उत्तराखंड एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई,देश के नामी होटल के प्रबंध निदेशक (एमडी) बनकर जीएम से 3.20 करोड़ रुपए ठगी मामले में गुरुग्राम से मास्टरमाइंड को किया गिरफ्तार –
होटल का प्रबंध निदेशक बनकर होटल के ही वित्त एवं लेखा के जीएम को झांसे में लिया, करोड़ों रुपए ठगे, गुरुग्राम से शातिर चढ़ा हत्थे।
उत्तराखंड एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई- एसटीएफ उत्तराखंड व I4C (MHA) के सयुक्त तकनीकी सहयोग से 3.20 करोड़ की साइबर ठगी का मास्टरमाइंड गिरफ्तार ।
फर्जी पहचान और बैंक डिटेल्स का उपयोग कर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाला गिरोह सरगना, हरियाणा के DLF, गुड़गांव से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और फर्जी दस्तावेजों के साथ दबोचा गया ।
साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक दस्तावेज, और फर्जी पहचान पत्र बरामद किये गये।
पीडितों को झांसे में लेने हेतु सोशल मीडिया प्लेटफार्म का किया था प्रयोग ।
पीडित को व्हाट्सएप कॉल और मैसेज के जरिए फर्जी पहचान और बैंक डिटेल्स देकर की जा रही थी धोखाधडी।
ठगी हेतु प्रयोग किये गये बैंक खाते में कुछ महीनों में करोड़ो रूपये का लेनदेन होना पाया गया ।
देहरादून ( उत्तराखंड) : देश के नामी होटल के प्रबंध निदेशक (एमडी) बनकर होटल के ही वित्त एवं लेखा विभाग के जीएम से 3.20 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले शातिर को पुलिस ने दबोच लिया है। शातिर को एसटीएफ की टीम ने हरियाणा के गुरुग्राम के डीएलएफ से गिरफ्तार किया है। आरोपी लोगों को झांसे में लेने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल करता था।
एक आरोपी की पहले हो चुकी गिरफ्तारी: इसके अलावा ठगी के लिए इस्तेमाल बैंक खाते में कुछ महीनों में करोड़ों रुपए का लेन-देन होना पाया गया है. एसटीएफ की टीम ने इस मुकदमे से जुड़े मामले में एक आरोपी को पहले ही पश्चिम बंगाल से गिरफ्तारी कर चुकी है।
होटल के महाप्रबंधक ने दर्ज कराई थी शिकायत: दरअसल, टिहरी निवासी नामी होटल के महाप्रबंधक (वित्त और लेखा) तेजपाल रावत ने देहरादून साइबर थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि बीती 4 मई को उनके पास एक नए नंबर से व्हाट्सएप मैसेज आया था।
शातिर ने होटल के एमडी का नाम-फोटो किया इस्तेमाल: इसमें उसने अपना एमडी वाला नाम बताया और कहा कि यह उनका नया नंबर है। फोटो (डीपी) भी एमडी की ही लगी हुई थी। अगले दिन उसी नंबर से होटल के बैंक खाते की स्थिति मांगी गई। इसके बाद एक नई कंपनी के साथ प्रोजेक्ट शुरू करने के नाम पर 1.95 करोड़ रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया गया।
शातिर ने खुद को एमडी बताकर ठगे: शातिर ठग ने खुद को एमडी बताते हुए दावा किया कि वो मीटिंग में है।यह भुगतान एक स्थानीय प्रोजेक्ट के लिए है. इसके बाद ठग ने एक ट्रेडिंग कंपनी के नाम से इंडसइंड बैंक कोलकाता के खाते में 1.95 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवाए।
इसके बाद बाद 3 करोड़ रुपए अनुबंध सिक्योरिटी के लिए जमा करने को कहा. इस पर तेजपाल रावत ने कहा कि होटल के खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं है. अभी सिर्फ 1.25 करोड़ रुपए का ही भुगतान संभव है. इसके बाद उन्होंने उसी खाते में 1.25 करोड़ रुपए डलवा दिए, लेकिन साइबर ठग रुके नहीं।
ठग ने 1 करोड़ 95 लाख की धनराशि एक ट्रेडिंग कंपनी के खाते में ट्रांसफर करने का अनुरोध किया। जिसके बाद पीड़ित को धोखाधड़ी का संदेह हुआ। तेजपाल रावत की तहरीर के आधार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
वहीं, देहरादून साइबर पुलिस ने बैंक खाते और मोबाइल नंबर खंगाले. जिसमें मुख्य आरोपी निवासी नाथुपुर, गुरुग्राम (हरियाणा) की पहचान की गई. आरोपी शातिर ने फर्जी पहचान और बैंक डिटेल्स का इस्तेमाल कर 3 करोड़ 20 लाख रुपए धोखाधड़ी से ट्रांसफर करवाए थे।
अब आरोपी को गुरुग्राम से ही गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी के पास से ठगी में इस्तेमाल 9 चेक बुक, 5 पास बुक, 2 पैन कार्ड, 2 एटीएम कार्ड, 1 कैश मेमो, 3 स्वैप मशीन, 1 क्यू आर कोड मशीन, 1 फिंगर प्रिंट स्कैनर, 1 आधार कार्ड कॉपी, लैपटॉप, फोन आदि बरामद किया गया है।
“आरोपी ने साइबर अपराध के लिए जिन बैंक खातों का इस्तेमाल किया, उसमें कुछ महीनों में ही करोड़ों रुपयों का लेन-देन होना पाया गया है.”- नवनीत भुल्लर, एसएसपी एसटीएफ।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साईट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अन्जान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे YouTube like सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें, किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें, अन्जान कॉल आने पर लालच में न आये, कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना / दस्तावेज न दें ।
ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर को सर्च न करें ।तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम्स ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। स्कैमर्स वेबसाइट्स और नकली रिव्यू प्रोग्राम्स के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे इनाम देकर भरोसा जीतते हैं तथा फिर धीरे-धीरे उन्हें भारी रकम निवेश करने पर मजबूर कर देते हैं। कम समय में अधिक लाभ के चक्कर में इन्वेस्ट ना करेंव शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें|