जसप्रीत बुमराह और उमरान मालिक से भी घातक और तूफानी था ये गेंदबाज, भारत छोड़ अब ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने का किया फैसला
यह बात हमेशा कही जाती है कि भारत में क्रिकेट को खेल से बढ़कर एक धर्म माना जाता है. भारत का बच्चा-बच्चा क्रिकेट खेलता है. उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से पश्चिम तक भारत में क्रिकेट का खुमार है. ऐसे में भारतीय क्रिकेट टीम में सलेक्शन के लिए बहुत तगड़ा प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है, जो खिलाड़ी काबिलियत के साथ लक ले आते हैं. उनका चयन भारतीय टीम में हो जाता है, लेकिन बाकि खिलाड़ियों को निराश होना पड़ता है।
विदेशों से खेलते हैं।खिलाड़ी ????????
पहले के जेनेरेशन में खिलाड़ी जब भारत के लिए क्रिकेट नही खेल पाते हैं तब वह कोई क्षेत्र चुन लेते हैं, लेकिन आज की भागती हुई जेनरेशन क्रिकेट को देश और क्षेत्र में नही बांधना चाहती है. इसलिए उन्मुक्त चंद समेत कई खिलाड़ी विदेशों से क्रिकेट खेलते हैं. इसी सूची में एक नाम गुरिंदर संधू का भी है.
गुरिंदर की कहानी एक संघर्ष भरी दास्तान है. वह पहले ऑस्ट्रेलिया में पिज्जा डिलीवरी का काम करते थे. आइए उनके कहानी के बारे में जानते हैं।
क्या है गुरिंदर संधू की कहानी ????????
गुरिंदर संधू का जन्म 1993 में ब्लैकटाउन, न्यू साउथ वेल्स में हुआ. बताया जाता है कि गुरिंदर संधू क्रिकेटर बनने से पहले पिज्जा डिलीवरी करते थे.
विकीपीडिया के अनुसार वर्तमान समय में गुरिंदर संधू ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर हैं, जो तस्मानिया का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने 2012 आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 क्रिकेट टीम के लिए खेला है।
Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa