उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती पर सदन में छाई पहाड़ी टोपी, पिछौड़ा और नथ,विधानसभा में उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं की झलक,राष्ट्रपति के संबोधन से यादगार बना दिन, तस्वीरें।

उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती पर सदन में छाई पहाड़ी टोपी, पिछौड़ा और नथ,विधानसभा में उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं की झलक,राष्ट्रपति के संबोधन से यादगार बना दिन, तस्वीरें।

उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती पर सोमवार से शुरू हुआ विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक बन गया। इस अवसर पर पूरी विधानसभा उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं की झलक से सराबोर दिखी।

उत्तराखंड की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित विधानसभा का विशेष सत्र पारंपरिक रंग में निखर आया। राष्ट्रपति का भाषण, पारंपरिक पोशाकें और 25 वर्षों की विकास यात्रा, सदन की हर झलक ने इस दिन को यादगार बनाया।

राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर रजत जयंती के उपलक्ष्य पर विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आज शुरू हुआ। इस दौरान विधानसभा सदन में जो झलकियां दिखाई दीं वो अपने आप अलग थीं। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी से लेकर कई नेता, विधायक पारंपरिक वेशभूषा नजर आए। पहाड़ी टोपी, पिछौड़ा और पारंपरिक नथ ने पूरी तरह माहौल को पारंपरिक रंग में रंग दिया। राष्ट्रपति को रम्माण कला पर आधारित स्मृति चिह्न भेंट किया। मुख्यमंत्री धामी सहित भाजपा के सभी नेता, विधायक पारंपरिक टोपी पहने दिखे।

उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मू ने सदन को संबोधित किया। उत्तराखंड विधानसभा के इतिहास में यह दूसरा ऐसा अवसर रहा जब सदन में राष्ट्रपति ने अपना संबोधन दिया। इससे पहले 2015 में पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणव मुखर्जी ने राज्य विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया था। प्रदेश सरकार राज्य स्थापना के 25 साल में हुए विकास कार्यों के साथ ही अगले 25 वर्षों के विकास का रोडमैप को सदन में चर्चा के लिए रखेगी।

इस दौरान कुछ नेताओं की पारंपरिक वेशभूषा छाई रही। पहाड़ी टोपी के साथ विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने पिछौड़ा पहना था।

uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

Spread the love
[democracy id="1"]