UKSSSC पेपर लीक मामले बड़ा एक्शन:राज्य सरकार ने SIT जांच के दिये आदेश,हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में होगी SIT जांच, एक माह तक सभी आंसर शीट रहेंगी सील, रिजल्ट भी नहीं होगा घोषित।
देहरादून, 24 सितंबर 2025:यूकेएसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) पेपर लीक प्रकरण पर अब सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने की घोषणा की है।सरकार ने SIT को एक महीने के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया गया है कि जांच पूरी होने तक परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किए जाएंगे।सरकार का यह फैसला युवाओं के गुस्से और बढ़ते दबाव के बीच लिया गया माना जा रहा है, ताकि पूरे मामले की पारदर्शी जांच हो सके और दोषियों को सजा मिल सके।
राज्य सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को युवाओं में भरोसा बहाल करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। यह फैसला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने “नकल जिहादियों को मिट्टी में मिलाने” की बात कही थी।
मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने बुधवार को मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार के लिए परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और सुचिता के साथ ही अभ्यर्थियों का हित सर्वोपरि है। इसी क्रम में गत रविवार को सम्पन्न परीक्षा में सामने आई शिकायतों की जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी द्वारा कराई जाएगी। उक्त एसआईटी का कार्यक्षेत्र पूरा प्रदेश होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि जांच निष्पक्ष ढंग से हो इसके लिए यह भी एसआईटी जांच की निगरानी हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज के द्वारा की जाएगी। सेवानिवृत्त जज और एसआईटी सभी जिलों में जाएंगे, इस दौरान कोई भी व्यक्ति उन तक परीक्षा से संबंधित तथ्य और सूचना दे सकता है। उन्होंने बताया कि जांच एक माह में सम्पन्न की जाएगी, तब तक के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से परीक्षा के संबंध में आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि एसआईटी जांच में दोषी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो इसके लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही विवादों के केंद्र में स्थित हरिद्वार के परीक्षा केंद्र पर जिस भी व्यक्ति की लापरवाही सामने आती है, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए छात्रों का हित सबसे ऊपर है। साथ ही यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि छात्रों और आमजन का परीक्षा प्रणाली पर भरोसा बना रहे।
जांच से जुड़ी प्रमुख बातें:
रिटायर्ड हाई कोर्ट जज के नेतृत्व में जांच:
जांच की कमान एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय न्यायाधीश को सौंपी गई है, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से पूरे मामले की जांच करेंगे।
एक माह में रिपोर्ट तैयार:
आयोग ने स्पष्ट किया है कि जांच की समयसीमा एक माह निर्धारित की गई है। इस अवधि में पेपर लीक से जुड़ी हर कड़ी को खंगाला जाएगा।
परीक्षा केंद्रों की जांच:
परीक्षा केंद्रों की निगरानी, सीसीटीवी फुटेज, स्टाफ की भूमिका और तकनीकी गड़बड़ियों की भी गहन जांच की जाएगी।
उत्तर पुस्तिकाएं सील:
जांच पूरी होने तक सभी उत्तर पुस्तिकाएं (Answer Sheets) सील रहेंगी। किसी भी स्तर पर मूल्यांकन या परिणाम प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी।
नया विशेष जांच सेल गठित:
मामले की गंभीरता को देखते हुए एक अलग विशेष जांच सेल (Special Enquiry Cell) भी बनाया गया है, जो संबंधित तकनीकी और प्रशासनिक पहलुओं पर काम करेगा।
युवाओं को आश्वासन:
सरकार ने कहा है कि इस पूरे मामले में युवाओं का भविष्य सर्वोपरि है। निष्पक्ष और पारदर्शी जांच