नैनीताल में 12 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म मामला:आरोपी उस्मान की याचिका पर राहत नहीं; जमानत याचिका पर सुनवाई से एक और जज ने किया इनकार,मूक-बधिर युवती को पढ़ाई की अनुमति: हाईकोर्ट का सराहनीय फैसला।

नैनीताल में 12 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म मामला:आरोपी उस्मान की याचिका पर राहत नहीं; जमानत याचिका पर सुनवाई से एक और जज ने किया इनकार,मूक-बधिर युवती को पढ़ाई की अनुमति: हाईकोर्ट का सराहनीय फैसला।

 

नैनीताल। 12 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म के संवेदनशील मामले में आरोपी उस्मान खान की जमानत याचिका लगातार नई बेंचों के पास पहुंच रही है। पहले न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा और अब न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल ने भी सुनवाई से स्वयं को अलग करते हुए मामले को अन्य बेंच को भेजने की सिफारिश की है।

जल्द सुनवाई पर सवाल, बेंच ने कहा—“जब रेगुलर बेंच उपलब्ध है, तो जल्दबाजी क्यों?”
आरोपी पक्ष ने न्यायमूर्ति वर्मा के अवकाश पर होने के चलते मामले की शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया था। इस पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल ने कहा कि जब प्रकरण पहले से ही रेगुलर बेंच में लंबित है, तो अन्य बेंच इसकी जल्द सुनवाई नहीं कर सकती। उन्होंने मामले को आगे किसी अन्य एकलपीठ को भेज दिया।

इससे पहले न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा भी इस मामले से स्वयं को अलग कर चुके हैं। उन्होंने आदेश में कहा था कि आरोपी के अधिवक्ता द्वारा जल्द सुनवाई का निवेदन किया गया, लेकिन वे इस महीने उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए प्रकरण को किसी अन्य बेंच के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।

12 अप्रैल को 12 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म का आरोप
मामले के अनुसार, आरोपी उस्मान खान पर आरोप है कि उसने 12 अप्रैल 2025 को 12 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। मामले की रिपोर्ट मल्लीताल थाने में दर्ज कराने के दौरान स्थानीय स्तर पर तनाव और तोड़फोड़ भी हुई थी। पुलिस ने 30 अप्रैल को आरोपी को गिरफ्तार कर भीड़ को शांत किया और निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया।

पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने जांच अधिकारी को जांच में लापरवाही पर फटकार लगाते हुए उस पर जुर्माना लगाया था। जुर्माने का भुगतान कर जांच अधिकारी ने अदालत में क्षमा याचना भी दाखिल की है।

अब मामला पहुंचेगा नई बेंच के समक्ष
न्यायमूर्ति थपलियाल द्वारा सुनवाई से इनकार के बाद जमानत याचिका अब आगामी एकलपीठ के पास भेजी जाएगी। अदालत ने संकेत दिया है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सुनवाई उचित बेंच के समक्ष ही होगी।

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मूक-बधिर युवती को पढ़ाई की अनुमति: हाईकोर्ट का सराहनीय फैसला।

नैनीताल। हाईकोर्ट ने भवाली के पास निगलाट गांव की 21 वर्षीय मूक-बधिर युवती को इंदौर जाकर पढ़ाई करने की अनुमति प्रदान कर दी है। युवती ‘डेफ एनेबल्ड फाउंडेशन’ इंदौर में पढ़ना चाहती है।

विदेशी नागरिक सतरूपा ने युवती की अभिभावक बनकर उसे इंदौर भेजने का अनुरोध किया था। उनका कहना था कि युवती के माता-पिता उसकी संकेत भाषा को समझ नहीं पाते, जबकि वह पढ़ाई जारी रखना चाहती है। जिलाधिकारी से इस संबंध में कोई निर्णय न मिलने पर मामला हाईकोर्ट पहुंचा।

कोर्ट में विशेषज्ञ की मौजूदगी में हुई बातचीत
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने आज युवती, परिजनों और संकेत भाषा विशेषज्ञ की अदालत में उपस्थिति दर्ज कराई। अदालत के समक्ष युवती ने स्पष्ट कहा कि वह पढ़ाई करना चाहती है, जिसके बाद परिजन भी सहमत हो गए।

अदालत ने जिलाधिकारी नैनीताल को निर्देश दिया कि वह निश्चित अवधि के लिए युवती को इंदौर भेजने की अनुमति जारी करें। साथ ही जिला समाज कल्याण अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि युवती को केंद्र और राज्य सरकार की संबंधित योजनाओं का पूरा लाभ मिले

uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

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