मुख्यमंत्री धामी का भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एक्शन, विजिलेंस को मिली खुली छूट,उत्तराखंड पेयजल निगम हल्द्वानी के इस अफसर पर गिरी गाज।

मुख्यमंत्री धामी का भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एक्शन, विजिलेंस को मिली खुली छूट,उत्तराखंड पेयजल निगम हल्द्वानी के इस  अफसर पर गिरी गाज।

हल्द्वानी/देहरादून: भ्रष्टाचार के मामले में उत्तराखंड पेयजल निगम हल्द्वानी के प्रभारी मुख्य अभियंता सुजीत कुमार को निलंबित कर दिया गया है।सुजीत कुमार पर आरोप है कि उन्होंने विभाग ने काम दिलाने के नाम पर शिकायतकर्ता से करीब 10 लाख रुपए ले है। जांच में आरोपी की पुष्टि हुई है। जिसके बाद ही विभाग की तरफ से सुजीत कुमार को सस्पेंड किया गया है।

जानकारी के मुताबिक काशीपुर के रहने वाले संजय कुमार ने इस मामले को लेकर लिखित शिकायत दी थी। अपनी शिकायत में संजय कुमार ने आरोप लगाया था। कि साल 2022 में सुजीत कुमार तत्कालीन अधीक्षण अभियंता निर्माण मंडल देहरादून ने उनकी फर्म को विभाग में काम दिलाने और पंजीकरण करवाने का आश्वासन दिया था।

            प्रभारी मुख्य अभियंता सुजीत कुमार

आरोप है कि इसके बदले सुजीत कुमार के कहने पर शिकायतकर्ता ने पांच किस्तों में कुल दस लाख रुपए ‘कुचु-पुचु इंटरप्राइजेज’ नाम की फर्म के खाते में ट्रांसफर किए। जांच में सामने आया कि उस फर्म की पार्टनर खुद सुजीत कुमार की पत्नी हैं। पीड़िता ने शिकायत के साथ बैंक खातों से संबंधित दस्तावेज और स्टाम्प पेपर भी संलग्न किए गए थे। सुजीत कुमार पर लगे सभी आरोप सही पाए, जिसके बाद विभाग ने उन्हें सस्पेंड कर दिया।

सीएम धामी ने विजिलेंस को दी छूट: बता दें कि सीएम धामी ने विजिलेंस को भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाही करने के लिए खुली छूट दी है। इसका असर, साल दर साल बढ़ते विजिलेंस ट्रैप और गिरफ्तारियों की संख्या में रूप में नजर आ रहा है। यही नहीं मजबूत साक्ष्य के आधार विजिलेंस बीते साढ़े चार साल में 71 प्रतिशत मामलों में आरोपियों को कोर्ट से सजा दिलाने में कामयाब रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजिलेंस को भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए खुली छूट प्रदान की हुई है। इसका असर, साल दर साल बढ़ते विजिलेंस ट्रैप और गिरफ्तारियों की संख्या में रूप में नजर आ रहा है। यही नहीं मजबूत साक्ष्य के आधार विजिलेंस गत साढ़े चार साल में 71 प्रतिशत मामलों में आरोपियों को कोर्ट से सजा दिलाने में कामयाब रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य का पदभार संभालते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस पर रुख साफ कर दिया था। इसका साफ असर विजिलेंस की कार्यवाही में नजर आ रहा है।

बीते चार साल में बडे से बड़े आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य में साल दर साल विजिलेंस ट्रैप और गिरफ्तारियों के साथ ही सजा के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। इस दौरान विजिलेंस ने कुल 82 ट्रैप में 94 गिरफ्तारियों को अंजाम दिया, जिसमें 13 राजपत्रित अधिकारी शामिल हैं। बीते साढ़े चार साल से विजिलेंस के पास कुल 125 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें 18 में सामान्य जांच, 25 में खुली जांच के बाद 82 ट्रैप किए गए। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस ठोस साक्ष्य और मजबूत पैरवी से कोर्ट में सजा की दर को भी 71 प्रतिशत तक ले जान में कामयाब रही है। इससे साफ है कि सरकार भ्रष्टाचार की समस्या को जड़ से खत्म करने के मिशन पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सतर्कता विभाग ने शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल फ्री नम्बर 1064 भी जारी किया है। यही नहीं मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को अंतिम फैसला आने तक आरोपियों को पूर्व के दायित्व या अहम जिम्मेदारी नहीं देने के साथ ही ट्रैप के मामलों में अभियोजन की प्रक्रिया में तेजी जाने के निर्देश दिए हैं।

भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार जारी
वर्ष        गिरफ्तारी     निर्णय     सजा
2021       07          02        02
2022       15          03        01
2023       20          18        16
2024       38          13        07
2025       14          03        02
(नोट साल 2025 के आंकड़े जुलाई 15 तक के हैं)

बड़े बड़ों को किया गिरफ्तार

01 – लोनिवि एई
नैनीताल जिले में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता को ठेकेदार से ₹10 हजार रिश्वत मांगने पर रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया ।

02 – यूपीसीएल जेई
देहरादून के हरबर्टपुर सब स्टेशन के एक जेई को विजिलेंस ने ₹15000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।

03 – एलआईयू कर्मी
नैनीताल जिले के रामनगर में विजिलेंस की टीम ने एलआईयू के उप निरीक्षक और मुख्य आरक्षी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

04 -रोडवेज एजीएम
काशीपुर में रोडवेज सहायक महाप्रबंधक को अनुबंधित बस संचालन के बदले 90 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।

05 – खंड शिक्षा अधिकारी
हरिद्वार के खानपुर ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी को ₹10 हजार की घूस लेते गिरफ्तार किया गया।

06 – जीएसटी सहायक आयुक्त
देहरादून में कार्यरत जीएसटी सहायक आयुक्त को 75 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।

07 – जिला आबकारी अधिकारी
रुद्रपुर में तैनात जिला आबकारी अधिकारी को शराब कारोबारी से 10 लाख रुपए के माल के एवज में 10 फीसदी रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।

हम देवभूमि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त करते हुए, सुशासन की कार्य संस्कृति विकसित करना चाहते हैं। इसी क्रम में मुख्य सेवक के रूप में कार्यभार संभालने के दिन से ही विजिलेंस को भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ने के निर्देश दिए, जिसका असर अब नजर आ रहा है। भ्रष्टाचारियों को अंतिम अदालत सजा दिलाए जाने के लिए भी मजबूत पैरवी की जा रही है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

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