उत्तराखण्ड प्रदेश में नशा मुक्त देवभूमि अभियान के तहत 255 नशा तस्कर एसटीएफ के रडार पर, पीआईटी एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई की तैयारी।
दो साल पहले एसटीएफ ने ही एक नशा तस्कर को जेल में बंद कराया था। अब एसटीएफ ने प्रदेश के सभी जिलों में पकड़े गए 255 नशा तस्करों की सूची तैयार की है। इनके खिलाफ पांच-पांच मुकदमे तक दर्ज हैं। इसके बाद इन आरोपियों की सूची को समिति के सामने रखा जाएगा ताकि इनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सके।
नशा मुक्त देवभूमि अभियान के तहत उत्तराखंड में 255 तस्कर एसटीएफ के रडार पर हैं। इनके खिलाफ पीआईटी एनडीपीएस एक्ट के तहत निरोधात्मक कार्रवाई की जाएगी। यानी पुलिस इन्हें एक साल तक बिना किसी मुकदमे के जेल में रख सकती है। सभी के खिलाफ एक से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
22 नशा तस्कर पर पांच-पांच केस हैं।दो साल पहले प्रिवेंशन ऑफ इलीसिट इन नार्कोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (पीआईटी एनडीपीएस) एक्ट में कार्रवाई के लिए कमेटी का गठन हुआ था। इस एक्ट में पेशेवर नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई होती है। पुलिस विभाग ऐसे नशा तस्करों के नाम इस समिति के सामने रखता है जो एक से अधिक बार नशा तस्करी में पकड़े गए हैं।
255 नशा तस्करों की सूची तैयार
यदि वह जेल से बाहर होते हैं तो समिति की सिफारिश पर इन्हें अधिकतम एक साल तक जेल के अंदर रखा जा सकता है। इस दौरान जमानत भी नहीं मिल पाती। दो साल पहले एसटीएफ ने ही एक नशा तस्कर को जेल में बंद कराया था। अब एसटीएफ ने प्रदेश के सभी जिलों में पकड़े गए 255 नशा तस्करों की सूची तैयार की है।
इनके खिलाफ पांच-पांच मुकदमे तक दर्ज हैं। इसके बाद इन आरोपियों की सूची को समिति के सामने रखा जाएगा ताकि इनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सके। इन तस्करों में सबसे ज्यादा देहरादून, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल और हरिद्वार पुलिस के आरोपी हैं। इन जिलों के 50-50 नशा तस्कर शामिल हैं।
पांच बार मुकदमे वाले-22
चार बार मुकदमे वाले -28
तीन बार मुकदमे वाले -71
दो बार मुकदमे वाले-131
फ़ाइल फोटो आयुष अग्रवाल, एसएसपी एसटीएफ
2025 तक देवभूमि उत्तराखंड को नशा मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी क्रम में पेशेवर नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सूची बनाई गई है। सभी जिलों से ऐसे तस्करों की सूची मांगी गई थी जिनके खिलाफ एक से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनकी संख्या 255 है। इनके खिलाफ पीआईटी एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई के लिए जांच की जा रही है। -आयुष अग्रवाल, एसएसपी एसटीएफ
Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa