थराली: SDM ऑफिस के पीछे भी टूटा पहाड़, दस्तावेज़ और CPU बचाकर भागे उपजिलाधिकारी –कितना डरावना था दृश्य…पीड़ितों ने बताई आपबीती, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल।
“थराली में बड़ा हादसा टलते-टलते बचा!एसडीएम कार्यालय के ठीक पीछे अचानक भूस्खलन होने से अफरातफरी मच गई। हालात इतने गंभीर थे कि खुद एसडीएम थराली हाथों में कंप्यूटर फाइलें और दस्तावेज़ उठाकर बाहर भागते नजर आए। प्रशासनिक अधिकारी का यूँ हड़बड़ाकर निकलना घटना की गंभीरता और खौफ को बयां करता है।”
चमोली। 22 अगस्त की रात थराली में आई भीषण आपदा से जहां गांवों और ग्रामीणों की ज़िंदगी उजड़ गई, वहीं इसने प्रशासन को भी नहीं बख्शा। एसडीएम ऑफिस तक पहाड़ खिसक आया। हालात ऐसे बने कि खुद एसडीएम पंकज भट्ट को भी दस्तावेज़ और कंप्यूटर का CPU उठाकर भागना पड़ा। घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

पहाड़ खिसका, मचा हड़कंप
25 अगस्त को थराली तहसील में प्रभावित ग्रामीण अधिकारीयों को नुकसान की जानकारी दे रहे थे। इसी बीच अचानक एसडीएम कार्यालय के पीछे पहाड़ी दरक गई और देखते ही देखते अफरातफरी मच गई। कर्मचारी जहां जो मिला उसे समेटकर बाहर की ओर भागे, वहीं एसडीएम पंकज भट्ट ग्रामीणों से जुड़े जरूरी दस्तावेज़ और कंप्यूटर का CPU लेकर सुरक्षित स्थान की ओर दौड़ते नज़र आए।

दस्तावेज़ सुरक्षित, बड़ा नुकसान टला
एसडीएम पंकज भट्ट का कहना है कि कार्यालय के सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और सामान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिए गए हैं। फिलहाल किसी तरह का बड़ा नुकसान नहीं हुआ है और कार्यालय अभी भी सुरक्षित है।

चेपड़ो गांव में तबाही, रोज़गार और घर बर्बाद
आपदा से सबसे अधिक नुकसान चेपड़ो गांव में हुआ। इस गांव के मकान, दुकानें, खेत सब मलबे में समा गए। कई वाहन भी मलबे के नीचे दब गए। ग्रामीणों का कहना है कि रोजगार के साधन पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं, बच्चों की पढ़ाई तक के पैसे और जरूरी कागजात बह गए।

11 लोग घायल, एम्स ऋषिकेश में भर्ती
चेपड़ो में मलबे की चपेट में आए 11 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश ले जाया गया, जहां उनका उपचार जारी है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने एम्स पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया और हर संभव मदद का भरोसा दिया।

बिजली-पानी ठप, प्रशासन जुटा राहत कार्यों में
आपदा के चलते थराली बाजार, चेपड़ो, केदारबगड़, राड़ीबगड़ और खारीबगड़ में बिजली और पानी की आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने विद्युत विभाग को जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए हैं। वहीं जल संस्थान प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों के जरिए पानी पहुंचा रहा है।

सड़क खोलने में जुटा प्रशासन
प्रशासनिक स्तर पर राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। चार जेसीबी और पोकलैंड मशीनों की मदद से बंद सड़कों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है ताकि गांवों तक राहत सामग्री आसानी से पहुंच सके।
Author: uttarakhandlive24
Harrish H Mehraa





