उत्तराखंड में दो टनलों का सफलतापूर्वक हुआ ब्रेकथ्रू ,देश की सबसे लंबी रेल सुरंग हुई आर-पार, मुख्यमंत्री धामी और रेल मंत्री भी पहुंचे, जानसू रेल टनल का ब्रेकथ्रू ऐतिहासिक : केंद्रीय रेल मंत्री -अश्विनी वैष्णव।

उत्तराखंड में दो टनलों का सफलतापूर्वक हुआ ब्रेकथ्रू ,देश की सबसे लंबी रेल सुरंग हुई आर-पार, मुख्यमंत्री धामी और रेल मंत्री भी पहुंचे, जानसू रेल टनल का ब्रेकथ्रू ऐतिहासिक : केंद्रीय रेल मंत्री -अश्विनी वैष्णव।

  

देश की सबसे लम्बी रेलवे टनल जानसू का हुआ ब्रेकथ्रू

-ऐतिहासिक बना 16 अप्रैल, उत्तराखंड में सिलक्यारा के बाद देश के सबसे लंबे जानसू टनल का ब्रेकथ्रू, भारत में आज ही चली थी पहली रेल –

उत्तराखंड में आज का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है. आज उत्तराखंड में दो टनलों का सफलतापूर्वक ब्रेकथ्रू हुआ.

ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किलोमीटर लंबी इस ब्रॉडगेज रेल लाइन पर कुल 17 सुरंगें बनाई जा रही हैं, जिनमें से लगभग 104 किलोमीटर का रेल मार्ग सुरंगों के अंदर से गुजरेगा।

देहरादून : केंद्रीय रेल मंत्री बुधवार को एक दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया और उसके बाद देवप्रयाग और जानसू के बीच बन रही जानसू टनल का भी दौरा किया, जिसका बुधवार को ही ब्रेकथ्रू हुआ। इस दौरान उन्होंने रेलवे अधिकारीयों को उचित दिशा निर्देश भी दिए।


ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के तहत पौड़ी के देवप्रयाग और जनासू के बीच देश की सबसे लंबी रेल सुरंग टी-8 और टी-8एम आज आरपार हो गई है। सुरंग के निर्माण में अत्याधुनिक टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का उपयोग किया गया है। जबकि परियोजना की अन्य सुरंगों का निर्माण पारंपरिक ड्रिल एंड ब्लास्ट तकनीक से किया जा रहा है। सीएम पुष्कर सिंह धामी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी कार्यक्रम में जनासु रेलवे स्टेशन पहुंचे। यह परियोजना की सबसे लंबी रेल सुरंग है। इस मौके पर गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी व कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी मौजूद रहे।


ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किलोमीटर लंबी इस ब्रॉडगेज रेल लाइन पर कुल 17 सुरंगें बनाई जा रही हैं, जिनमें से लगभग 104 किलोमीटर का रेल मार्ग सुरंगों के अंदर से गुजरेगा। इनमें से केवल तीन सुरंगें ही ऐसी हैं, जिनकी लंबाई 3 किलोमीटर से कम है। शेष 12 सुरंगों की लंबाई 3 किलोमीटर से अधिक है। सुरंग सुरक्षा नियमों के अनुसार, तीन किलोमीटर से अधिक लंबाई वाली प्रत्येक सुरंग के समानांतर एक निकास सुरंग भी बनाई जा रही है। मुख्य सुरंग और निकास सुरंग को 375 मीटर की दूरी पर क्रॉस पैसेज के माध्यम से जोड़ा गया है, ताकि आपात स्थिति में यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा सके।


14.57 किमी लंबी डबल ट्यूब सुरंगें
देवप्रयाग से जनासू के बीच बन रही ये दोनों (डबल ट्यूब) सुरंगें कुल 14.57 किलोमीटर लंबी हैं। इस क्षेत्र की भूगर्भीय संरचना अद्वितीय होने के कारण इन सुरंगों की खुदाई के लिए जर्मनी से विशेष टीबीएम मशीनें मंगाई गई थीं। इन सुरंगों के निर्माण के लिए जनासू से लगभग 1.525 किलोमीटर की दूरी पर एक वर्टिकल शाफ्ट (कुआंनुमा सुरंग) भी बनाया गया है, जिसके माध्यम से खुदाई का कार्य किया गया था।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहाड़ पर रेल लाने का जो सपना था, वह अब साकार होता नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ महीनों में यह सुरंग पूरी तरह से तैयार हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने सुरंग निर्माण में लगे सभी इंजीनियरों, तकनीकी विशेषज्ञों और श्रमिकों को इस ब्रेकथ्रू के लिए शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने इसे तकनीकी प्रगति, परिश्रम और सामूहिक प्रयासों का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह उपलब्धि आने वाले समय में प्रदेश के लिए विकास और कनेक्टिविटी के नए रास्ते खोलेगी।

uttarakhandlive24
Author: uttarakhandlive24

Harrish H Mehraa

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