केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत ने किया नामांकन, अगस्त्यमुनि में मनोज रावत के समर्थन में रोड शो के साथ ही जनसभा का हुआ आयोजन

केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत ने किया नामांकन, अगस्त्यमुनि में मनोज रावत के समर्थन में रोड शो के साथ ही जनसभा का हुआ आयोजन

केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक मनोज रावत ने अपना नामांकन दाखिल कर लिया है। पार्टीजनों ने प्रत्याशी को भारी बहुमत से विजय बनाने का संकल्प लिया। सोमवार को कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया।

देहरादून से यहां पहुंचे कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत का पार्टीजनों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह कार्यकर्ताओं की मेहनत का फल है। पार्टी हाईकमान ने उन पर जो विश्वास जताया है, उस पर खरा उतरने के लिए वह हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने पार्टी हाईकमान व कार्यकर्ताओं का आभार जताया।

इस मौके पर पूर्व सीएम हरीश रावत, वरिष्ठ नेता यशपाल रावत, गणेश गोदियाल और प्रीतम सिंह शामिल हुए। इसके बाद पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में विजयनगर-अगस्त्यमुनि में रोड शो होगा। साथ ही रामलीला मैदान में जनसभा होगी।

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मंगलौर और बदरीनाथ के बाद अब केदारनाथ की बारी: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि मंगलौर और बदरीनाथ के बाद अब केदारनाथ की बारी है. बीजेपी लगातार जन समर्थन खो रही है. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि बीजेपी सरकार की नीतियों के कारण आज जनता त्रस्त है. केदारनाथ घाटी के युवाओं की नौकरियों पर डाका डालने के बाद अब सरकार यहां के आम जनों का रोजगार भी छीनने पर लगी हुई है।

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हाईकमान ने तीसरी बार मनोज रावत पर भरोसा जताया

केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने पूर्व विधायक मनोज रावत पर विश्वास जताया है। पूर्व विधायक लगातार तीसरी बार अपने हाईकमान का विश्वास हासिल करने में सफल हुए हैं, जो मनोवैज्ञानिक तौर पर उनकी बड़ी जीत है। अब, धरातल पर जनता के बीच कैसे अपना पक्ष रखते है, यह खास होगा। राज्य बनने के बाद 2002 व 2007 के विस चुनाव को छोड़कर बाद के चुनावों में कांग्रेस पृष्ठभूमि का ही दबदबा रहा है।

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केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होती रही है। वर्ष 2002 व 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां भाजपा को जीत मिली थी। लेकिन 2012 से यहां कांग्रेस ने अपने को स्थापित करने के साथ ही वोट बैंक को बढ़ाने में सफलता पाई। वर्ष 2012 में स्व. शैलारानी रावत कांग्रेस के टिकट से पहली बार विधानसभा पहुंची। सितंबर 2012 में ऊखीमठ और जून 2013 में केदारनाथ आपदा के बाद क्षेत्र में जनजीवन को पटरी पर लाने व मूलभूत सुविधाओं को जुटाने में समय बीतने पर अक्तूबर 2016 में वह पार्टी से विद्रोह कर भाजपा में शामिल हो गईं।
इसके बाद वर्ष 2017 के विस चुनाव में कांग्रेस ने मनोज रावत को अपना प्रत्याशी बनाया।
मूर्ति स्थापना करने का अनूठा प्रयास

उनके सामने स्वयं को साबित करने के साथ ही पार्टी के वोट बैंक को बढ़ाने की बड़ी चुनौती थी। उन्होंने इन सब चुनौतियों पर खरा उतरते हुए भाजपा की प्रचंड लहर में जीत दर्ज की। वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में वह एकमात्र कांग्रेस के विधायक थे। उन्होंने अपने कार्यकाल में जनता से संवाद करने के साथ ग्राम स्तर पर पुस्तकालय और केदारनाथ विस क्षेत्र के शहीदों के उनके पैतृक गांव में मूर्ति स्थापना करने का अनूठा प्रयास किया।

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वर्ष 2022 में वह चुनाव हारने के साथ ही तीसरे स्थान पर खिसक गए। ऐसे में अब, उप चुनाव में पार्टी हाईकमान का उन पर भरोसा, स्वयं उनके साथ पार्टी के लिए के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। उप चुनाव के लिए पार्टी से 12 लोगों ने अपनी दावेदारी की थी, जिसमें हाईकमान ने पुन: मनोज रावत को प्रत्याशी बनाया है। वर्तमान में उपजे हालातों, केदारनाथ विस में जन समस्याओं के निराकरण और जन उम्मीदों पर खरा उतरना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है।

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uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

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