पिथौरागढ़ की ‘नन्हीं परी’ गैंगरेप मर्डर केस मामले में आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से बरी होने पर हल्द्वानी की सड़कों पर उतरा जनसैलाब, लोक कलाकार भी हुए शामिल, पुलिस से नोकझोंक।

पिथौरागढ़ की ‘नन्हीं परी’ गैंगरेप मर्डर केस मामले में आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से बरी होने पर” हल्द्वानी” की सड़कों पर उतरा जनसैलाब, लोक कलाकार भी हुए शामिल, पुलिस से नोकझोंक।

हल्द्वानी: वर्ष 2014 में हल्द्वानी में हुई 7 वर्षीय ‘नन्ही परी’ हत्याकांड से जुड़े मामले में हाईकोर्ट से दोषी करार आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से बरी होने पर प्रदेशभर की जनता में आक्रोश है। ये आक्रोश अब सोशल मीडिया से निकलकर सड़कों पर दिखाई देने लगा है। पिथौरागढ़ के बाद अब नैनीताल जिले के हल्द्वानी की सड़कों में लोगों का सैलाब नजर आया। लोगों ने प्रदर्शन कर अपना गुस्सा जाहिर किया।

18 सितंबर को हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में बड़ी संख्या में सामाजिक संगठन और लोक कलाकार के साथ स्थानीय लोगों ने ‘नन्ही परी’ गैंगरेप मर्डर केस के विरोध में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। लोगों ने हाथों में तख्ती लेकर आरोपी को फांसी की सजा की मांग करते हुए नारेबाजी की।

इसके बाद धरना स्थल बुद्ध पार्क से प्रदर्शनकारी एसडीएम कोर्ट तक जाने की कोशिश करने लगे। लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर नोक झोंक हुई। लेकिन प्रदर्शनकारियों की संख्या ज्यादा होने के कारण पुलिस की एक नहीं चली और प्रदर्शनकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पीड़िता परिवार और स्थानीय जनता बेहद निराश और आक्रोशित है। उन्होंने कहा कि मासूम बच्ची की निर्मम हत्या ने हर किसी को झकझोर दिया था।इस घटना को लेकर लोगों की अपेक्षा थी। कि सुप्रीम कोर्ट पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए कठोरतम फैसला सुनाएगा। लेकिन अदालत के हालिया आदेश ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इसी वजह से गुस्सा सड़कों पर साफ दिखाई दे रहा है।

लोगों का कहना है कि यह फैसला न्यायपालिका पर सवाल खड़े करता है. प्रदर्शन में हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश, हरीश रावत  के अलावा उत्तराखंड की मशहूर लोक कलाकार श्वेता महरा, पुष्कर मेहर,गोकुल मेहरा, इंदर आर्य, प्रियंका मेहरा, गोविंद दिगारी ,कमल मेहरा, पवन पहाड़ी,राकेश खनवाल, ललित जोशी आंदोलनकारी ,ललित जोशी ,राजेंद्र कांडपाल ,भुवन पांडे ,विनोद शाही ,भगवंत सिंह राणा, अंजू पांडे ,दीपा पांडे ,प्रेमा मेर, कविता जीना ,ज्योति अधिकारी, जोगिंदर राणा , योग्यता बनोला ,कंचन रौतेला, शैलेंद्र दानू, गोविंद अधिकारी, पूजा रौतेला ,विनोद कार्की, रविंद्र खातिर हिमांशु कबाड़वाल,आदि मौजूद रहे।

बताते चलें कि पिथौरागढ़ की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरोपी को बरी किए जाने के बाद राज्य सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने एसएसपी से रिपोर्ट मांगी है। 2014 में काठगोदाम में एक शादी समारोह से बच्ची गायब हो गई थी और बाद में उसकी लाश मिली थी।

 

गौरतलब है कि करीब दस साल पहले हल्द्वानी में रिश्तेदार की बारात में पहुंची नन्ही कली की दुष्कर्म व हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट से अभियुक्त बरी होने के बाद भड़के जनाक्रोश को देखते हुए राज्य सरकार एक्शन में आ गई है।

स्वजनों को दिए आश्वासन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मामले में पुनर्विचार याचिका दायर की जा रही है। पुलिस मुख्यालय से हत्याकांड से संबंधित जांच रिपोर्ट सहित अन्य पत्रावली तलब की गई है। जिसके बार एसएसपी नैनीताल की ओर से अधीनस्थों को तत्काल कार्रवाई को कहा गया है।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में इस सनसनीखेज वारदात के मुख्य अभियुक्त अख्तर अली को बरी कर दिया था। दैनिक जागरण की ओर से निर्णय को लेकर समाचार प्रकाशित हुआ तो पिथौरागढ़ में नन्ही कली के स्वजनों सहित विभिन्न संगठन सड़क पर उतर आए। जिसके बाद भाजपा नेताओं के नेतृत्व में स्वजनों ने मुख्यमंत्री से देहरादून में वार्ता की।

न्याय विभाग व पुलिस विभाग एक्टिव
तय हुआ कि राज्य सरकार मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर न्याय विभाग व पुलिस विभाग एक्टिव हुए। बुधवार को ही पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था की ओर से एसएसपी को पत्र भेजकर रिपोर्ट देने को कहा है।

कहा है कि थाना काठगोदाम क्षेत्र में पिथौरागढ़ की नन्ही कली स्वजन के साथ शीशमहल, रामलीला मैदान, थाना काठगोदाम में एक शादी समारोह में आई थी, 20 नवंबर 2014 को गुम हो गई। उसका शव 25 नवंबर को गौला नदी के समीप बरामद हुआ था।

इस मामले में पुलिस ने धारा-365, 376 क/120बी, 212 पोक्सो अधिनियम में आरोपित अख्तर अली उर्फ शमीम उर्फ राज पुत्र मकसूद अली अंसारी निवासी ग्राम व पोस्ट महनागनी थाना बेतिया देहात, पश्चिमी चम्पारन (बिहार) , प्रेमपाल वर्मा पुत्र लक्ष्मण प्रसाद निवासी हैदरगंज थाना जहानाबाद जिला पीलीभीत (उत्तरप्रदेश ) जूनियर मसीह उर्फ फौक्सी पुत्र हारून मसीह निवासी रुद्रपुर जिला ऊधमसिंहनगर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ।

पोक्सो कोर्ट ने अख्तर अली को फांसी व प्रेम पाल को पांच साल की सजा सुनाई। हाईकोर्ट ने भी यह सजा बरकरार रखी। पत्र के अनुसार 10 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के 10 सितंबर के निर्णय के विरूद्ध पुर्नविचार याचिका योजित किये जाने के सम्बन्ध में प्रस्ताव आज मुख्यालय को प्राप्त हुआ है।

निर्देशित किया कि मामले में थानाध्यक्ष काठगोदाम, क्षेत्राधिकारी हल्द्वानी अभिलेख एवं डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा से समन्वय स्थापित किया जाए।

पुलिस अधीक्षक नगर हल्द्वानी को अपने पर्यवेक्षण में प्रस्ताव तैयार कर उपलब्ध कराने को कहा है। उल्लेखनीय है बिन्दुखत्ता में तीन साल पहले संजना हत्याकांड का निचली कोर्ट से फांसी की सजा के बाद सुप्रीम कोर्ट से आरोपित बरी हुआ, राज्य सरकार की ओर से पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई, लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई।

 

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