में गुमशुदा बच्चों, महिलाओं और पुरुषों की समीक्षा की गयी, समीक्षा में पाया गया कि प्रदेश में पिछले 23 सालों (साल 2000 से 31 अगस्त 2023 तक) में कुल 37,043 लोग गुमशुदा हुए. इनमें 5,662 बालक, 4,896 बालिकाएं, 12,701 महिलाएं और 13,784 पुरुष गुमशुदा हुए।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें से 5437 बालक (96%), 4705 बालिकाएं (96%), 11399 महिलाएं (90%) और 11174 पुरुष (81%) को बरामद किया गया. साथ ही अभियान में गुमशुदाओं को तलाश करने के लिए जनपद देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल में चार टीमें, शेष जनपदों और रेलवे में एक टीम (कुल 26 टीम) का गठन किया गया. प्रत्येक टीम में 1 उपनिरीक्षक, 4 कांस्टेबल-4 को नियुक्त किया गया।
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अभियान जनपद के ऐसे स्थानों जहां गुमशुदाओं के मिलने की संभावना अधिक है, जैसे शेल्टर होम्स, ढाबे, कारखाने, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, धार्मिक स्थानों और आश्रमों आदि में चलाया जा रहा है. यदि गुमशुदा के किसी अन्य राज्य में मिलने की सूचना प्राप्त होती है, तो तत्काल टीम भेजकर गुमशुदा को ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही गुमशुदाओं का मिलान प्रदेश और सीमावर्ती राज्यों में बरामद लावारिस शवों से भी किया जा रहा है।
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बता दें कि पुलिस मुख्यालय की लोक सूचना अधिकारी अपर पुलिस अधीक्षक (कार्मिक) शाहजहां जावेद खान की ओर से आरटीआई कार्यकर्ता नदीमउद्दीन को जवाब उपलब्ध कराया गया था, आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, जनवरी 2021 से मई 2023 तक कुल 3,854 महिलाओं की प्रदेश में गुमशुदगी दर्ज की गईं. इनमें 2021 में 1,494, साल 2022 में 1,632 और साल 2023 में मई माह तक 728 महिलाएं गुम हुई हैं।
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डी जी पी उत्तराखण्ड अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस की कोशिश रहती है की कोई भी बच्चा या फिर लड़की गुमशुदा है तो तत्काल टीम काम करती है, साथ ही बताया की कई बार बच्चे नाराज होकर घर से चले जाते हैं. कुछ लड़कियां शादी के लिए अपनी मर्जी से चली जाती हैं. ऐसे कुछ कारण रहते है जिनमें पुलिस उन लोगों को नहीं ढूंढ पाती है। इसके बावजूद पुलिस का सफलता प्रतिशत बहुत हाई है, साथ ही ऑपरेशन स्माइल में अधिक से अधिक गुमशुदाओं को तलाश किये जाने के लिए सभी जनपदों को निर्देशित किया गया है, गुमशुदाओं को तलाश किये जाने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं।
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Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa